मैने यहाँ कुछ कहानियाँ या आप बीती पढ़ी. मैं मेरा एक बहुत ही ना भूलने वाला एक्सपीरियेन्स आप के साथ शेर करने जर आहा हूँ. बात इसी 31स्ट्रीट डिसेंबर की है. और साल के आखरी पल और शुरू होने के बीच के वक्त मे मेरी एक बहुत ही जबरदस्त तमन्ना पूरी हो गयी. मैं 38 साल का शादीशुदा यंग हूँ. मैने ऐसा सुना है की मैं स्मार्ट हूँ मेरी हिएगत 5 फीट 7 इंच है और गोरा भरा हुआ शरीर है 7.5 इंच का लंबा लॅंड और 2.5 इंच मोटा है. वैसे तो शादी से पहले मैं कुछ लड़कियों और औरतों के साथ चुदाई का मज़ा ले चक्का हूँ. लेकिन ये अनुभव मेरे लिए बहुत ही ख़ास है.मैं और अनिल बहुत गहरे दोस्त है. उसके शादी को 6 साल ही हुए थे. उसकी बीवी का नाम अल्पना है और वो बहुत ही सेक्सी दिखती है. मेरी बीवी से उनकी अच्छी दोस्ती है. और मुझे वो नवीन भाय्या कह कर बुलाती है. अल्पना भाभी का फिगर 34 28 36 का है. गोरा रंग ओर गुलाबी होत है. मैने काई बार देखा की वो सारी अपनी नाभि से नीचे बँधती है और उनकी चुचिया ब्लाउस मे इस तरह बाहर निकली होती है की दिल करता ही उन्हे अभी दबा डून. मेरी नज़र उनकी चूंचियों पर अटक जाती थी. उनकी नाभि काफ़ी गहरी थी…, पेट गोरा चिकना और सपाट. उनकी उमर 32 होगी लेकिन वो 25 की दिखती थी. होंठ हमेशा रस से भरे दिखाते थे. ऐसा लगता था की अभी इन्हे चूज़ लून. मैं जब भी उनके घर जाता तो वो मुझे पानी देने या छाई दें एके लिए नीचे झक्ति तो उनके बूब्स की घाटी मुझे दिख जाती और मेरा लंड पंत मे ही हरकत करने लगता था. मैने काई बार उन्हे याद करके मूठ भी मारी है. कुछ दिन पहले जब मेरी बीवी एक महीने मयके रह कर वापस आई, उसके बाद मैने अल्पना की नज़र मे तोड़ा बदलाव देखा. अब जब भी मेरा लंड खड़ा होता और पंत के उपर उसका उभरपन दिखता तो अल्पना जानबूझ कर मेरे आस पास आती फिर अपनी सारी का पल्लू तोड़ा गिरती और झुक कर अपनी चुचियाँ मुझे दिखती. वो ये सब ऐसे करती मानो अंजआअनए मे हो गया हो. तब मेरा लंड आपे से बाहर हो जाता. एक बार तो मेरी हालत बहुत खराब हो गयी और मैं उनके बातरूम मे ही पेशाब के बहाने से मूठ मरने के लिए गया. और वाहा मैने अल्पना की बिना धूलि ब्रा और पनटी देखी. ब्रा को हाथ मे ले कर मैने सोचा की इन्ही के अंदर वो कबूतर क़ैद रहते है.. उसे चूमा और अल्पना के पसीने की स्मेल ले. फिर पनटी उठाया.. नरम छोटी सी पनटी. वो जगह जहाँ अल्पना की छूट होती है, उसपर दाग लगा था और उसमे से उसके पसीने की, पेशाब की और उसके छूट के जूस की मिली जुली एक मादक स्मेल आ रही थी. मैने उस पनटी को मेरे सूपदे पर रखा और मूठ मरने लगा. और मेरा क्रीम उसकी पनटी मे ही डाल दिया. फिर मुझे दर लगा की अल्पना क्या सोचेगी. लेकिन अब तो पनटी मेरे क्रीम से भर गयी थी. उसे मैने वापिस पखा और फिर बाहर आ गया. उसके बाद 2 दिन तक मैं उसके घर नही गया. अचानक अनिल का एक दिन फोन आया “यार तू कहाँ है” मैने कहा “यहीं हूँ” तो फिर आज शाम को भाभी को ले कर आ “ मैने कहा “ठीक है” शाम को रीमा को लेकर मैं उसके घर गया. मैने देखा आज अल्पना मुझे तिरछी नज़र से देख रही है. उसने आज बहुत ही पतली गुलाबी सारी पहनी थी और ब्लाउस भी मॅचिंग था. और डीप कट था सामने से. आज उसकी चूंचिया कुछ ज़्यादा ही बाहर दिख रही थी. मेरी फिर हालत खराब हो रही थी. मैने देखा वो मेरे पंत के फूले हिस्से को देख रही थी और मुस्कुरा रही थी. मैने कहा मुझे बातरूम जाना है. तो वो मेरे पीछे आई और कहा” आज कोई कपड़ा खराब मत कर्मा” इतना कह कर वो चली गयी. मैं कुछ नही बोला और अंदर जा कर फिर उसकी पनटी और ब्रा को स्मेल किया पनटी को लंड पर रखा और मूठ मारी लेकिन आज मैने पनटी पर नही गिराया. और मैं बहार निकला तो देखा अल्पना मुस्कुरा रही है. बाहर निकलते हुए मैने देखा की बातरूम के दरवाजे पर एक छोटा सा होल है. मैं समझ गया की शायद अल्पना इसमे से अंदर मुझे मूठ मरते हुए देखती है. खैर आग दोनो तरफ थी लेकिन मौका भी नही मिल रहा था और हिम्मत किसी की नही हो रही थी. मेरा दोस्त एक मंक मे मार्केटिंग मे अच्छे पोस्ट पर है और इस 31स्ट्रीट डिसेंबर पेर वो 10 देनो कई लेआई बाहर गया हुआ था. मेरी बीवी भी अपने भाई के घर गयी थी उसके लड़के के बर्तडे मे. मैने सोचा 31 अनिल के साथ मनाया जाए और अल्पना के सेक्सी लुक्स लेकर रात को मूठ मारा जाए. मैं उसके घर गया तो अल्पना भाबी अकेले थे. मैने पूंचा अनिल कहाँ है. तो उन्होने कहा वो तो 10 दीनो के लिए तौर पर गये है. मैं निराश हो गया और वापस जाने के लिए मुड़ा . भाभी ने रोका और पूंचा कुछ काम था. मैने उन्हे अपने आने का कारण बताया. अल्पना भाबी बहुत शरारती और सेक्सी है. वो मुजसे हँसी मज़ाक करने लटी आजकल. उस दिन वो अकेले थे. उन्होने कहा नवीन खाना यहीं खलो और फिर हम मोविए देकेंगे. मैने कहा रीमा को एक फोन कर देता हूँ. वो भी आज अपने भाई के लड़के के बर्त दे मे गयी हुई है. शायद रात मे नही लौटेगी. फिर मैने रीमा को फोन किया तो पता चला की वो नाइट शो मोविए देखने गयी है और आज रात अपने भाई के घर ही रुकेगी. मैं रिलॅक्स हो गया. मैने ये बात अल्पना को बता दिया. मैने उसकी आँखों मे अज़ीब सी चमक देखी. ह्युमेन खाना खाया और फिर हम साथ मे मोविए देखने लगे. तभी उसके हज़्बेंड का फोन आया. मैं उसके साथ सुन रहा था. कुछ बातें दोनो ने की. फिर अनिल ने पूंचा क्या वो अकेली है? अज्ज नवीन आया या फोन किया? अल्पना ने विदाउट हेसिटेशन कह दिया “नही वो खुद भी नही आए और ना ही फोन किया.” अनिल ने कहा “अज़ीब आदमी है मैने उसे कहा था की खबर लेते रहे, खैर तुम डरो मत मैं 3 दिन बाद आ रहा हूँ “ और उसने कुछ किस दिए और बाइ कहा. मैने अल्पना से पूंचा तुमने झूठ क्यू कहा. उसने मेरी तरफ शरारत से देखा और कहा बस ऐसे ही.. मैं उसके करीब गया और उसके होंटो पर उंगली फेरी. उसने कुछ कहा नही. मैने उंगली उसके होंटो के अंदर डाल दी. उसने तोड़ा मुँह खोला और उंगली अंदर ले ली. अब मैने उसे झपट के पकड़ा और उसके होंटो पर एक किस किया और उसके रसीले होंटो को बहुत देर तक चूस्ता रहा… उसकी सांस फूलने लगी थी. उसने मुझे धकेलते हुए कहा ..”नवीन.. प्ल्ज़ इससे आयेज नही.. “मैने उसे फिर से अपने पास खींचा और फिर किस किया. अब मेरे हाथ उसके नरम चूतड़ के उपर थे और मैं उसे अपने पास खींच रहा था. मेरे पंत के अंदर मेरा लंड खड़ा हो चक्का था. और उसकी छूट पर उसने ये महसूस किया. मैने उसके गाउन की स्ट्रिंग खोल दी. गाउन सामने से खुल गया… अल्पना ने रेड कलर की निघट्य पहने हुए थे.मैं आपको बता डून की मैं अल्पना की चूंचियाँ का दीवाना हूँ. उसकी चूंचियाँ बहुत बड़ी तो नही है लेकिन जाने क्यू मेरा दिल उन्हे मसालने का करता है और लंड खड़ा हो जाता है. आज भी उसकी चूंचियाँ को देख कर मेरा लंड जोश मे आने काग़ा था. दिल कर रहा था उसे नंगी कर के उसकी चूंचियाँ के बीच मे लंड रख कर उसे चोदू. मेरा लंड जब उपर जाए तो अल्पना उसे जीभ से छाते. ये मैने रीमा के साथ बहुत बार किया है. लेकिन अल्पना के साथ अलग ही मज़ा आएगा. और आज अल्पना ने जो निघट्य पहनी थी. उस मैं वो भूत सेक्सी लग रही थे. उस मैं उनकी ब्रा साफ-साफ दिख रही थे. मेरी नज़र बार बार उसकी चूंचियाँ की तरफ ही जा रही थी. अब उसकी चूंचियाँ मेरे सामने खुली हुई थी. ये देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो चुका था. मैने उसे वोही बेड पर धकेल के बिता दिया.हम बोनो एक ही बिस्तर पेर बैठे थे. रत के करीब 11 बजे थे तो आज पूरी रत मैं उसको चोदना चाहता था. मैं थोड़ी देर उसकी तरफ देखता रहा. गाउन के दोनो पल्ले खुले और ब्लॅक ब्रा से झँकता वो ख़ज़ाना जो मेरी चाहत है. फिर मैं वही पेर उसके पास ही सो गया. मैने उसे भी खींचा तो वो भी मेरे बगल मे ही गिर गयी. मैने उसके हाथ उपर उठाए और उसके बगल की स्मेल ली.. दोनो हाथ उठा कर पसीने की स्मेल. मैने कहा..”वा क्या स्मेल है.. इसी स्मेल से तो लंड खड़ा हो जाता है” वो मेरे लॅंग्वेज पर चौंक गयी लेकिन कुछ कहा नही. मैने फिर से उसके होतो पेर होत रख दिया तो अब वो मेरा साथ देने लगी. मैने अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डाल दी. फिर उससे कहा की उसकी जीभ बाहर निकले मैने उसकी जीभ को हाथ से सहलाया फिर झुक कर उसकी जीभ मेरे मुँह मे ले ली और चूसने लगा. थोड़ी देर मे वो मारे अप्पर आ गयी तो उसके बूब्स मेरे सिने से दबने लगे. ऐसा लगा जैसे मखखां केग ओले हो. एकद्ूम नरम और उसके निपल अब थोड़े कड़क हो कर सेनी मे चुभ रहे थे. जैसे ही मेरे सिने मे उसकी चुचिया टकराई तो मेरा लंड टन गया. मैने उसके पीठ पर हाथ ले जा कर उसकी ब्रा खोल दी. दोनो कबूतर आज़ाद हो गये. मैने कहा “अल्पना भाभी तुम्हारे ये बूब्स मुझे बहुत पसंद है कहते हुए मैने उसे तोड़ा उठाया और उसके बूब्स को मसालने लगा. अब वो करहने लगी..आआहह… हन नवीन दब्ाओ.. बहुत पसंद है ना.. हमेशा तुम्हारी नज़र इन्ही पर रहती है.. लो अब.. कह कर उसने अपने हाथ से अपनी लेफ्ट चुःसी मेरे मुँह मे डाल दी. दोनो एक दूसरे की जीभ को दिल से चूस रहे थे. मेरे हाथ उसकी चिकनी गोरी पीठ और नितंबो पर घूम रहे थे. मैने उसका एक हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर रखा. उसने हाथ हटाने की कोई कोषिहस नही की बल्कि पंत के उपर से उसे दबाने लगी. मैने अपना शर्ट और पंत निकल कर सिर्फ़ फ्रेंची मे हो गया. मैं फिर से उसके उपर आ गया. मेरा लंड फ्रेंची के अंदर से उसकी छूट पर पनटी के उपर से धक्के मार रहा था. मैं उसे बेहतशा किस करते हुए और उसके बदन को चाहटते हुए बड़बड़ा रहा था.. हाए.. मेरी अल्पू भाभी.. तुम्हारे इस नरम बदन को चोदने के लिए कब से बेचैन था मैं..” उसने कहा.. मैं भी तो रास्ता देख रही थी? जब से रीमा ने बताया कीट उम बहुऊट जबरदस्त करते हो तब से मैं अनिल के साथ बिस्तर मे तुम्हे ही सोचा करती थी.. मैने उसकी नाभि मे जीभ लगाई..वो उछाल पड़ी.. नविंककक.. बहुत बदमाश हो.. और मेरे सिर को दबा लिया. मैं उसके पैरों के बीच मे आ गया. मैने पनटी उतार दी. “वाउ अल्पना भाभी क्या छूट है.. इतनी फूली हुई गोरी गोरी छूट.. इसे ही तो मैं चोदूँगा आज..आज इसे फाड़ दूँगा.. सला अनिल कुछ नही करता इसमे.. अभी तक एकद्ूम टाइट है. उसे इतने अची चुचिया और छूट वाली बीवी मिली है लेकिन साले को चोदना नही आता..अल्पना भाभी क्या जंघे है.. जैसे केले का खमबा.. हाई” मैं बड़बड़ा रहा था, मैने उसकी जाँघो को हाथ से सहलाया और किस किया..मैं बेड से उतार कर खड़ा हो गया और मैने अपनी फ्रेंची नीचे खिसकाई और मेरे लंबे और मोटे लंड को बाहर निकाला.. अल्पना की आँखों मे एक चमक सी आ गयी.. शायद अनिल का लंड इससे बहुऊट छोटा था. मैने उसका हाथ मेरे लंड पर रखा वो उसे सहलाने लगी. . अब मैं वैसे ही बेड पर आया.. और उसके जाँघो को फैलाया.. मेरे मुँह से निकल ही गया “भाभिईिइ, क्या मस्त छूट है, कितनी छ्होटी सी है, आअहह — कितनी प्यारी है, कितनी भीएग गयी घई —- ई लव्ड तो टॉक आ लॉट — ईकमे बिट्वीन हेर थाइस — मी फिंगर्स नाउ पीलिंग थे लिप्स ऑफ हेर छूट — — कितनी गुलाबी है तेरी छूट अंदर से — साली — मज़ा आ रहा है ? हन, हन, जल्दीीईई प्लीईज़्ज़्ज़्ज़्ज़ शी बेग्ड — नाउ ई सर्प्राइज़्ड हेर– आस ई गॉट उप, पुट मी हॅंड अंडर हेर नेक आंड रेज़्ड हेर — आंड स्टफ्ड टू पिल्लोस आंड आ कुशन अंडर हेर हेड आंड ई साइड, “अल्पंाआ — ऐसे लेतो, और देखो — ई वॉंट योउ तो सी आंड एंजाय तीस, देखो — अब मैं तुम्हारी छूट चाटने वाला हूँ — आँखे खोल के देखो भाभी जीिइईईईईईईईई आपकी छूट चाटने वाली है —- ई देन वेंट बॅक बिट्वीन मी लेग्स आंड स्टार्टेड लिकिंग — ई लुक्ड उप अट हेर वाइल पीलिंग हेर छूट लिप्स वित मी फिंगर्स, आंड टंग जटिंग आउट — स्लर्र्र्र्प्प – — ई लीक्ड — देख, देख आज भाभिईिइ — अच्छा लगा रहा है – शी वाज़ शेकिंग अनकंट्रोलब्ली –शी वाज़ क्लोज़ तो कमिंग ! ई लीक्ड — पुट मी टंग डीप इनसाइड — अपनी क्लिट देखो भाभिईिइ — आअहह, ये देखो — ई साइड आंड अनकवर्ड हेर पिंक एरेक्ट क्लिट — आआहह भाभिईिइ — देखो अपनी क्लिट — साअली भीगी हुई गुलाब की काली लग रही है — ई देन लीक्ड इट — अल्पना —ई सक्ड इट गेंट्ली — आंड शी वाज़ शेवेरिंग शी कुड टके इट नो मोरे – शी साइड “नवीन तुम मुझे पाअगल कर दोगे..मी हज़्बेंड नेवेर डिड तीस..आअहह और ज़ोर से..अफ” — शी वाज़ अबौट तो कूम्म्म — वाइल ई केप्ट सकिंग आंड टॉकिंग — चूस लून अपनी बहभीइ की छूट का दाना ? आआहह, ये सारा गुलाबी, भीगा हुआ फ्लेश — ई आम गोयिंग तो सक इट ऑल इंटो मी मौत भाभिईीई — आंड ई डिड, नाय्सैली मोनिंग आंड सकिंग आंड लिकिंग — फक करो बहिया—मुझे अब चोदो… अपना ये लंड मेरे छूट मे डाल के चोदो मुझे प्लीज़ — —नविंककक मेरा हो जाएगा — ई आम गोयिंग तो कुम्म, हट जाओ, हट जाओ — ईयास्केड क्यों? शी साइड “हो जाएगा — मैं झाड़ जौंगी” — मैने कहा “तो झाड़ जाओ ना भाभिईीई.” आंड रिज़्यूम्ड मी सकिंग ऑफ हेर स्वेल्लिंग छूट — शी सम हाउ मॅनेज्ड तो अस्क – शायद इसके पहले उसे ये अनुभव नही हुआ था उसने फिर पूंचा — मुँह में? —मी मौत फर्म्ली ग्लूड तो हेर छूट. शी कुड हियर मी मफल्ड ‘हाआँ — मुँह में’शी कुड नोट हॅव स्टॉप्ड ईवन इफ़ शी वांटेड तो –शी वाज़ कमिंग ! इन हेर हज़्बेंड’स फ्रेंड’स मौत — उसके मून से आवाज़ निकली..” शी शुक आंड शिवर्ड आंड केम — प्रोफ्यूस्ली – शी फेल्ट लीके हेर जूसज़ गशिंग लीके नेवेर बिफोर — आंड इन स्पर्ट्स तट सेंट एलेक्ट्रिक वेव्स थ्रू हेर होल बॉडी, आंड शी फेल्ट तट ई आम ड्रिंकिंग — एस, ड्रिंकिंग – शी लव्ड इट — इट वाज़ आ मोमेंट ई हद ओन्ली इमॅजिंड – नाउ ई साइड “अब समझी ये पिल्लो लगा कर क्या दिखाया मैने” उसने हन मे सिर हिलाया. — शी लव्ड वाचिंग तीस ड्यूड लिकिंग — मी फेस वेट — मी मौत ड्रेनच्ड — तट वाज़ हेर पुसी जूस ई वाज़ सकिंग — शी लव्ड इट, आंड साइड “नवीन तीस वन एक्सपीरियेन्स वाज़ वर्त ऑल मी इनफिडेलिटी — सॅटिस्फाइड वित मी बेस्ट ऑर्गॅज़म एवर “– ई वॉच्ड मे, स्टिल थिरस्टिली लिकिंग हेर पुसी, इनसाइड, अराउंड, बाइटिंग आंड सॉफ्ट्ली चूयिंग हेर छूट लिप्स –शी वाज़ इन हेवेन —- आंड सडन्ली ई केम उप आंड प्रेस्ड हेर चीक्स सो हार्ड उसे दर्द हुआ –और उसने मुँह खोला मैने अपना मुँह उसके मुँह के उपर रखा और मेरी जीभ और उसकी छूट कबहुत सारा जूस उसके मुँह मे डाल दिया—वो चाह कर भी कुछ बाहर नही निकल सकी क्यूकी मेरी जीभ उसके मुँह के अंदर थी — आंड ई फोर्स्फुली एमटिएड इट — मी टंग लाशिंग — इंटो हेर मौत — पी जाओ बहभीईीई — टेस्ट करो अपनी छूट का पानी — शी स्ट्रगल्ड — बुत इट वाज़ डन—हेर पुसी जूस ट्रिकल्ड डाउन हेर थ्रोट — शेक्ौल्ड़ स्मेल आंड टेस्ट इट — बुत सून शी बेगान तो रेलीश इट — ई लुक्ड नाउ — अपनी ही छूट का पानी चखह लिया ? ला, तोड़ा वापस कर — आंड ई सक्ड हेर मौत अगेन, मी हॅंड्ज़ नाउ माल्ड हेर बूब्स, आंड ई पोज़िशंड माइसेल्फ – मेरा लंड अब उसकी जाँघो के बीच मे था .. वो अपनी छूट उस पर रग़ाद रही थी मानो इसे अंदर लेना चाहती हो.. . लाइट की रोशनी मैं उसका पूरा बदन चंक रा था. फिर हम दोनो एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे. उसके 34 साइज़ के बूब्स को मैं चूस रहा था. एक मेरे मुहा मे था ओर एक हाथ मे था. वो मेरे लंड तो दोनो के पेट के बीच से हाथ ले जा कर सहला रही थी, और अपनी छूट पर रग़ाद रही थी.मैने अब उसके पूरे बदन को जीभ से चटा.. उसकी पीठ चूतड़ यहाँ तक की गांद के गुलाबी छेड़ को भी.. मैं उसे फिर से गरम कर्मा चटा था, और चाहता था की मैं भी छूट मे डालने से पहले एक बार झाड़ जाो. करीब हुँने 1 अवर तक चूमा-छाती की. उसने भी मेरा पूरा बदन चूमा ओर मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी. मैने सोचा नही था की पहली बार मे ही वो मेरे लंड को चुसेगी. “आआअहह भाभिईिइ…तुम्हारे होंटो मे जादू है..चूसो तुम्हारे नवीन का लंड चूसो” मैं बोले जा रह था.. उसने मेरे लंड तो बहुत देर तक चूसा थोड़ी देर बाद मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ मैने कहा” अल्पना इसे बाहर निकालो मैं झदूँगा.. सब मुँह मे जाएगा” उसने तोड़ा बाहर निकाला और कहा “मेरी बात सुनी थी तुमने.. मैं भी मुँह मे ही लूँगी” और फिर मेरे लंड ने उसके मुँह मे ही पिचकारी छ्चोड़ दी.. और वो मेरा सारा जूस पी गये. उसके चेहरे पर भी कुछ चींटे गिरे थे. मैं उससे अलग हुआ और बातरूम जा कर पेशाब कर के आया.. अल्पना अब फिर से गरम हो गयी थी. मैने उसके पैरों की तरफ मुँह करके लेट गया और इस बार मैने उसके गांद के नीचे हाथ दल कर उसे अपने उपर खींचा जिससे मैने उसकी छूट को अपने मुँह के उपर ले लिया. उसके दोनो पैर मेरे सिर के दोनो साइड मे हो गये और उसकी छूट का छेड़ मेरे मुँह के उपर आ गया. उसकी छूट एकदम साफ थी उस पेर एक भी बाल नही था. मैने उसके परो को फैलाया और मेरी जीभ नीचे से उसकी छूट मे डालने लगा.ऊऊओ अल्पना भाभीइ.. क्या छूट है.. कितनी रसीली है.. मेरी भाभी की छूट..आज तो पूरा छत जौंगा. वो भी कहने लगी..हन नवीन भैया.. आज पी जाओ इसका पूरा पानी.. चूज़ लो.. फिर उसने मेरा आधा खड़ा लंड अपने हाथ मे लिया और उसे चटा और वो जैसे ही कड़क होने लगा उसने मेरे लंड को लोल्ल्यपोप जैसे मुँह मे ले कर चूसने लगी.. नविंकक कितना लंबा और मोटा है तुम्हारा… सचह मैं तो पागल हो रही हूँ.. मैं भी उसके छूट को चूसने लगा. 10 मिनिट्स के बाद उसने फिर से पानी छ्चोड़ दिया..पानी छ्चोड़ दिया. हम दोनो फिर 69 की पोज़िशन मे थे. मैने पुंचा क्यू अनिल का क्या ऐसा नही है. उसने कहा उसका लंड तो केवल 5 इंचस ओर 1.5 का मोटा ही है. उस मे मूज़े मज़ा नही आता है. नवीन मुझे तुम्हारा ये कड़क लंड बहुत पसंद आया. आज इससे मेरी छूट को चोद कर उसकी प्यास मिटा दो… अब देर मत करो ..प्लीज़ जुल्दी करो मैं अब और नही रुक सकती. प्लीज़ चोद डालो मूज़े जल्दी से. मैने उसे बेड पर सीधा लिटाया और उसकी गांद के नएचए एक तकिया लगया ओर उसेके पैरो को फैला डेया. फिर मैने अपने लंड का टोपा उसके छूट पेर राका तो उसके छूट का छेड़ पूरा ढँक चुका था. मैने डीएरए से दबाया उसके मुँह से चीक्क निकली मार डाला प्लीज़ नवीन धीरे करो ना. मैने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया थोड़ी देर ऐसा ही उसके अप्पर लेता रहा और उसे पकड़ के 3-4 ढके मारे और पूरा लंड अंदर दल दिया हू रोने लगी उर खून की पिचकारी से मेरा लॉडा रंग चुका था और हू इतनी तेज़ चीखी डाला नवीन पूरी फॅट गयी है. मैने बोला कोई बात नही डार्लिंग. फिर मैने उसके बूब्स और होतो को चूसने लगा फिर मैं उसे चूमता रहा बूब्स मसले निपल चूसे मैने हल्के हल्के धक्के से शुरुवत की धीरे धीरेउसकी छूट मे मेरा लंड अड्जस्ट हो गया तो उसकी तकलीफ़ भी कम हुई और वो मज़े लेने लगी.. उसने पूछा कितना अंडर गया तो मैने बोला की पूरा डाल दिया. मैने फिर धक्के देना सुरू कर दिया उसका दर्द बढ़ रहा था और डियर डेरे धक्के देते देते कम हुआ अब मैने थोड़ी स्पीएड बढ़ा दी मेरी स्पीड से हू सिकियाँ भर रही थी नवीन मज़ा आ रहा है. आज तुमने मेरी छूट फाड़ दे. धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपने गांद नीचे से उछाल-2 कर छुड़ाने लगी. फिर वो 10 मिनिट्स मे ही झाड़ गयी छूट मे फिसलन होने से अब मेरा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था, और चोदने मे मज़ा आ रहा था और वो फिर थोड़ी डारी मे झाड़ गई. इस तरहा 30 मिनिट्स मे वो 4 बार झाड़ चुकी थी. उसकी छूट के पानी से उसके बेड की चादर गीली हो रही थी. मैने उसे पूछा की कैसा लग रहा है तो उसने कहा की बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसा मज़ा तो मूज़े मेरे पति नई कभी नही दिया. थोड़ी ही देर चोदने के बाद मैं बोला मेरा पानी निकल रहा है तो उसने कहा की मेरी छूट भर दो नवीन ओर मैने सारा पानी उसे की छूट मे ही दल दिया और हम दोनो इशी तरह लेते रहे. फिर मैं उठा ओर बातरूम मे जा कर अपना लंड साफ करा पेर अल्पना नही उठ पा रही थी कियों की उसे चलने मे तकलीफ़ हो र्है थी. मैने उसे उठा कर बातरूम मे ले गया और उसके छूट को साफ किया. खून और जूस उसकी छूट से बाहर निकल रहा था और इस एक घंटे की चुदाई से छूट पूरी फूल चुकी थी. एकद्ूम लाल दिख रही थी. फिर मैं उसे ले कर बेड रूम मे आया और उसे बेड पर लिटा दिया. मैं भी नंगा ही उसके साइड मे लेट गया..हम दोनो थोड़ी देर ऐसे ही नंगे लेते रहे. थोड़ी दायर के बाद मैने उसे चूमना चाटना सुरू कर दिया तो वो भी टायर हो गई. हम दोनो फिर से 69 पोज़िशन मे हो गये और वो थोड़ी ही दे मे मेरे मुँह मे ही झाड़ गई. फिर मैने उसे डॉगी स्टाइल मे चोदना शुरू कर दिया उसे. मैने इस बार एक ही धक्के मे पूरा का पूरा लंड उसकी छूट मे डाल दिया तो उसे के मुँह से ज़ोर से चीक निकल गई न मार डाला नवीन मैं मार गयी डाला. मैने उसकी कमर कस के पकड़ी और 3-4 जोरदार शॉट मारे फिर पीछे से हाथ बढ़ा कर उसके हिलाते हुए बूब्स को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से धकके मरने लगा थोड़ी देर मे उसे भी मज़ा आने लगा. मैं उसे तूफ़ानी स्पीड से चोद रहा था.. बीएच बीच मे मैं रुक जाता था या धीरे धीरे धक्के लगता था उसे किस करता.. निपल मसलता फिर से स्पीड बढ़ा देता.. उसने एक पैर चेर पर रख लिया था.. कुछ देर के बाद बिना उसकी छूट से लंड निकले मैं चेर पर बैठ और उसे मेरे लंड की स्वारी करवाई.. वो अपनी गांद उठा उठा कर मेरे लंड पर उच्छल रही थी… इस तरह करीब 40-45 मीं मैने उसे चोदा और फिर बेड के किनारे उसे लिटा कर उसके पैर मेरे कंधो पर रखे और मेरा लंड उसकी छूट मे डाल.. इस बार मेरे चोदने की स्पीड बहुत ज़्यादा थी.. क्यूकी अब मैं भी झड़ने वाला था.. और आख़िर मे मैने उसकी छूट मे जड़ तक लंड डाल कर झाड़ गया.. उसकी छूट पूरी भर गयी थी. मेरे झड़ने के साथ वो भी झड़ी और मुझसे चिपक गयी.. फिर हम वैसे ही बेड पर लेट गये.. दोनो को नीड आ गयी.. एक घंटे बाद मैने देखा सुबह के 4 बाज रहे है.. मैं उठ कर बातरूम मे गया फ्रेश हुआ.. अल्पना वैसी ही नंगी लेती थी. मैने अपने कपड़े पहने अल्पना को किस किया और मैं उसके घर से निकल कर अपने घर आ गया.. आज फिर अल्पना का फोन आया है की अनिल बाहर है .. समझे ना क्या बोलना चाहती है वो.. हन तो मैं जर आहा हूँ.. आप ये कहानी पढ़ो और मुझे बताओ कैसी लगी.. आज की कहानी आपके रेस्पॉन्स मिलने के बाद लिखूंगा.