हेलो दोस्तों मैं रणबीर दिल्ली से हु, आज मैं आपको मस्त मस्त कहानी सुना रहा हु आशा करता हु आपका लण्ड खड़ा होने से कोई रोक नहीं पायेगा, आज रात को मेरे साथ क्या वाक्या हुआ मैंने आपके सामने पेश कर रहा हु, मेरे दिलो दिमाग में या वाक्या बैठ गया है, मैं आपको पूरी कहानी सुनाता हु.
मैं अभी ३६ साल का हु, जब मैं कानपूर से दिल्ली आया था उस समय मेरी ऐज २५ साल की थी, मेरे पडोश में एक फैमिली रहती थी, उनकी दो बेटियां ही थी, एक करीब आठवी में और एक चौथी में पढ़ती थी, मैं उस मकान में करीब ४ साल तक रहा था इस वजह से वो लोग अच्छे तरह से पहचान गए थे, फिर मैंने वह से मकान खली कर दिया और कही और रहने लगा इस दरम्यान कई जगह चेंज किया, इस साल जहाँ मैं चेंज कर के आया, एक दिन पार्क में घूमते घूमते वही फैमिली मिल गयी, वो हाल चाल पूछने लगी, बड़ी बेटी तो शादी कर के चली गयी, और छोटी बेटी की शादी तो हो गयी पर उसने अपने हस्बैंड से तलाक ले लिया, मैंने पूछा और इनके पापा तो वो लोग बोले की वो आज कल दुबई में रहते है साल में दस दिन के लिए ही आते है. फिर मैंने पूछा बड़ी बेटी आपकी तो बोली वो अपने ससुराल में रहती है, और छोटी बेटी तो आप देख ही रहे हो, मैंने पूछा क्या बात है तलाक क्यों हो गया तो बोली क्या बताऊँ बोलने लायक बात नहीं है.
वो लोग मेरे निचे के फ्लोर में रहते थे, अचानक मेरी वाइफ को गाँव जाना पड़ गया मैंने अकेला था यहाँ पर, तो निचे बाली आंटी बोली रणबीर ऐसा करना तुम्हारी वाइफ नहीं है यहाँ पे तो तब तक मेरे यहाँ ही खा लेना, मैंने कहा ठीक है रात का खाना मैं आपके यहाँ ही खा लूंगा, शाम को करीब ६ बजे आंटी आई और बोली रणबीर मेरी माँ का तबियत बहुत खराब है मुझे अभी हिसार जाना पड़ रहा है, ध्यान रखना मेरे घर का भी और नेहा घर पर ही है( नेहा उनकी छोटी बेटी) तुम्हारा खाना वही बन रहा है खा लेना. और वो चली गई.
रात को करीब साढ़े नौ बजे मैं खाना खाने के लिए उसके घर गया, वो दरवाजा खोली और मुझे बड़े ही आदर से बुलाया, क्या बताऊँ यार क्या लग रही थी, उसने पिंक कलर की नाईटी पहनी थी, नाईटी शरीर से चिपका हुआ था उसके शरीर का अंग अंग दिख रहा था नाईटी के ऊपर से ही, उसपर से वो ब्रा नहीं पहनी थी, माय गॉड, मेरी तो धड़कन बढ़ गयी, उसको देख कर क्यों की उसकी चूचियाँ बड़ी बड़ी थी और वो थोड़ी मोटी भी थी, श्यामली थी, घर में गुलाब की भीनी भीनी खुशबु आ रही थी मैंने पूछा खुशबु बड़ी अच्छी आ रही है, बोली हां ये खुसबू आपके लिए है, और मुस्कुरा दी, मैं चुपचाप सोफे पे बैठ गया, और उसके घर को निहारने लगा, जब भी मौक़ा मिल रहा था मैं उसको देख लेता था क्यों की मुझे ये भी लग रहा था की अगर मैं टक टकी लगा कर देखूंगा तो पता नहीं वो क्या सोचेगी, पर मेरी धड़कन तेज हो गया था.
वो मेरे सामने बैठ गयी, अब उसकी नाईटी के ऊपर से दोनों चूच का थोड़ा थोड़ा गोल गोल पार्ट बीच में दरार दिखने लगा था और पूरा चूच कपडे के ऊपर से ही दिख रहा था, कपडे जाँघों में चिपके थे, यहाँ टक की पेट पे नेवल भी दिख रहा था कपडे के ऊपर से ही, मैं तो पागल हो रहा था, मुझे बस देखना था और खाना खाके ऊपर जाके मुझे मूठ मारना था उसकी याद में. थोड़ा देर तक इधर उधर की बात हुयी फिर बोली मैं खाना लगाऊं तो मैंने हामी भर दी, वो किचन के लिए जाने लगी पीछे से उसके दोनों चूतड़ ऊपर निचे जैसे जा रहा था मेरा कलेजा कट रहा था, ऐसा लग रहा था मैं दौड़कर पकड़ लू उसे, तभी वो एकदम से मुड़ी और मुझे देखि उस समय मैं आँख पहाड़ पहाड़ के आँखे सेक रहा था, मैं शर्मा गया, वो मुस्कुरा दी.
जब तक वो खाना निकाल रही थी मेरे मन में कई सवाल आ रहे थे, की ये सारे कुछ नार्मल तो नहीं है, ऐसा तो कोई नहीं करता है रात के करीब १० बजने बाले है, और वो मुझे इस तरह से देख रही है , बलखा के चल रही है, कुछ तो है इस लड़की के मन में, मैंने एक लम्बी सांस ली, अब मुझे लग रहा था की काश आज रात मैं इसके साथ बिताता तो आनंद आ जाता, वो खाना लेके आ गयी, सेंटर टेबल पर ही हम दोनों खाना खाए, वो मुझे कातिल नज़रो से देख रही थी और बात चित भी चल रही थी. खाना खाकर हाथ मुह धोया और मैंने बोला थैंक्स, तो बोली क्यों किस बात का ये तो मेरा फ़र्ज़ है, मैं कहा थैंक्स आपने इतनी की मेरे लिए, तो वो बोली फिर मेरे लिए भी कुछ कर दो और मुस्करा दी. मैंने कहा समझा नहीं, बोली बस मैं यहाँ कह रही हु, माँ यहाँ नहीं है मुझे अकेले डर लगता है, आपके यहाँ भी कोई नहीं है तो आप रात में यही सो जाओ ऐसे भी कल संडे है ऑफिस तो जाना नहीं है आपको.
मैंने कहा ठीक है, बैठ के बातचित करने लगे, फिर मैंने पूछा क्या बात है आप इतने सुन्दर हो फिर भी आपका पति छोड़ दिया है, तो बोली उसने नहीं छोड़ा मैंने उसको छोड़ दिया, क्यों की वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाटा था, और एक साल में एक दिन भी सेक्स नहीं किया, आप बताओ मैं क्या करती, और रोने लगी, मैंने उसके पास बैठ गया और पीठ पे हाथ रख दिया, क्यों की वो मेरे से आधे उम्र की थी, उस समय मुझे खराब लगा पर वो मेरी आँखों में आँखे दाल के देखने लगी और उसके होठ सकपकाने लगे, थोड़ा वो बढ़ी थोड़ा मैं बढ़ा दोनों के होठ मिल गए, वो मेरा पीठ सहलाने लगी मैंने उसका पीठ, वो और करीब हो गयी उसकी चूची मेरे साइन को टच किया तो ऐसा लगा गुलाब का फूल मेरे साइन से रगड़ खा रहा हो, फिर होश ना रहा, मेरा हाथ उसके पुरे शरीर को टटोलने लगा और वो भी मेरे शरीर को टटोलने लगी आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.
फिर दोनों खड़े हो गया और एक दूसरे को थामे हुए, बैडरूम में आ गए, वो निचे मैं ऊपर मेरे हाथ में उसका चूच जो की समा नहीं रहा था, और होठ को चूस रहा था, कब हम दोनों ने अपने अपने कपडे उतार दिया पता ही नहीं चला अब बचा तो साँसे अलग अलग और जिस्म एक हो गया, चूत उसकी गीली इतनी हो गयी थी की मेरा लौड़ा चूत में अनायास ही आ जा रहा था, चूत काफी टाइट था इसवजह से जब बहार मेरा लण्ड निकलता अंडर डालने में थोड़ा जोर लगाना पड़ता वो अपनी आँखे बंद कर के होठो को दाँतों से दबा के, मेरे पीठ को सहलाते हुए, अपने पैरों से मुझे फसाते हुआ, निचे से धक्का दे रही थी, और मैं ऊपर से धक्का दे रहा था, फच फच की आवाज और आअह आआह आआअह आआह्ह्ह्ह की आवाज आ रही थी, करीब एक लय में आधे घंटे तक चोदने के बाद हम दोनों निढाल हो गया मेरा सारा वीर्य उसके चूत में लबालब भर गया था, करीब १० मिनट टक पड़े रहे फिर लण्ड निकाला जब छोटा हो गया था, उसको चूमा और एक दूसरे को पकड़ के बात करने लगे, वो कहने लगी आज मैं संतुष्ट हुई हु, आज रात भर मुझे इसी तरह से सेक्स करो, रात में करीब ४ बार मैंने उसको चोदा. और सो गया मैंने अभी अपने कमरे में नहा के ये कहानी लिख रहा हु, बिलकुल ताज़ी है इसवजह से मैंने अच्छे तरीके से उस समय को शब्दों में आपके सामने ला पाया हु.