A Mother and Daughter Sex Story in Hindi हर कोई मेरे इतना खुशनसीब नहीं होता, जैसा की मैं हु, मुझे कल का दिन वरदान के स्वरूप मुझे मिला, मैं तो यही कहूंगा मेरे दोस्त क्यों की मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की मेरे साथ ये नसीब बाला दिन भी आएगा, कल का दिन मेरे ज़िन्दगी की डाईरी का खूबसूरत पन्ना था, इसलिए दोस्तों आज मैं आपके साथ भी अपनी इस पल को शेयर कर रहा हु, आशा करता हु की मैं आपको सही और हु बहु बात बता सकु शब्दों के माध्यम से.
मेरा नाम गौतम है, मैं दिल्ली में रहता हु मेरी उम्र 24 साल है, मेरी शादी को हुए छह महीना हुआ है, मेरी पत्नी भी मेरे साथ ही रहती थी, पर वो अब गाँव चली गई है क्यों की उसको अब बच्चा होने बाला है, मेरे पड़ोस में यानी के बगल के फ्लैट में एक फॅमिली रहती है, मियां बीवी और उनकी एक अठारह साल की बेटी कोमल, कोमल बहूत ही खूबसूरत लड़की है, भगवान् ने उसको फुरसत में उसको बनाया है, इतनी खूबसूरत है की हम आपको शब्दों में बता नहीं सकते. और उसकी मम्मी जिनको मैं भाभी कहता हु, गजब की सुंदरता भगवान् ने दिया करीब अड़तीस साल की औरत, गोरी, बना हुआ खूबसूरत शरीर, मिडिल साइज की चूचियां लेकिन आगे की और तनी हुई, चूतड उभरा हुआ, अक्सर साडी पहनती है, लंबे बाल है उनके, पेट उनका सुराही के तरह, बहूत ही खूबसूरत.
उसी के उलट उनका पति, बेकार का इंसान, एक फैक्ट्री में काम सुपेरभाइजर, शादी लव मैरिज हुआ, लड़की तो सुन्दर मिल गई. पर वो अपने आप को सुधार नहीं सका. आपने सुना है बेड बॉयज से लड़कियां खूब पटती है, और बाद में उस लड़की की ज़िन्दगी नरक हो जाती है, जैसा की भाभी के साथ हुआ है. दोस्तों उनके घर और मेरे घर से थोड़ा अच्छा रिलेशन हो गया था जब मेरी वाइफ यहाँ थी तो खूब बातचीत और खाना पीना होता था, और हम दोनों परिवार थोड़े करीब आ गए.
उनके घर में मेरा बहूत चर्चा होता था, उनको देखो गौतम जी को, अपने पत्नी को कितना प्यार करते है. सब जगह घुमाने ले जाते है, और आप हो की संडे को भी ड्यूटी जाते हो. यही सब बात से उनके घर में हमेशा तनाव बना रहता था, धीरे धीरे कोमल के पापा को भी मैं अच्छा नहीं लगने लगा, दोस्तों ये तो लाजमी है की बीवी किसी पराये मर्द की हमेशा तारीफ़ करे तो उसके पति को तो ख़राब लगेगा ही. और हुआ भी यही पर कभी खुलकर कुछ भी नहीं बोला, पर दोनों घर के दोस्ती में कभी कोई कमी नहीं आई.
एक सुबह ही मैं घूमने गया हुआ था और भाभी रस्ते में मिल गई. मैंने पूछा कहा भाभी तो वो बोली मैं मंदिर से आ रही हु, अक्सर सावन में रोज मंदिर जाती हु, मैंने पूछा क्यों कोई वर मांग रहे हो भगवान् से क्या, तो उन्होंने कहा हां, मुझे बेटा चाहिए, तो मैंने कहा, ये तो भैया जब कुछ करेंगे तो ही होगा, मैं थोड़ा ज्यादा ही बोल गया था शायद, मुझे डर था की कही उनको ख़राब ना लग जाये, पर ऐसा नहीं हुआ, वो बोली क्यों भैया अगर नहीं हो तो कोई और भी तो दे सकता है की नहीं? मैं हैरान रह गया, दोस्तों एक तो मेरी बीवी मायके चली गई, उसपर से पहले ही डॉक्टर कह दिया था लेना नहीं है, क्यों की वो पेट से है. मेरा तो लंड ऐसे ही आजकल आवारा हो गया था. मुझे उनकी नियत पे शक हुआ, लगा की ये मेरे से चुदना चाहती है. तो मैंने भी लगे हाथ कह दिया, अरे जब आप कहेंगे बंदा हाजिर है. तो भाभी ने कहा की, की आपके भैया कंपनी के काम से दिल्ली से बाहर गए है तीन दिन के लिए, आ जाना शाम को मेरे घर पर ही कहना खा लेना. मैंने भी हां में जवाब दे दिया. और मैं दिन भर उनके सपने देखता रहा.
शाम को करीब आठ बजे उनके घर पंहुचा, भाभी पिंक कलर की मैक्सी में थी, लंबे बाल खुले थे, स्लीवलेस मैक्सी में तो वो गजब लग रही थी. होठ वो पिंक ही रंग रखी थी इससे इनकी सुंदरता को चार चाँद लग रहा था, कोमल पढाई कर रही थी, मैं सोफे पे बैठ गया, और फिर भाभी भी वही आके बैठ गई. तभी कोमल आई और बोली मम्मी मुझे कहना दे दो मैं जल्दी सोऊंगी, कल मेरा एग्जाम है तो जल्दी सोना है. भाभी ने उसको कहना दे दिया, और वो अपने कमरे में सोने चली गई. बैठ कर मैं और भाभी बात चित कर रहे थे और अचानक समय का पता ही नहीं चला फिर भाभी ने खाना निकाली और फिर हम दोनों खाये, मेरी नजर उनके चूचियों पर थी क्यों की, वो अंदर ब्रा नहीं पहनी थी तो बार बार हिल रहा था और चूचियों की गोलाई का पता भी चल रहा था. दोस्तों मैं तो फ़िदा हो गया था, पर सुबह की बातों से कभी लग रहा था वो चुदना चाहती है और कभी लग रहा था वो मजाक कर रही थी. मैं असमंजस में था.
तभी भाभी बोल उठी. मुझे लड़का चाहिए, क्या तुम मुझे दोगे, तो मैं थोड़ा हड़बड़ा कर कहा, आप आप क्या कह रही हो भाभी? मैं? भैया?? तो वो बोल उठी. उनसे अब कुछ नहीं हो पा रहा है, मुझे तो लड़का चाहिए और मैं आपसे चाहती हु, मैंने कहा और जब किसी को पता चल जायेगा तो? तो वो बोली ये बात किसी को पता नहीं चलेगा, मुझे भी चूत चाहिए था तो मैंने कहा ठीक है. मैंने कोमल के बारे में इशारा किया तो वो बोली वो सो गई है. फिर हम दोनों उठे और बैडरूम में चले गए.
दोस्तों, मैं बैडरूम में गया की भाभी मुझे अपने बाहों में भर ली. और मेरे होठ पे अपना होठ रख दी. उनकी गरम गरम साँसे मेरे लैंड को जगाने के लिए काफी था, मैंने भी उनके होठ को चूसना शुरू कर दिया, और धीरे धीरे मेरे हाथ उनके स्तन तक पहुच गया, मैं उनके स्तन को जोर जोर से दबाने लगा. धीरे धीरे हम दोनों लेट गए बीएड पे. मैंने नाईटी को ऊपर उठा दिया, वो पिंक कलर की डिज़ाइनर जालीदार पेंटी पहनी थी. मैंने पहले उनके चूत को सूंघ कर देखा, ओह्ह्ह मजा आ गया, क्या चूत की खुसबू थी. दोस्तों, मैं उनके पेंटी के ऊपर से ही उनके चूत को सूंघने लगा, फिर ऊपर बदह और ऊपर से ही चूच को चूमा, दोस्तों सच बताऊँ मैं मदहोश हो गया था. फिर मैंने उनके नाईटी को उतार दिया, बड़ी बड़ी गोल गोल सुडौल चूचियां ओह्ह्ह्ह मैंने तुरंत ही अपने मुह में ले लिया, गजब का एहसास था मैंने उनके चूचियों को पिने लगा और मुझे मेरे बाल को पकड़ कर वो अपने दूध को पिलाने लगी.
मैंने फिर उलटा हो गया मेरा लैंड उनके मुह पे आ गया था, और उनकी चूत मेरे मुह के सामने, दोस्तों मैंने उनकी पेंटी उतार दी, उनकी चूत काफी गोरी थी. और बाल नहीं थी एक दम चिकनी चूत थी, उनके चूत को चाटने लगे, और वो मेरे लंड को और आंड को चाटने लगी. मैंने इधर चाट रहा था और वो उधर चाट रही थी दोस्तों इस दरम्यान वो तीन बार झाड़ चुकी थी और मैं उनके चूत से निकले हुए नमकीन पानी को चाट रहा था, वो आह आह आह आह की आवाज भी साथ साथ निकाल रही थी फिर मैंने उनके चूत में ऊँगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. वो अपने होठ को अपने दांत से दबाने लगी. तभी वो फिर झड़ गई और मैंने उनके चूत का पानी पि गया,
मेरा लंड बहूत मोटा और लंबा हो चूका था, मैंने भाभी को बोला मेरा लंड अब अआप्के चूत को प्यार करने के लिए कह रहा था तो भाभी बोली मैंने कब मना किया और मैंने उनके चूत पे लंड रखकर, जोर से धक्का मार और अंदर पेल दिया, वो कराह उठी, बोली हाय इतना मोटा लंड, और वो गांड उठा उठा के चुदवाने लगी. दोस्तों वो जोर जोर से मोअन करने लगी. और मैं जोर जोर से उनके चूत में लंड डालने लगा. वो बहूत ही ज्यादा जोर जोर से आह आह आह करने लगी. वो काफी सेक्सी हो चुकी थी, मुझे लग रहा था वो काफी दिन से प्यासी थी लंड की, मैं भी जोर जोर से चोदने लगा. वो और जोर जोर से आह आह कहने लगी. और गांड उठा उठा के लंड को अपने चूत के अंदर ले रही थी. दोस्तों तभी मेरी नजर कोमल पे पड़ी वो परदे के पीछे खड़ी थी और सब देख रही थी और अपने बूब्स को प्रेस कर रही थी और अपने चूत को सहला रही थी.
तभी भाभी और जोर जोर से आह आह आह करने लगी. और मैं भी झड़ने बाला हो गया, और भाभी एक लंबी साँसे ली आहे भरी और अंगड़ाई ली और मैं भी जोर जोर से चोदने लगा. दोस्तों क्या बताऊँ मेरे लंड से बहूत सारा माल निकला और पूरा भाभी के चूत में भर गया, और वो निढाल हो गई, मैं भी साइड में हो गया, कोमल वह से देख ही रही थी, और भाभी थक गई थी शायद उनको इतना शुकुन मिला की वो सो गई. मैं उठा बाहर गया, तो कोमल मिल गई, बोली आप मम्मी को क्या कर रहे थे, मैं सब बात पापा को बताउंगी, तो मैंने कहा क्यों तुम तो बड़े मजे से मजे ले रही ही. मैंने तो तुमको देखा की तुम भी अपने बूब्स को प्रेस कर रही ही? तो वो बोली एक शर्त पर मैं नहीं कहूँगी, मैंने कहा क्या? तो वो बोली तुम्हे मुझे मम्मी के तरह से सेक्स करना पड़ेगा.
दोस्तों आप ही बताओ, भला मैं क्यों पीछे रहता, मैं तूरंत ही उसको पाने गोद में उठा लिया, और मैं उसके कमरे में चला गया उसको लेके और फिर मैंने उसके एक एक कपडे उतार फेंके और फिर चोदना सुरु किया, दोस्तों क्या बताऊँ, कोमल तो अपने मम्मी से तीन गुना आगे निकली. वो तो अलग अलग स्टाइल में चुदवाने लगी. और मैं भी उसको चोदने लगा. दोनों में अंतर बस इतना था की कोमल कुछ ज्यादा मजा दे रही थी नई माल थी और दूसरी थोड़ी पुराणी, पर दोनों को मैं कल खूब चोदा.
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