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मेरा नाम निहारिका है। मैं अठारह साल की हूँ। आज मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। इस कहानी में मैं आपको ये बता रही हूँ। की कैसे मेरा सौतेला बाप मुझे सेक्स करने से मनाया और मैं अब मैं खुद भी दीवानी हो गई हूँ। शुरुआत में थोड़ा लगा था मुझे की ये रिश्ता ठीक नहीं है पर अब ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता इसमें कुछ गलत है और आज खुश हूँ मैं। अब मैं अपनी सेक्स कहानी पर आती हूँ।
मेरी माँ ज्योति जो की अभी 36 साल की है। अपनी जवानी के दिनों में खूब मजे की थी क्यों की वो मॉडर्न विचार की महिला है। शुरू से ही वो ऐसे थी की किसी का भी मन उनपर डोल जाये पर एक वक्त ऐसा आता है की पुरुष बदल जाता है उसे सती सावित्री ही चाहिए। शुरुआत में किसी भी पुरुष को सनी लिओनी जैसे चाहिए पर जब आधा उम्र बीतता है तो उन्हें लगता है एक अच्छी महिला चाहिए। अगर महिला खूब जिस्म लुटाये, सेक्सी अंदाज करें, सेक्सी बने पर ये हमेशा के लिए नहीं रहता है। वही हुआ मेरी माँ के साथ।
पिछले साल ही मेरी माँ का ब्रेकअप हो गया। उन्होंने मेरे पिता से तलाक ले ली। उसके बाद वो फिर से शादी की है जो अपने से आठ साल छोटे हैं। मेरी माँ अभी भी सेक्सी और जवान है। यानी की अभी मस्त माल है मॉडर्न है। उन्हें पब जाना, घूमने जाना, सेक्सी ड्रेस पहनना बहुत ही अच्छा लगता है। अपने फिगर को वो काफी मैंटेन कर के रखा है। उन्होंने मुझे भी कभी भी किसी चीज के लिए मना नहीं की हैं। मैं मॉडलिंग में हाथ आजमाना चाह रही हूँ। और मैं टीवी एड् में आना चाहती हूँ। अभी एक एड् आया भी है कंडोम का पर वो मैं करना नहीं चाहती। क्यों की वैसा फील नहीं दे पा रही हूँ।
मैं और पापा मम्मी दोनों ग्रेटर नॉएडा में रहते हैं। मम्मी एक अमेरिकन कंपनी में जॉब कर ली है वो वो रात में ऑफिस जाती है। और पापा बैंक में मैनेजर हैं जो की शाम को घर आ जाते हैं। दोस्तों उन दोनों की लाइफ सही नहीं है क्यों की जब एक आती है तो दुसरा ऑफिस चला जाता है बस रविवार को ही हम लोग साथ रहते हैं। पर
मैं घर में काफी सेक्सी कपडे पहनती हूँ ये स्टाइल मैंने अपनी माँ से ही सीखा है। और रहती भी हूँ बन ठन कर जितने भी पुरुष है उन सबकी निगाहें मेरे ऊपर रहती है चाहे वो बूढ़ा हो या जवान हो। इसका भी मैं खूब इंजॉय करती हूँ। कोई मुझे घूरे मेरी चूचियों को निहारे मेरी गांड को निहारे मेरे होठ को देखे ये सब मुझे बहुत अच्छा लगता है।
एक दिन की बात है। माँ शाम को जॉब के लिए चली गई थी। मेरे पापा जिनका नाम संजय है वो घर पर थे। रात के करीब आठ बज रहे थे। मैं सो गई थी क्यों की उस दिन मैं ज्यादा थकी हुई थी। वो मुझे खाना खाने के लिए उठाने आये थे। उस दिन मुझे बहुत ही ज्यादा प्यार से उठा रहे थे शायद वो पहला दिन था जब इतने प्यार से उठा रहे थे। पर वो प्यार कुछ और ही था। वो मेरी चूचियों पर दवाब देकर उठा रहे थे। जब मैं नहीं उठी तब वो मेरी चूचियों को बारी बार से दबा रहे थे और उठा रहे थे। मैं आँख बंद कर ली थी और मजे लेने लगी थी क्यों की कुछ देर पहले ही मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ कर सोइ थी तो काफी सेक्सी और कामुक हो चुकी थी। इसलिए ये सब अच्छा लग रहा था पर मन ही मन ये भी सोच रही थी की ये सब गलत है क्यों की मेरा और इनका रिश्ता बाप बेटी का था भले मैं इनकी असली बेटी नहीं थी।
जब वो मेरी चूचियों को सहला रहे थे, मेरे होठ को छू रहे थे, मेरे गाल पर उँगलियाँ फिरा रहे थे। मेरे अंदर आग लग रही थी। मुझे ये सब अच्छा लग रहा था मैं कामुक होने लगी थी। मेरे बदन में आग लगने लगी थी। मैं ना सोचकर भी सब कुछ सौंप देना चाहती थी। पर क्या करें कहा से शुरू करें ये समझ नहीं आ रहा था। मैं बोली पापा। …….. प्लीज सोने सोने दो ना प्लीज। ………..
पापा कहने लगे बेटा खाना खा लो, और वो मेरे पास बैठ गए और मेरी एक बूब्स पर अपना हाथ रख दिए। मैं भी उनका हाथ नहीं हटाई और मैं अपना हाथ उनके हाथ के ऊपर रख दी और उनको देखने लगी। वो अब मेरी चूची को दबाने लगे और मुझे गौर से देखने लगे। मैं अभी भी अपना हाथ उनके हाथ पर रखी हुई थी और मैं अब धीरे धीरे दबाब देने लगी वो समझ गए लड़की चुदने वाली है। उसके बाद दोस्तों क्या बताऊँ। मेरे होठ खुद व् खुद ही दांतो के अंदर आ गए और काटने लगी मैं। मेरे पापा ने अपनी ऊँगली मेरे होठ पर रखा और फील किया और लम्बी सांस ली और फिर झुककर मेरे होठ को चूसने लगे।
मैं तो पहले से ही वासना में भर गई थी। मैं उनके सिर को पकड़कर किश करने लगी ऐसा लग रहा था इमरान हासमी चूस रहा हो होठ और मैं भी वाइल्ड होकर उनके होठ को चूसने लगी। उन्होंने अपना एक हाथ मेरे बूब पर रखा और होठ चूसने लगे। तभी मैं बोली की मम्मी को पता लग गया तो ? तो वो बोले जब हमदोनो में से कोई नहीं कहेगा तो उसको कैसे पता चलेगा ? और फिर दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। अब वो मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरे दोनों हाथो को पकड़ लिया और फिर मेरे होठ गाल गर्दन कंधे बूब्स सब पर किश करने लगे.
मैं आह आह आह करते हुए अपना पैर फैला दी वो अब मेरे बिच में आ गया और फिर उन्होंने मेरा टॉप उतार दिया ब्रा खोल दिया मैं मुँह में ऊँगली देकर ये सब देख रही थी और फिर उन्होंने मेरी पेंट उतारने लगे तो मैं पकड़ ली पेंट को और मुस्कुराने लगी। वो बोले दे ना प्लीज। मैं तुम्हे बहुत कुछ दूंगा यहाँ तक की ढेर सारा पॉकेट मनी और बहुत कुछ।
उसके बाद मैं खुद भी हेल्प कर दी और उन्होंने मेरी पेंटी तक उतार दिया। वो मेरे चुत को चाटने लगे। वो मेरे बूब्स को पीने लगे। मैं अंगड़ाइयां ले रही थी और मजे ले रही थी। मेरे मुँह से सिसकारिआं निकल रही थी और वो मेरे पुरे बदन को चूस रहे थे उसके बाद मैं अपने पैर का फंदा बन्दा लिए और उनको लपेट ली। वो मेरी चूत में अब ऊँगली डालने लगे। मैं आह आह आह करने लगी। फिर उन्होंने अपना लौड़ा निकाला और मेरी हाथ में पकड़ा दिया।
मैं उनके लंड को चूसने लगी। मजे लेने लगी वो सी सी सी सी आ आ आ आ की आवाज निकालने लगी। मैं आइसक्रीम की तरह चूस रही थी और अंदर बाहर कर रही थी। उसके बाद हम दोनों 69 को पोजीशन में आ गए वो मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनका लौड़ा गजब का माहौल बन गया था। उसके बाद मैं उनके ऊपर आ गई और फिर उनका लौड़ा पकड़ कर अपने चूत में ले ली।
अब निचे से वो धक्का दे रहे थे और मैं उछल रही थी सटा सट उनका लौड़ा मेरी चूत में जा रहा था। हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए निप्पल को दबाते हुए वो चोदे जा रहे थे।
उसके बाद मैं निचे हो गई और वो ऊपर मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लिए और फिर जोर जोर से मेरी चूत में घुसाने लगे। कमरे में हम दोनों ही मोअन कर रहे थे। और एक दूसरे को गाली देते हुए डर्टी टॉक कर रहे थे। कभी वो रगड़ते कभी धक्के देते ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मैं पानी पानी हो गई थी।
उसके बाद करीब दस मिनट बाद वो झड़ गए। और मैं भी शांत हो गई।
दोस्तों उस दिन के बाद से ही हम दोनों एक ही बिस्तर में सोते हैं। बस शनिवार और रविवार को छोड़कर। अब मेरे पापा संडे और सैटरडे को मम्मी को चुदाई करते है वो वीडियो मुझे दिखाते है। अब मैं माँ से भी काफी कुछ सिख गई हूँ। मेरी माँ भी खूब हॉट लगती है बेड में। आशा करती हूँ आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी। दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखूंगी तब तक के लिए मेरे प्यारे दोस्तों आपका धन्यवाद।