हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
मेरा नाम धनीराम है। मै जबलपुर में रहता हूँ। मेरी उम्र 36 साल की है। मै एक शादीशुदा मर्द हूँ। मेरी बीबी का नाम सुलोचना है। वो बहुत ही गजब का माल लगती है। मर्दो का लंड तो फौरन ही खड़ा करवा देती है। मेरे पड़ोस के ही गांव में उसका घर था। मै भी उसकी बड़ी बड़ी चूंचियो को देखकर उस पर फ़िदा हो गया था। हम दोनो एक दूसरे को चाहने लगे। धीरे धीरे मै उसे बुलाकर कही सुनसान जगह पर ले जाकर खूब मजे लेता था। उसकी चूंचियो को दबाता था। उसकी चूत में ऊँगली करके उसे गर्म करता था। वो जब चुदने को तड़पने लगती थी। तो अपना 10 इंच का लंड उसकी चूत में डालकर उसकी चूत की गर्मी को शांत करता था।
हमारी शादी चुदाई करते पकडे जाने की वजह से हो गई थी। मेरा तो शादी से पहले ही उसकी चुदाई कर करके मन भर गया था। मजबूर होकर मुझे शादी करनी पड़ी थी। उस समय मैं 23 साल का था। लेकिन सुलोचना आज भी जबरदस्त माल दिखती है। मैंने शादी के बाद उसकी चुदाई करके उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया है। अब तक उसने दो प्रोडक्ट(बच्चे) तैयार कर चुकी थी। उसकी उसकी चूत को मैंने फाड़ फाड़ कर उसका भरता बना डाला। चूंचिया तो उसकी अब नींबू से खरबूजा बन गई। अब उसका फिगर और भी ज्यादा आकर्षक लगता है। सुलोचना ज्यादा सलवार कुर्ता ही पहनती है। उसकी चूंचिया बहुत ही रोमांचक लगती हैं। मेरे गली मोहल्ले के लोग उसे ताड़ते रहते है। वो भी सभी को लाइन देती रहती है। मेरा उससे कुछ दिन से झगड़ा चल रहा था। दोस्तों मै आपको बताना ही भूल गया मेरा जबलपुर में ही बहुत बड़ा सैलून की शॉप है। मैं पूरा दिन वही रहता हूँ। मैं कुछ दिनों से उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था। रोज लंड खाने की आदत थी उसकी। कुछ दिन से मेरी बीबी ने फोन नही किया। दोस्तों मुझे शक होने लगा। कही ये किसी और का लंड तो नही खाने लगी है। मैंने प्लान बनाया। मै दूसरे दिन घर से निकल कर शॉप पर जाने लगा।
लेकिन पीछे का दरवाजा मैंने खोल दिया था। चुपके से पीछे के दरवाजे से अंदर आकर अपने रूम में छिप गया। मेरे रूम के सामने बरामदा था। ठीक उसी के सामने उसका भी कमरा था। कुछ देर बीता कोई भी नहीं आया। न ही कोई आवाज आ रही थी। मैं बोर होने लगा। सोचने लगा कि मेरा रुकना बेकार हो गया। तभी मुझे वो बाथरूम से नंगे ही नहाकर निकलती हुई दिखाई दी। आज तो कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी। मेरे बच्चे स्कूल चले गए थे। अपनी चूंचीयो को तौलिये से पोंछती हुई आ रही थी। मुझे बात करते किसी मर्द की आवाज सुनाई दी। वो कानो में फ़ोन लगाए हुए किसी से बात कर रही थी।
सुलोचना- “मेरे अनूप राजा आ जाओ जल्दी!! आज मैं देर तक तुम्हारा लंड खाना चाहती हूँ”
मुझे पता चल गया। उसका नाम अनूप है। वो भी उधर से कह रहा था।
अनूप- “आ रहा हूँ मेरी जान थोड़ा कंट्रोल करो। आकर अभी तुझे अपना लंड खिलाता हूँ”
सुलोचना- “जल्दी आना अभी अभी मेरे वो गए हुए हैं। शाम तक वापस आएंगे”
अनूप- “कुछ खाना हो तो बता दो। मै ले आऊं”
सुलोचना- “तुम्ही आओ जल्दी मुझे तुम्हारा लंड खाना है”
आ रहा हूँ कहकर उसने फ़ोन रख दिया। इधर मेरी रंडी पत्नी चुदवाने को तड़प रही थी। बहुत ही खुश लग रही थी। मुझे नहीं पता था कि साली कुतिया इस तरह निकलेगी। मै भी उसकी चुदाई का पूरा कार्यक्रम देखने के लिए बैठा रहा। उसने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी। आज क्या जबरदस्त का लुक बना रही थी। इतना तो शादी में भी नहीं सजी सँवरी थी। पहली बार उसे रंडियों जैसे सजते देख रहा था। गालो पर खूब पावडर लगाकर सावली से गोरी बन गई। होंठो पर लाल लिपस्टिक लगाकर काले रंग का लिपलाइनर लगा रही थी।
मेरा लंड मिसाइल की तरह खड़ा होता जा रहा था। मैं भी आज सब कुछ देखना चाहता था। चुपचाप अपना लंड निकाला और उसे देख देख कर मुठ मारने लगा। उसने ब्रा को पहना और पैंटी भी आधी पहनी थी। वो चूत के बालो को छूकर देखने लगी। उसकी चूत घने जंगल से घिरी हुई थी। वो मेरा शेविंग वाला रेजर उठा लाई। उसी से बैठ कर क्रीम लगाकर मुंडन करने लगी। आज पूरी चुदने की तैयारी हो रही थी। काश मुझे आज देखना ना होता तो मैं उसकी चूत को काटकर खा जाता। बालो को वो जल्दी जल्दी झर्र झर्र…. की आवाज के सब कुछ साफ़ करके। बालो को उठाकर पास की रखी कूड़ा वाली बाल्टी में डाल दिया।
तभी दरवाजे के खटखटाने की आवाज आ रही थी। उसने दौड़ कर जाकर दरवाजा खोला। मैंने उस मर्द को पहली बार देखा था। वो भी उसे ब्रा में देखकर अपना मिसाइल खड़ा कर दिया। उसकी पैंट का तुरंत ही तंबू बन गया। तंबू का बम्बू बहुत ही बड़ा लग रहा था। उसने भी जल्दी से कपड़े उतारे और कच्छे में होकर पास ही रखे सोफे पर बैठ गया। मेरी बीबी उसकी गोद में जाकर बैठ गई। दिल तो करता था अभी दोनों का मर्डर कर डालूं लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। चुपचाप सारा नजारा देख रहा था।
सुलोचना- “जानू कितना चुभ रहा है तुम्हारा लंड”
अनूप- “तूने दर्शन ही ऐसा करा दिया कि मेरा लंड खड़ा हो गया”
सुलोचना- “काश मै तुम्हारे लंड के साथ रोज खेल पाती”
अनूप- “तेरा पति जान गया तो तेरी गांड फाड़ डालेगा”
सुलोचना- “उसी का तो डर रहता है। नहीं तो मैं तुझसे हर रोज चुदवाती”
अनूप- “मै भी तुझे बहुत दिनों से चोदने को परेशान था। लेकिन मौका ही नहीं मिला”
सुलोचना- “आज मैं भी कई दिनों बाद तुम्हारा लंड खाने जा रही हूँ। बहुत दिन हो गए तुम्हारे लंड के दर्शन को। जल्दी से मुझे अपने बाबा का दर्शन कराओ”
अनूप- “इतनी भी क्या जल्दी है। अभी अभी तो वो गए है, पूरा दिन पड़ा है। आज तो मै तुझे चोद कर अपनी वर्षो की प्यास बुझाऊंगा”
सुलोचना- “तो देर किस बात की मेरे राजा!! आज तुम फाड़ डालो मेरी चूत। ये भी काफी दिनों से लंड की प्यासी है। आज इसे फाड़कर इसका भरता बना डालो”
अनूप- “बहुत दिनों से तुम्हारी चूत को लंड नहीं मिला”
सुलोचना सोफे पर किनारे होते हुए कहने लगी- “हाँ अनूप मेरे और उनके बीच झगड़ा चल रहा है। वो मुझे चोदना तो दूर मेरी तरफ देखते भी नहीं है”
उसने मेरी बीबी को चिपकाते हुए कहा- “कोई बात नहीं आज मै तुम्हारी इस तड़प को मिटाऊंगा। तेरी चूत को मै पुराने दिनों वाली याद दिलाऊंगा। जब मैं पेलता था तो तुम मम्मी मम्मी चिल्लाती थी”
सुलोचना- “अब देर ना करो। तुम्हारा तना लंड देखकर मुझसे रहा नहीं जाता”
इतना कहते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गए। मुझे आज सीधा ब्लू फिल्म देखने को मिल रहा था। मै देख देख कर मुठ मार रहा था। दोनों खड़े हो गए। उसका कद मेरी बीबी से कही बड़ा था। उसने मेरी बीबी के चेहरे को उठाया और झुककर किस करने लगा। मेरी बीबी भी अपनी पैरों की अंगुलियों के सहारे लंबी होकर उचक कर किस कर रही थी। क्या नजारा था। कामदेव भी देख कर खुद काम लगा दे। ऐसा किस तो मैंने न किसी मूवी में, न ही किसी ब्लू फिल्म के देखी थी। आज मैं पूरा सीन देखने के लिए व्याकुल हो रहा था। जिसका किस करना इतना जबरदस्त हो वो चुदाई कितनी अच्छी करेगा।
दोनों ने करीब 15 मिनट तक किस किया। बिना रुके इतना लंबा किस किया। दोनों हांफते हुए एक दुसरे की तरफ देख रहे थे। सू ….सू ..सू.. सू …की जोर जोर से साँसे ले रहे थे। दोनों ने फिर से एक बार किस का मजा लिया। इस बार वो चूंचियां दबा दबाकर धीमें धीमे कर रहा था। चूंचियो को दबाते ही वो
“……अई… अई…. अई…… अई…. इसस्स्स्स्स्……. उहह्ह्ह्ह….. ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी निकलने लगती। होंठो को काटती हुई वो कस के छिपकली की तरह उसे चिपक रही थी। वो उसकी ब्रा के ऊपर से ही खरबूजों को दबाकर मजा ले रहा था। उसका बड़ा बड़ा खरबूजा भैंस की थन जैसे हिल रहा था। वो भी उसे उछाल उछाल कर आनंद ले रहा था। मुझे भी बड़ी उत्तेजना होने लगी। अभी तक मेरे अंदर भी आग लगी थी। लेकिन वो मेरे मुठ मार के स्खलित होते ही कम हो गई। मै अब सिर्फ उन दोनों को देख कर मजा ले रहा था। सुलोचना नीचे बैठ गई। उसके लम्बे लम्बे रेशमी काले बाल उसकी पीछे गांड तक को ढके हुए था। उसकी बालो को हटाते हुए अनूप उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा।
अब वो उसकी चूंचियो को पीने को तड़पने लगा था। उसकी ब्रा को निकाल कर उसके दोनों खरबूजे जैसे चुच्चो के दर्शन करने के लिए उसे सोफे ओर लिटा दिया। उसकी दोनो बूब्स को हाथो से दबा दबा कर भरता बना रहा था। कुछ ही पलों बाद उसने अपना मुह उसकी निप्पल पर लगाकर दूध निचोड़ कर पीने लगा। उसकी चूंचियो का मजा ले ले कर चुसाई कर रहा था। निप्पल को दांतों से पकड़ कर खींच रहा था। मेरी बीबी सुलोचना अपने आशिक अनूप के सिर को पकड़ कर कहने लगी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा… क्यों मेरे राजा इतने दिन की तड़प को इन चूंचियो पर क्यूँ निकाल रहे हो?? मेरे राजा अपने मिसाइल को मेरी चूत में छोड़कर दिखाना। इतना कहते ही उसने अपना कच्छा निकाला और फेंक कर कहने लगा- “मेरी जान मिसाइल तैयार है। तुम भी अब मेरी मिसाइल से खेलने को तैयार हो जाओ”
इतना कहकर उसने अपना लंड उसकी मुह पर लगा दिया। उसका लंड वाकई तारीफ़ करने के लायक था। मेरे लंड से भी काफी बडा था। जो कुछ भी कसर मुझसे छूटी थी उसकी चूत का भोषणा बनाने में वो अब पूरी होने वाली थी। सुलोचना अपना मुह अनूप के लंड पर लगाकर आइसक्रीम की तरह चाटने लगी। लंड खड़ा होता जा रहा था और भी भयानक होता जा रहा था। सुलोचना कुछ देर तक उसके लंड को मुठियाते हुए साईकिल की पम्प की तरह चला रही थी। उसका पम्प मोटा होता जा रहा था। दोनो गोलियां झूलती हुई दिखाई दे रही थी। मेरी बीबी ने कुछ देर तक उसके लंड के दोनों रसगुल्लों को भी चूसा। अपनी पैंटी निकाल कर दोनों टांगो को सोफे पर बैठे बैठे ही फैला दी। अनूप उसकी चूत के दर्शन करते ही वो कहने लगा- “पहले से कितनी रसीली चूत हो गई है तेरी बुर। जी करता है इसका सारा रस निचोड़ कर पी लू”
सुलोचना- “पी लो मेरी चूत के राजा!! आज सारा रस निकाल दो मेरी चूत का। मुझे बहुत खुजली हो रही है चूत में। आज इसे बुझा दो”
इतना सुनते ही अनूप ने अपना मुह उसकी चूट पर लगाकर चाटने लगा। कुत्ता जैसे अपने मालिक को चाटता है वैसे ही उसने अपना जीभ लगाकर उसकी चूत को नीचे से ऊपर तक चाट रहा था। वो उसका सर अपनी चूत में दबा कर “आआआअह्हह्हह….. ईईईईईईई…. ओह्ह्ह्…. अई. . अई.. अई….. अई.. मम्मी….” की आवाज निकाल रही थी। सुलोचना की जोशीली आवाज को सुनकर वो और जोर जोर से चाट रहा था। ये सब देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया था। मैं किसी तरह से खुद को रोक रखा था। दोस्तों कभी आप सोचो आपकी बीबी किसी गैर मर्द के साथ इस तरह कर रही हो तो आप को कैसा लगेगा। मै भी बहुत हिम्मत जुटा के रुका था। अनूप उसकी भोसड़ी का दाना पकड़ कर खींच रहा था। उसकी चूत की नहर में पानी आ गया। अनूप कुत्ते की तरह चाट रहा था।
अपनी जीभ लंबी को उसने मेरी बीबी की चूत में घुसाकर सारा माल अंदर तक साफ़ कर दिया। उसके बाद उसने उसकी टांगों को अच्छे से फैलाकर अपना लंड उसकी छेद पर लगा दिया। धक्का मार कर उसने अपना आधा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। लंड घुसते ही वो जोर से “ओहह्ह्ह …ओह्ह्ह्ह …अह्हह्हह …अई ..अई . .अई … उ उ उ उ उ…” चिल्लाने लगी। उसकी आवाज से पूरा बरामदा गूँज उठा। उसने फिर से जोर का धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत को समर्पित कर दिया। सुलोचना की चूत भी पूरा लंड खा गई। वो जोर जोर से धक्का मार कर अपना लंड घुसाकर अंदर बाहर कर रहा था।
वो चिल्लाती लेकिन अनूप भी न सुनकर झटके पर झटका लगा रहा था। उसकी चूत भी दुप दुप हो रही थी। उसका लंड जड़ तक घुसकर उसकी चूत की आज सफाई कर रहा था। चूंचियो को पीते हुए वो कमर उछाल उछाल कर चुदाई कर रहा था। कुछ देर तक सम्भोग करने के बाद उसने सुलोचना को उठाया। उसको दीवाल के सहारे करके एक टांग उठाकर चोदने लगा। उसे भी अब चुदवाने में मजा आ रहा था। सुलोचना को भी “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज के साथ चुदवा रही थी।
इतनी जबरदस्त चुदाई के प्रदर्शन पर तो पुरस्कार देने को मन कर रहा था। मुझे समझ आ गया कि सुबह वो गाना गाकर क्यों खुश हो रही थी। उसके चूत का राजा आज उसे मिलने वाला था। बीबी साहिबा ने झुककर उसका लंड अपनी चूत में डलवा कर सेक्स रही थी। वो भी हचक हचक कर अपना लंड बुर में डाल डाल कर निकाल रहा था। उसकी चूत का तो भरता बन गया। इतनी जोर की चुदाई से वो कई बार झड़ चुकी थी। मेरी बीबी का आशिक अनूप कह रहा था “पहले तो तू ज्यादा देर तक चलती थी। अब तो जल्दी जल्दी पिचकारी छोड़ने लगती है”
बार बार उसके पिचकारी छोड़ने चूत में माल गिरा दिया। अनूप ने अपना लंड निकाला। उसके लंड पे लगा माल टप टप नीचे गिर रहा था। उसने अपना लंड सुलोचना कुतिया के गांड के छेद पर लगा दिया। मलाई लगे लंड को गांड में पेलने लगा। उसका सुपाड़ा धक्का मारते ही अंदर घुस गया। धक्कम धक्का मार कर पूरा लंड उसकी गांड में घुसाकर चुदाई करने लगा। गांड चुदाई करते ही वो जोर से “आऊ….. आऊ…. हमममम अहह्ह्ह्हह …सी सी सी सी.. हा हा हा..” की आवाज के साथ गांड हिला हिला कर चुदवा रही थी। बार बार पेलते पेलते वो भी हार गया। अनूप लंड बाहर निकाल कर सोफे पर बैठ गया। अब मेरी बीबी सुलोचना उसके पास आ गयी और गांड की छेद से लंड को सटाकर ऊपर ही बैठ गई। धीरे धीरे करके पूरा लंड गांड में घुसा ली। उसके बाद वो ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी। मूड में आकर खूब जोर जोर से चुदाई करनी शुरू कर दी। उसके आशिक अनूप का लंड भी कुछ ही देर में जवाब देने लगा। वो कहने लगा- “मै छूटने वाला हूँ। बताओ जल्दी कहा माल गिराऊं”
सुनते ही मेरी रंडी बीबी अपनी गांड से उसका लंड निकाल कर अपने मुह में ले ली। अनूप ने उसके मुंह में ही रस छोड़ दिया। दोनों ने आज खूब मजा लूटा। चुदाई करने के बाद दोनो ही थक कर पसीने से भीगे हुए चिपक कर बैठ गए। बच्चो के घर आने से पहले वो चला गया। मैंने शाम को पीछे के दरवाजे से निकल कर शाम को घर आने का नाटक किया। रात में सुलोचना को कई घंटों तक चोद कर खूब रुलाया। मैंने उस दिन दवा खाकर उसे पेला। माल गिरने को रोक रोक कर अपनी छिनाल बीबी को खूब चोदा और बदला ले लिया। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।