हेलो दोस्तो मेरा नाम हर्ष है में इंदौर शहर का रहने वाला हूं। इस साइट पर मैने बहुत अच्छी कहानी परी तो सोचा क्यों ना ही ऐसा ही दिलजस्प वाकया आप दोस्तो को सुनाऊं। दोस्तो आप शुरू से कहानी समझोगे तो मजा आएगा। ऐसी कहानी का क्या मजा की जल्दी से लड़की के कपड़े खोले और चुदाई चालू कर दी। सबसे पहले दोस्ती होती है जो दिल पर लगती है। फिर प्यार होता है। जो सिर में झा जाता और फिर सेक्स होता है जो दो आत्माओं का मिलन कराता है। इसे कहते चुदाई की कहानी।
मेरे ऑफिस में रानी नाम कि लड़की काम करती थी। रानी की खूबसूरती हमारे ऑफिस में चर्चा का विषय बन चुकी थी। उसका रूप केशर घुले दुध जैसा रंग हिरणी की तरह चंचल आंखे ऊपर से सोने जैसा चमकीला बदन चूचे 34 के मोटे जेसे उसने दुध की टंकी पूरी भरी हो। 28 की लजकती कमर 30 मोटे चुदर। विधाता ने उसे काफी फुरसत से बनाया था। रानी क रूप की चर्चा बहुत सुनी थी। मगर कभी देखा नहीं था क्यो की हमारा डिपार्टमेंट अलग अलग था। मगर मैने मन सोच लिया था कि एक दिन रानी को अपना बनाकर ही दम लुगा। संयोग से हुआ भी कुछ ऐसा कि लगभग एक प्रोजेक्ट हमें साथ मिलकर काम करना था। उस वर्क में मैने रानी को पहली बार देखा था। रानी को देखकर में पागल सा हो गया।
मैने सपने में भी नहीं सोचा था। जिस लड़की को मैने पाने की कसम खाकर बेठा हूं। वह इतनी खूबसूरत होगी उस दिन के बाद में रानी से ज्यादा से ज्यादा बातचीत करने लगा। उसे ऑफिस से घर और घर से ऑफिस छोड़ने व लेने भी जाता था। जिससे हमारी दोस्ती में खुलापन आगया था। मुझे बाद में रानी ने बताया कि वो भी मुझे पहली ही नजर में दिल दे बैठी थी। हमारे प्यार के खेल को आजकल मोबाईल फोन ने बहुत आसान बना दिया है। हमने एक दूसरे के नंबर लेने के बाद हम हर टॉपिक पर बात करते थे।
फोन में वीडियो कॉल कर एक दूसरे की प्यास भी बुझाते थे। मगर हमारा मिलन नहीं हो पा रहा था। हमें एकांत में जगह नहीं मिल पा रही थी एक दिन हमें मोका मिला जब मेरे घर पर कोई नहीं था मैने रानी को मिलने बुलाया। वो आज किसी दुल्हन कि तरह सज धज कर आई थी। उसके रूप को देख कर आज मानो सर्वग से कोई परी आई है। मैने उसे कहा आज तो बहुत सुन्दर लग रही हो। तो उसने कहा कि क्या में तुम्हे रोज बदसूरत नज़र आती हूं।मैने कहा ऐसी बात नहीं है। मगर तुम्हारी झील जैसी आंखो में डूबने का मन हो रहा है। उसने कहा कि किसने रोका तुम्हे इस झील को हमेशा तुम्हारा इंतजार है। फिर मैंने उसे दबोच लिया और उसके पूरे शरीर पर किस करने लग गया. वो भी सेक्स के लिए तड़प रही थी, कुछ बोलने वाली थी तो मैंने उसे रोका और बोला- अब कुछ मत बोलो! मैं उसे एक भूखे शेर की तरह चाट रहा था और उसके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ निकल रही थी.
मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया, मैं उसको नंगी देख कर ही पागल होता जा रहा था और मेरा शेर अपने ओरिजिनल शेप में आ गया था. उसकी कोमल मम्मे देखकर मैंने मेरे होंठ उसके मम्मों पर रख दिए और मैं उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरा मम्मा हाथ में लेकर मसलने लगा. उसके हाथ मेरे शरीर पर ऐसे घूम रहे थे कि मानो किसी को बहुत दिनों के बाद खाना नसीब हुआ हो. हम दोनों भी बहुत दिनों से प्यासे थे और एक दूसरे पर टूट पड़े थे. मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चिकनी चूत को हाथों से सहलाने लगा, वो बहुत ही गर्म हो गयी थी और उसके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ निकल रहीं थी ‘उउउ आआ आआअईईई ईईई…’ करके वो मेरे जोश को और बढ़ा रही थी. मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और फिंगर फक करने लगा. वो भी पाने चूतड़ धीरे धीरे हिला कर इस उंगली चुदाई का मजा ले रही थी. कुछ देर बाद मैंने बिना सोचे उसकी चूत पर अपने जीभ से धावा बोल दिया और खुशी और आनन्द के मारे रानी उछलने और चिल्लाने लगी. उसकी चूत चाट चाट के मैंने उसका नमकीन पानी निकाल दिया. जब मैंने उसको ओरल सेक्स के लिए 69 में आने को कहा और मेरा लंड उसके हाथ में दिया तो वो एकदम सिहर सी गयी और मेरा लंड अपने मुँह में लेकर मज़े से चूसने लगी.
ऐसा लग रहा था कि साली पूरा का पूरा खा जाएगी, वो पूरा लंड अपने गले तक ले जा रही थी और फिर पूरा बाहर निकाल कर जीभ से टोपा चाट कर फिर से अंदर ले रही थी. उसके इस स्टाइल से मुझे लगा कि साली ये तो पूरी खाई खेली है.मैं भी मजे से उसकी चूत चाट रहा था, उसकी कामुकता भारी सिसकारियाँ सुन कर मेरी कामवासना और भी ज्यादा भड़क रही थी. करीब 15 मिनट की चूसा चुसाई के बाद अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसे सीधा बेड पे लिटाया और उसके होठों पे होंठ रख दिए. उसे पता था क्या करना है, उसने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ के अपने चूत के मुँह पर रख दिया और आँखों से इशारा किया.
मैंने उसे कस के पकड़ा और ज़ोर से धक्का लगाया, आधा लंड चूत के अंदर गया और उसकी आँख से पानी बाहर आ गया. मैंने पहले ही उसका मुँह बंद करके रखा था तो वो चिल्ला नहीं पाई. थोड़ी देर रुक कर मैंने उसको पूछा- दर्द हुआ क्या?“बहुत दिनों से तड़प रही थी… जाने कितने महीनों बाद मेरी चूत में लंड घुसा हैं, मत रूको… फाड़ दो मेरी चूत को, भोसड़ा बना दो इसका!” मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने भी मेरी मशीन को स्टार्ट किया और ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगा, उसने आँखें बंद कर ली और उसके मुँह से सिर्फ़ सिसकारियाँ निकल रहीं थी, वो बड़बड़ा रही थी- और ज़ोर से, आआ आआऐ ययईईई उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईईईई उउ उफ़ मार दे ज़ोर से ठोक दे रे और ज़ोर से! उसके बड़बड़ाने से मैं और भी जोश में आ रहा था.बीस मिनट हमारी पेलमपेली चली और वो एक बड़ी चीख के साथ खाली हो गयी. मैं अभी भी धक्के मारता जा रहा था, जब मैं भी अपनी चरम सीमा के पास आने लगा तो मैंने उसको पूछा- मेरा आने वाला है, कहाँ निकालूं? “अंदर ही छोड़ दे… पूरी तरह से चुदना चाहती हूँ मैं!”
मैंने मेरी स्पीड और बढ़ाई, 15-20 ज़ोर के धक्के लगाने के बाद मैंने मेरा सुपर शॉट लगाया और उसकी आँखों में फिर से आँसू आ गये. अब उसके चेहरे पे खुशी झलक रही थी. मैं उसकी चूत में ही खलास हो गया था. मैं उसने नंगे बदन के ऊपर गिर पड़ा. अब तक मैं थक चुका था. अगले कुछ मिनट हम वैसे ही पड़े रहे तब वो बोली- बहुत दिनों बाद चुदी हूँ आज मैं… मुझे मजा आया, तुम्हें मज़ा तो आया ना? मैं उसे एक प्यारा सा किस करते हुए बोला- बहुत मज़ा आया, अब तो यह मजा रोज मिलेगा, जब चाहें मिलेगा! उसने हाँ में सर हिला दिया और बोली- हाँ, बहुत अच्छा लगा. काफी महीने बाद सेक्स किया तो शुरू में थोड़ा दर्द हुआ लेकिन इस दर्द में भी मजा भरा हुआ था. कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला तो मेरा रस उसकी चूत से बाहर को बहने लगा. मैंने उसे एक तौलिया दिया तो उसने अपनी गीली चूत को पौंछ कर साफ़ कर लिया, फिर उसने मेरा लंड भी उसी तौलिये से पौंछ दिया और बोली- देखो इस शेर को, कैसे चूहा बन कर निकला है मेरी गुफा से! वो उससे खलेने लगी, उसको ऐसे हिलाने लगी जैसे घंटी बजाते हैं और जोर जोर से हंसने लगी.फिर हम उठे, कपड़े पहन कर तैयार हुए और मूवी देखने चले गये.इसी तरह से हम दोनों ने बहुत दिन तक एंजाय किया पर किसी बंधन में न बंधने की कसम खा ली, हम सिर्फ़ चुदाई का मजा लूटने के लिए एक दूसरे का साथ देने लगे.
कहानी का मजा केसा था।
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