मैं अपनी बहन की नाईटी उठाकर चूत में लंड पेल दिया, वो भी चुदक्कड निकली

दोस्तों मेरा नाम राजन है मै मोहाली का रहने वाला हूँ आज मै अपने से चार साल बङी बहन की चुदाई की कहानी बताता हूँ ये कहानी सिर्फ चुदाई कीही नहीँ है हम भाई बहन के प्यार की भी है। हमारे परिवार मेँ मै मम्मी पापा ऒर दीदी है उस समय मेरी उम्र 18 साल थी दीदी की 22 साल थी मेरे से चार साल बङी थी मेरा शरीर हट्टा कट्टा था क्यों कि माँ बाप का लाडला बेटा था। खाने पीने की कोई कमी नहीँ थी देखने मेँ दिदि से 1.5 गुना लगता था। दीदी स्लीम बोडी थी क्योंकि वो व्यायाम करती थी मगर शरीर गठीला था शरीर का हर पार्ट एक साँचे मेँ ढला हुआ था रँग गॊरा है लँबाई 5फिट 8 इँच है मेरी लँबाई 5 फिट 11 इँच है।

दीदी देखने मै हिरोइन की तरह लगती है वो केमिस्ट्री से बीएसी मेँ थी मै 12 th मेँ था मुझे अगर कोई लङकी दिखाई देती थी तो वह दीदी थी दीदी को अगर कोई लङका दिखाई देता था तो वो मै था। वो शर्मिले स्वभाव की है किसी लङके की तरफ आँख उठाकर नहीँ देखती वो काॅलेज जाती ऒर सीधा घर आ जाती उसके पीछे लङके बहुत थे मगर वो किसी को घास नहीँ डालती थी मगर मेरे साथ बहुत मस्ति करती थी। वो मुझे राजा कहकर बुलाती थी। मै ऒर मेरा लँड पुरे जवान हो गये थे। मेरी तरह मेरा लँड भी बहुत सेहतमँद था। दीदी जब मस्ति करती थी तो उसकी चुचिया को मेरा हाथ लग जाता मगर वो बुरा नही मानती थी क्योंकि उसकी नजर मेँ मै छोटा ही था मगर मेरा दिल दीदी को चोदने को कर रहा था।

हम दोनोँ का कमरा अलग अलग था मगर बाथरुम एक ही था दीदी शुबह शुबह व्यायाम करती थी चुस्त कपङे पहन कर जिससे दीदी के हर अँग का आकार साफ दिखाई देता था उससे वो ओर भी हाॅट लगती थी। एक दिन वो व्यायाम कर रही थी दोनोँ घुटनोँ को दोनोँ हाथोँ से पकङ कर अपनी छाती से लगा रखा था ओर आँखे बँद कर रखी थी उसी समय मै चला गया मैंने देखा उसकी गाँड ऒर चुत का आकार साफ दिखाई दे रहा था मेरा ध्यान उसकी गाँड ऒर चूत की तरफ था उसे देखकर पेँट के अँदर मेरा लँड खङा हो गया मै अपने हाथ से लँड को मसलने लगा। दीदी आँखे खोली ओर उसका ध्यान मेरे लँड की तरफ चला गया थोङी देर देखती रही फिर अहसास हुआ कि मेरा ध्यान उसकी चूत ओर गाँड की तरफ ह। उसने कहा राजा क्या देख रहा है, मैंने कहा कुछ नहीँ वो बोली चल भाग यहाँ से इतना बङा नहीँ हो गया ह तूँ अभी। मै वहाँ से सीधा बाथरूम मेँ गया ओर दीदी के नाम की मुठी मारी। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

एक दिन दीदी किचन मेँ झाङू लगा रही थी। मेक्सि मेँ थी ऒर आगे की तरफ झुकी हुई थी पीछे से उसके चुतङ क्या लाजवाब दिखाई दे रहे थे देखकर मेरा लँड खङा हो गया। मे सेल्फी लेने बहाने किचन कि तरफ गया ओर अपना खङा लँड उसकी गाँड को अङा दिया दीदी एकदम उछल पङी जिससे उसका हाथ मेरे लँड को अङ गया वो एकदम से खङी हो गयी अोर बोली ” क्या इरादा ह तेरा ” देखकर नहीँ चल सकता क्या, मै बोला बस दीदी सॆल्फी ले रहा था।

हमारा बाथरुम L Shape मेँ है। लॆटरिन वाली सीट अँदर की तरफ है। मेरा एक दिन मुठ्ठी मारने का दिल किया ओर मै दरवाजा बँद करना भुल गया ओर अँदर जाकर मुठ्ठी मारने लगा दीदी पेशाब करने के लिए बाथरुम मेँ आयी ओर अँदर घुसते ही अपनी नाईटी उठा ली ओर अँडरवियर घुटनोँ पर ले आयी ज्युही आगे की तरफ आयी मुझे लँड पकङा देखकर उसके होश उङ गये खङे खङे मेरे लँड को देखती रही ओर नाईटी नीचे करना भुल गयी मेरी नजर उसकी चूत पर पङी जो की छोटी छोटी झाँटोँ से ढकी हुई थी हम दोनोँ एक दुसरे की चूत ओर लँड को देख रहे थे अचानक दीदी को होश आया ओर अपनी नाईटी निचे की ऒर बोली राजा दरवाजा बँद नहीँ कर सकता क्या ” अब तूँ बच्चा नही रह गया ह ” मै बोला दीदी क्या मै 20 दिन मेँ ही जवान हो गया क्या उस दिन कमरे मेँ तो बोली कि तू इतना बङा नही हो गया ह अब तो तुमने देख लिया। दीदी दोनों हाथोँ से अपना मुँह छुपाकर बाहर भाग गयी |

दो तीन दिन बाद मै ओर दीदी खङे खङे बातें कर रहे थे मेरी नजर दीदी के चुचिया की तरफ थी दीदी बोली क्या देख रहा राजा मै बोला कुछ नही
दीदी – सच सच बता मै कुछ नही कहूगी।
मै – दीदी तुम्हारे चूचियां बहुत शुन्दर है।
दीदी शरमाकर मुस्कुरा दी।
मै – एक बार दिखा दो दीदी।
दीदी – नहीँ, कब से करने लगा तूँ एसी बातेँ, अचछा ये बता उस दिन बाथरूम मेँ क्या रहा था।
मै – क्यों बताऊँ ,तुम तो कुछ नही बताती।
दीदी – मेरे पास क्या ह बताने को।
मै – अपना चूचियांखोलकर दिखा दो फिर मै बता दूँगा।
वो मुझे एक साइड मेँ ले गयी ओर एक चूचियांखोलकर दिखा दिया मैंने पकङना चाहा पर वो पीछे हट गयी ओर बोली अब बता बाथरूम मेँ उस दिन क्या कर रहा था। मेंने कहा मै मुठ मार रहा था , ये सुनकर दीदी ने शरमाकर मुँह छिपा लिया ओर ” धत बेशरम तूँ गँदा हो गया आजकल ” कहकर भाग गयी। अपना एक चूचियांदिखाकर ये शाबित कर दिया था कि अँदर आग लग चुकी है मगर वो शरमाती बहुत ह उस दिन के बाद कयी दिन तक मुझसे आँख नहीँ मिला पाई। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

एक दिन की बात है हम अपने ननिहाल जा रहे थे शर्दी का मॊसम था अोर रात का सफर था हम दोनोँ एक ही सीट पर बॆठे थे ओर चादर पद रखी थी आज मै बहुत खुश था क्योंकि आज पुरी रात दीदी के साथ सट कर बॆठने का मॊका मिला था। रात के 11 बज रहे थे पूरी सवारियां नीँद मै ऊघने लग गी थी दीदी को भी नीद की झपकी आने लग गयी थी मैने अपनीँ जाँघ की तरफ इशारा करके कहा यहाँ सिर रखकर सो जाओ उसने एक बार तो गॊर से मेरी तरफ देखा फिर सिर रखकर सो गी। दीदी का सिर मेरे लँड को दबा रहा था जिससे लँड धीरे धीरे खङा होने लगा मेंने काफी control करने की कोशिश की मगर गाङी के हिचकोलोँ की वजह से इतना मजा आ रहा था की मे खङा होने से रोक नहीँ पाया लँड दीदी को चुभने लगा दीदी अपना सिर इधर उधर करने लगी मगर अँत मेँ उसको भी अच्छा लगने लगा ओर गर्म होने लगी ओर जानबूझकर सिर का दबाव लँड डालने लगी जिससे लँड सातवेँ आसमान पर पहुंच गया मै भी महसूस कर रहा था की दीदी जानबूझकर दबाव दे रही है मैंने चद्दर के अँदर से हाथ सरकाया ओर उसका एक चूचियांपकङ लिया उसने अपने हाथ से चूचियांछुङा लिया।

फिर मेरे लँड पर सिर रगङने लग गयी वो गरम हो गी थी मैंने दोबारा चूचियां को पकङा उसने फिर छुङाने की कोशिश की मगर मैने दबाकर पकङ लिया दबाने से उसके मुँह से दर्दभरी सिसकारी निकल गयी ओर अपना हाथ हटा लिया। उसने अपने हाथ से लँड को पकङ लिया ओर दबाने लग गयी अब वो बुरी तरह से गरम थी फिर मेरे पेँट की जिप खोली ओर अँडरवियर के छेद से लँड को बाहर निकाल लिया ओर अपने गालोँ ओर होठोँ पर रगङने लग गयी मै भी एकदम गरमा गया था अगर बस नहीँ होती तो उधर ही सलवार खोलकर दीदी को चोद देता। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

इसके बाद जरूर पढ़ें  सगे बाप ने मुझको चोद चोदकर गर्भवती कर दिया

फिर उसने लँड को अपने मुँह मेँ ले लिया मै उसके चूचियां दबा रहा था ओर वो मेरे लँड को चूस रही थी फिर मेरा विर्य निकलने वाला था मैंने धीरे से उसके कान मेँ कहा दीदी विर्य निकलने वाला है कपङे खराब हो जायेँगे उसनेँ कुछ नहीँ कहा बस चूँसती रही थोङी देर बाद विर्य का एक जबरदस्त गरम गरम फव्वारा उसके मुँह मेँ छूट गया वो पूरा पी गयी फिर लँड को चाटने लगी। मेरा लँड तो एक बार ठँडा होकर शिथिल पङ गया मगर दीदी ठँडी नही हुई।

उसने मेरा हाथ पकङा ओर अपनी चूत पर ले जाकर रख दिया मैने पुरी बस का मुआयना किया पुरी सवारियाँ सो रही थी मै अपने हाथ से उसकी चूत को रगङनेँ लग गया दीदी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लग गयी। फिर मैने सलवार का नाङा खोला ओर अँडरवियर के अँदर से चूत पर हाथ रख दिया नँगी चूत को हाथ लगते ही मेरा लँड फिर खङा होना शुरू हो गया जब दीदी ने यह महसूस किया तो हाथ से फिर लँड को मसलने लग गयी लँड फूलकर फिर टाइट हो गया दीदी ने फिर से उसे मुँह मेँ ले लिया। दीदी लँड को चूस रही थी मै नँगी चूत को सहला रहा था दोनोँ ही आनँदविभोर होकर सातवें अासमान पर पहूँच रहे थे मैंनेँ धीरे से अपनी एक ऊँगली चूत के मुँह पर रखी ओर अचानक अँदर डाल दी चूत टाइट थी दीदी एकदम से ऊछल पङी ओर मेरा हाथ झटक दिया। अचानक मुझे ऎसा लगा जॆसे दीदी का शरीर अकङ रहा ह ओर वो काँपने लगी ह मुझे भी ऎसा लगा जॆसे मेरा वीर्य निकलने वाला ह।ओर फिर दीदी एकदम से अकङी ओर फिर ढीली पङ गयी ओर तेज तेज साँसे लेने लगी मगर लँड को चूसे जा रही थी वो झङ चुकी थी मेरा भी वीर्य दुबारा निकल गया था दीदी फिर पी गयी मेरा हाथ गीला हो गया था मैंने अपना हाथ हटाया ओर सूँघने लग गया क्या शानदार मदहोस करने वाली सुघँद थी दीदी लँड को चाटकर साफ कर रही थी दीदी भाई का वीर्य पीकर मदहोश हो रही थी ओर मै दीदी की कुँवारी चूत के पानी की सुघँद लेकर मदहोश हो रहा था फिर मैंने हाथ को सलवार से साफ किया दीदी ने मेरे लँड को पेँट मेँ डालकर जिप बँद कर दी फिर अपनी सलवार का नाङा बाँधा। फिर दीदी ने एक जोरदार अँगङाई ली ओर सो गयी।सुबह ननिहाल आने से पहले मैनेँ उसको जगाया वो मेरे से नजरेँ नही मिला पा रही थी। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

हम चार पाँच दिन ननिहाल मेँ रहे उसके बाद मै बोला दीदी कल रात वाली बस से चलेँगे वो धीरे से मुस्कुराकर बोली नहीँ दिन वाली बस से चलेँगे ऒर हम लोग घर आ गये घर मेँ दीदी को देखकर ऎसा लगता था जॆसे कुछ हुआ ही नहीँ दीदी एकदम नाॅर्मल थी वो व्यायाम करती थी तो कभी-कभी मै उसके कमरे मेँ चला जाता था उसकी गाँड ओर चूत देखकर मेरा खङा हो जाता था वो भी कभी-कभी मेरे लँड पर नजर डाल देती थी मगर बोलती कुछ नही थी।

आदमी का लंड है या घोड़े का
कई बार रात को मै उसके कमरे तक जाता था मगर कमरा अँदर से बँद करके सोती थी एक दिन मेंने बोल दिया दीदी क्यों ज्यादा तङफा रही हो तो बोली ” तूँ आदमी ह या घोङा तेरे से तो घोङी भी डरकर भाग जायेगी मै तो लङकी हूँ ” ओर हँस कर भाग गयी।

इसी बीच मैने दीदी के नाम की कई बार मुठ मार ली थी मुझसे प्यार भी बहुत करती थी जब मम्मी पापा पास होते थे तो मुझे पास मेँ बिठाकर मेरे बालोँ मेँ उँगली फिराने लगती कभी-कभी मै मॊका देखकर अपना सिर उसके चुचिया पर दबा देता था वो अपने हाथ की चपत मेरे सिर पर मार देती थी इस तरह अठखेलियां चलती रहती थी। कई बार मैंने उसके चूतङोँ पर हाथ फिराया तो उसने हाथ को झटक दिया ओर कहती राजा तूँ नहीँ मानेगा, मै कहता कॆसे मानुँ दीदी तुमने आग तो लगा दि अब बुझा नहीँ रही हो वो बोलती मैनेँ कोइ आग नहीँ लगाई उधर बाथरूम ह यह कहकर हँसकर भाग जाती कभी कहती तेरी बङी बहन हूँ कुछ तो शर्म कर तुझे गोदी मेँ खिलाया ह तुझे इस दुनियां मेँ मै एक ही लङकी मिली |

एक दिन मेरे सबर का बाँध टूट गया दीदी अपने कमरे मेँ सोने जा रही थी मैंने पीछे से आवाज दी तो दीदी पिछे मुङकर देखने लगी, मैने कहा दीदी रात मेँ तुम्हारे कमरे मेँ आ जाऊ दीदी मुस्कुराकर अपनी गर्दन हिलाकर चली गयी ओर दरवाजा बँद कर लिया, मै अपने कमरे मेँ जाकर करवटेँ बदलने लगा एक बार मुठ्ठी मरने का दिल किया लेकिन बाद मेँ इरादा त्याग दिया मगर मुझे नीँद नहीँ आ रही थी मेरी आँखोँ मेँ दीदी का ही जिस्म घूम रहा था 10बजे के आसपास पापा के कमरे से TV की आवाज आनी बँद हो गयी ओर लाइट भी बँद हो गयी।

11:30 बजे किसी ने मेरे कमरे का दरवाजा खोला मैनेँ चोरी निगाहों से देखा तो दीदी नाईटी पहनकर मेरे कमरे मेँ घुसी ह कमरे मेँ अँधेरा था दीदी ने अँदर आकर दरवाजे की चिटकन बँद कर दी वो आकर मेरे पलँग के पास खङी हो गयी थोङी देर खङी रही फिर मुझे सोया जानकर अपनी नाईटी को उपर उठाया ओर अपना अँडरवियर निकाल दिया ओर मेरे बगल मेँ आकर लॆट गयी मेरे लँड ने मेरे पाजामेँ का तँबु बना रखा था ओर मन अँदर से मचल रहा था दीदी को चोदने के लिये मगर मै चुपचाप लेटा रहा दीदी 10 मिनट तक लेटी रही फिर मेरी तरफ करवट बदल ली ओर अपनी जाँघ को मेरे लँड पर रख दिया धीरे से जाँघ को हिलाकर देखा ओर महसूस किया लँड एक दम टाइट ह उसने अपना हाथ आगे बढाया ओर लँड को पकङ लिया ओर मसलने लगी फिर मेरे पायजामेँ का नाङा खोला ओर नीचे सरका दिया फिर अँडरवियर को भी नीचे सरका दिया ओर नँगे लँड को हाथ से सहलाने लगी फिरे धिरे से मेरे कान मेँ बोली मुझे पता ह तुम जाग रहे हो इतना सुनते ही मैनेँ एकदम से दीदी की तरफ करवट बदली ओर उसको अपनी बाहोँ मेँ भर लिया हम धीरे धरे बोल रहे थे एकदम कान मेँ क्योंकि बगल के कमरे मेँ मम्मी पापा सो रहे थे दीदी ने कहा राजा उतनी ही कारवाही होगी जितनी उस रात बस मेँ हुई थी अकेली समझकर उससे आगे बढने की कोशिश नहीँ करना मैनेँ कहा OK दीदी ओर फिर मैनेँ अपना कुर्ता ओर बनियान भी निकाल दी ओर एकदम नँगा हो गया दीदी को सीधा लिटाया ओर उस पर चढ गया, नाईटी के उपर से ही लँड से उसकी चूत को रगङने लग गया दोनोँ चुचिया को पकङकर मसलने लगा ओर लिप किस शुरु कर दी दीदी मेरे नीचे बुरी तरह दबी हुई थी मेरी उम्र 18 साल थी मगर मेरी बोडी तगङी थी ओर वजन 68 किलो था दीदी व्यायाम करने की वजह से हल्की थी लेकिन उसका हर अँग टाइट था। दीदी के चूचियां बहुत टाइट थे थोङा सा जोर से दबाते ही कसमसा जाती थी , मै उपर लेटा-लेटा दीदी के हर अँग को मसल रहा था ओर दीदी मेरा साथ भी दे रही थी फिर मै अचानक उपर से उतर गया ओर उसकी नाईटी खोलने लगा मगर उसने मना कर दिया ओर बोली

दीदी – क्यों खोल रहे हो

मै – मुझे तो बिल्कुल नँगा कर दिया इस्लिए तुम्हेँ भी नँगा कर रहा हूँ

दीदी – अरे राजा जो चीज तुम्हें चाहिए वो तो नीचे से नँगी ही पङी ह सिर्फ नाईटी उठानी ही तो ह

मै – नहीँ दीदी मै तुम्हारे चुचिया को नँगा करके पीना चाहता हूँ

दीदी – तुम ऎसा करो उपर के बटन खोल लो मुझे नँगा होने मेँ शर्म आ रही है |

इसके बाद जरूर पढ़ें  अकेले में पाकर भतीजे ने की जमकर गांड चुदाई

दीदी की गर्म चूत लंड के लिए बेताब हो गयी
मैनेँ बटन खोलकर दोनोँ चुचिया को बाहर निकाला ओर उसके सो गया चुचिया को मुँह मेँ लेकर चूसने लगा ओर लँड से चूत को रगङने लगा दीदी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी ओर अपनी चूत को मेरे लँड पर दबाने लगी, मै दीदी को फुल गरम करना चाहता था ताकी वो लँड अँदर डलवाने के लिये व्याकुल हो जाये। धीरे धीरे दीदी ने अपनी नाईटी को अपने हाथ सेउपर खीँचना शुरु किया ओर चूत के उपर से नाईटी हटा दी अब चूत भी नँगी ओर लँड भी नँगा दोनों एक दूसरे को रगङ मार रहे थे दीदी भी निचे से उछल रही थी दीदी ने मुझे बाहोँ मेँ जकङकर पकङ लिया था ओर एकदम गरम हो गयी थी मगर वो सावधान भी थी की कहीँ मै अचानक ही लँड चूत मेँ ना घुसा दूँ फिर उसने एक हाथ से लँड को पकङा ओर चूत पर रगङने लग गयी ओर बोली

दीदी – राजा , तुम्हारा लँड बहुत तगङा है। ये तो एक ही बार मेँ फाङ देगा।

मै – नहीँ फाङेगा दीदी इसको एक बार अँदर ले लो

दीदी – नहीँ राजा मैनेँ आजतक किसी से चुदवाया नही ह ओर तुम्हारा लँड बहुत लँबा ओर मोटा ह मुझे डर लग रहा है।

मै – कुछ नहीँ होगा दीदी , वॆसे भी एक ना एक दिन दर्द तो होना ही है।

दीदी – जिद्द मत करो राजू लो अपने मुँह मेँ लेकर इसको शाँत कर देती हूँ।

मै – दीदी प्लीज मान जाओ।

दीदी – फिर कभी करेँगे जब मम्मी पापा घर पर नहीँ होँगे

मै – दीदी एक-एक पल निकलना मुस्किल हो रहा है। मै उठा ओर उसकी टाँगोँ के बीच बॆठकर दोनों टाँगोँ को फॆला दिया।

दीदी – राजू, मै तुम्हारे हाथ जोङती हूँ मॊके का फायदा मत उठाओ।

मैनेँ दीदी की एक नहीँ सुनी दोनों पॆर घुटने से मोङकर दीदी के चुचिया के साथ लगा दिया ठीक उसी तरह जॆसे दीदी व्यायाम करते वक्त लगाती थी।

दीदी – अपनी जिद्द पूरी करके ही मानोगे ऎसे नहीँ मानोगे।

मै – हाँ दीदी आज नहीँ मानूँगा।

दीदी – ठीक ह फिर धीरे धीरे अँदर डालना। इतना कहकर अपने शरीर को ढीला छोङ दिया।

मै – Ok. दीदी अपने हाथ से लँड को चूत के छेद पर रखो।

दीदी ने वॆसा ही किया, मैनेँ लँड का दबाव चूत पर डाला मगर वो फिसल गया, दीदी ने दुबारा पकङकर छॆद पर रखा मैनेँ फिर दबाव दिया मगर फिर फिसल गया। तीसरी बार भी फिसल गया,

मै – दीदी , तुम्हारी चूत बहुत टाइट ह मै लाइट आॅन कर दूँ।

दीदी – हँसकर, पागल लँड अँदर डालने के लिये लाइट की क्या जरुरत ह रहने दे मुझे शर्म आ रही है।

मै – दीदी प्लीज।

दीदी – ठीक ह जला ले।

मै उठकर लाइट जलाने चला गया मेरे साथ-साथ दीदी भी उठ गयी मैनेँ सोचा दीदी बाहर भागेगी। मै लाइट जलाकर दरवाजे के सामने खङा हो गया मगर दीदी तो तेल लेकर आ रही थी फिर जाकर पलँग पर बॆठ गयी मै भी पलँग की तरफ बढा मेरा लँड आगे से हिल रहा था। फिर दीदी ने लँड ओर चूत दोनोँ पर तेल लगाया ओर लेट गयी मै उसके दोनोँ पेरोँ के बीच मेँ बॆठकर नाईटी उपर की दोनोँ घुटनोँ को मोङकर छाती से लगाया दीदी ने लँड. को छेद पर रखा त्योँही मैनेँ जोरदार शाॅट मार दिया मगर चूत इतनी टाइट थी की मेरे लँड का सुपाङा ही अँदर जा पाया, दीदी ने दर्दभरी सिसकारी ली ओर काँपने लग गयी बोली राजा धीरे। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

मै थोङी देर के लिये रुक गया ओर उसके होटोँ को अपनेँ मुँह मेँ लेकर चूसने लग गया फिर दूसरा शाॅट मारा तो आधा लँड अँदर चला गया। दीदी की आँखोँ मेँ आँसू आ गये ओर कसमसाने लग गयी मगर मैंने इतना मजबूत पकङ रखा था ही वो हिल नहीँ पा रही थी। धीरे से बोली ” मार डाला ” फिर मै पाँच मिनट तक किस करता रहा दीदी का दर्द थोङा कम हुआ. मैनेँ पूछा दीदी कॆसा लग रहा ह मगर वो कुछ नहीँ बोली सिर्फ ओॅठ काँप रह गये उसी समय तीसरा शाॅट मार दिया लँड पूरा जङ तक चूत मेँ घुस गया, वो धीरे से कराई मगर चिल्ला नहीँ सकती थी क्योंकि बगल मेँ मम्मी पापा सो रहे थे , अपना सिर इधर उधर पटकने लग गयी। मै चुपचाप उसके उपर लेटा रहा वो कराहते हुये बोली।

दीदी – राजा थोङी ढीली छोङ नीचे से पूरा लँड फँसा दिया डबल फोल्ड कर दिया, उपर से पूरा वजन डाल दिया मुझे साँस नहीँ आ रही है।

मै – दीदी तुम भाग गयी तो।

दीदी – अरे पगले, तुमने भागने लायक छोङा ही नहीँ मै कहीँ नहीँ जाऊँगी।

मैनेँ दीदी के पैरो को ढीला छोङ दिया ओर शरीर का वजन अपनी कुहनियों पर ले लिया ओर उसके मुँह मेँ अपना मुँह डाल दिया 10 मिनट तक ऎसे ही किस करते रहे फिर दीदी ने धीरे धीरे मुझे अपनी बाहोँ मेँ जकङा ओर नीचे से अपने चूतङ हिलाने लग गयी तो मैनेँ भी उपर से शाॅट लगाने शुरू कर दिये। दीदी की चूत गीली हो गयी थी।

मगर क्या निकल रहा था मुझे दिखाई नहीँ दिया। धीरे धीरे मैनेँ अपनी रफ्तार बढा दी अब दीदी को भी मजा आ रहा था वो भी नीचे से साथ दे रही थी कभी बङा झटका मारने ओर से वो कराह उठती ओर कहती राजा धीरे दर्द हो रहा है। मै फिर धीरे कर देता। 15 मिनट तक मै चोदता रहा, दीदी की हालत खराब हो गयी मगर उसको मजा भी आ रहा था।

दीदी ने मजे से चुदाई का मज़ा लिया
फिर मैनेँ धीरे से कान मेँ कहा ” दीदी मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ डालूँ ” मगर दीदी कुछ नही बोली सिर्फ होँठ काँपे , मैने एक जोरदार आखिरी शाॅट मारा ओर विर्य का फव्वारा छूत के अँदर छोङ दिया साथ ही दीदी का शरीर अकङा ओर खलास हो गयी हम दोनोँ एक साथ खलास हुये मै थोङी देर तक उपर लेटा रहा फिर लँड बाहर निकाल कर साइड मेँ सो गया दीदी वॆसे ही सोई रही। मैनेँ देखा खून ओर विर्य का लसलसा चूत से बाहर आ रहा था ऒर चद्दर पर फॆल रहा था मैंनेँ आज दीदी की सील तोङ दी थी। मैनेँ नाईटी से लँड को साफ किया ओर आँख बँद करके दीदी की बगल मेँ लेट गया। थोङी देर बाद मैनेँ देखा दीदी अभी भी पॆर फोल्ड करके सो रही है आँखेँ बँद है। मैनेँ दीदी के कान मेँ दीदी करके पुकारा तो दीदी ने धीरे से आँखेँ खोली दीदी की पलकेँ भीगी हुयी थी दीदी के होता फङफङाये ओर बोली ” राराराजूुऊऊ ” इतना कहकर अपनी बाहेँ मेरी तरफ फॆला दी मै दीदी की बाहोँ मेँ समा गया दीदी भावुक हो गयी उसकी आखोँ मेँ आ गये ऒर बेतहाशा मुझे चूमने लग गयी मै भी दीदी को बाहोँ मेँ लेकर सोया रहा दीदी बोली

दीदी – राजा , तूँ इतना बङा कब हो गया रे तुमने तो अपने से चार साल बङी बहन की दो झटकोँ मेँ सील तोङ दी।

मै चुपचाप. दीदी के मुँह की तरफ देखता रहा दीदी प्यार से मेरे मुँह पर हाथ फिरा रही थी ओर बोल रही थी।

दीदी – तूँ तो बङा शॆतान निकला मै तो यह सोचकर आयी थी की राजा का टाइम पास करके आती हूँ लेकिन तुमने तो मेरे छक्के छुङा दिये मेरे पॆर भी सीधे नहीँ हो पा रहे है चूत के अँदर बहुत दर्द हो रहा है।आज खूब बजाया तुमने अपनी बहन को।

मै – दीदी तुम्हारी चूत ह ही टाइट मैनेँ जब लँड अँदर डाला था तो ऎसा लग रहा था जॆसे किसी ने लँड को मुठ मेँ भीँच रखा

इसके बाद जरूर पढ़ें  करवाचौथ के दिन ननदोई ने शांत की वासना की भूख पति के मदद से

दीदी – हल्की हँसी के साथ, चल तुमने आज इसको ढीला कर दिया। किसी न किसी को तो यह काम करना ही था आज मेरे छोटे भाई ने कर दिया। पागल माँग मेँ सिँदूर भरे बिना ही अपनी बङी बहन के साथ सुहागरात मना ली

मै – दीदी, मै अपने आप को रोक नही पाया मुझे ऎसा लगा की अगर मैनेँ सेक्स नही किया तो मेरा लँड फट जायेगा।

दीदी – आज तुमने मुझे लङकी से ऒरत बना दिया इतना कहकर मेरे होठ चूम लिये।

फिर हल्की कराहट के साथ अपने पॆर सिधे किये अपनी नाईटी को पैरो पर डाला ओर मुझसे बोली मेरे कमरे की आलमारी मेँ एक टेबलेट है लेकर आजा। मै टेबलेट लेकर आया दीदी ने खा लिया, मैंने पूछा ये किसलिये है तो बोली तूँ तो चोदचाद कर साइड हो गया मगर मेरे को बच्चा ठहर जायेगा तो उसी से बचने के लिये यह है, मैंने कहा दिदि तुमने तो फुल तॆयारी कर रखी थी तो दीदी बोली मुझे ऎसा लग रहा था की तूँ मुझे कभी भी ओर कहीँ भी पकङ कर चोद सकता है इस्लिय पहले से लेकर रखी थी।

फिर दीदी खङी हुई ओर अपनी नाईटी आगे से उपर उठाई मैंने देखा विर्य ओर खून का रॆला दीदी के घुटने तक आ गया, दीदी ने अपने पैंटी से उसको साफ किया ओर बोली यार कितना माल था तुम्हारे अँदर चूत फुल भर दी, फिर मेरे दोनोँ गालोँ की पप्पी ली ओर लङखङाते कदमोँ से कमरे से बाहर चली गयी। चुदाई खत्म होने के बाद दीदी को मुझपर बहुत प्यार आया , फिर मै भी कपङे पहनकर सो गया।

सुबह 8.30 बजे तक मै सो रहा था मगर दीदी नहा धोकर मेरे लिये चाय लेकर आयी मेरा लँड पायजामे के अँदर से खङा था ,दीदी ने चाय रखी ओर लँड को पकङकर बोली तूँ तो सो रहा है मगर तेरा मुन्ना जाग रहा है रात मेँ इसको तसल्ली नही हुई क्या

मै – तुम्हारी मुन्नी से मिलने के बाद से यह बेचेंन हर, तुम कॆसी हो।

दीदी – एकदम fresh

मै – पापा ओफिस गये क्या।

दीदी – हाँ, कहकर पलँग पर बॆठ गयी।

मै – मम्मी क्या कर रही है।

दीदी – मम्मी बाथरुम मेँ है। मम्मी बाथरुम से एक घँटे से पहले नहीँ निकलती थी , मै उठा ओर दरवाजे की चिटकन चडा दी।

दीदी- क्या कर रहे हो राजू अब नहीँ हो पायेगा अँदर दर्द महसूस हो रहा है।

मै – मुन्ना नही मान रहा ह दीदी।

दीदी – मुन्नी पर तो तरस खाओ यह रात से रो रही है।

मै – मुन्ने से मिलने के बाद हँसने लगेगी।

मैने बेटी हुई दीदी को धक्का दिया वो बिस्तर पर चित्त गिर गयी, अपना पायजामा ओर अँडरवियर उतारकर साइड मेँ रख दिया।

दीदी – क्या कर रहे हो राजू मै हाथ जोङती हूँ।

मैने एक नही सुनी उसके पॆर पकङे ओर पलँग पर सीधा किया दोनों पैरो को चोङा किया ओर नाईटी उठा दी, नीचे पैंटी नहीँ थी ओर चूत अभी भी लाल ओर सूजी हुई थी ,पैरो को घुटनोँ से मोङा लँड को थूक लगाकर चूत के सुराख पर रखा ओर एक ठाप मारी पूरा लँड एक ही बार मेँ दीदी की चूत मेँ जङ तक चला गया ओर दीदी के मुँह से निकला ” ऊई माँ मर गयी ” मैने फुल स्पीड मेँ चोदना शुरु कर दिया,दीदी ने भी मुझे बाँहोँ मेँ जकङ लिया ओर निचे से गाँड उछालने लग गयी आज दीदी को मजा आ रहा था , दीदी बोली राजु तूँ अपनी मनमानी करके ही मानता है, दोनोँ की धमाधम चुदाई चल रही थी दीदी के मुँह से गरम सिसकारियाँ निकल रही थी उसके बाद दीदी का शरीर काँपा ओर वो झङ गयी लेकिन मेरी स्पीड एसी ही रही दस मिनट बाद दीदी दुबारा झङ गयी वो बोली तुम्हें क्या हो गया झङ क्यों नहीँ रहा, इसी साथ मैने जोरदार शाॅट मारा ओर विर्य की पिचकारी दीदी की चूत मेँ छोङ दी। थोङी देर तक हम उपर निचे लेट कर सुस्सताने लगे उसके बाद मैने लँड बाहर निकाल लिया। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

खङा होकर कपङे पहने ओर पलँग पर बॆठ गया दीदी मेरे पास ही बेटी थी।

दीदी- यार लगता है तूँ बच्चा ठहराकर ही मानेगा, तुम्हारी चाय ठँडी हो रही है।

मै – चाय कॊन लेकर आया।

दीदी – मै।

मै – क्या बात ह दीदी अाज से पहले तो कभी चाय लेकर नहीँ आयी ( अाँख मारते हुये) आज तो पत्नी की तरह बर्ताव कर रही हो

दीदी -अब भी कोई कमी रह गयी है क्या सुहागरात तुमने मना ली माँग मेँ सिन्दूर भरना बाकी रह गया ह वो भी कभी जायेगा इतना कहकर जोर से हँस दी, यह बता इतनी कम उम्र मेँ इतना कहाँ से सिखा तूँ तो बहुत शातिर खिलाङी है।

मै – इन्टरनेट पर बहन की चुदाई की कहानियाँ पङकर।

दीदी – तुम्हारी स्टेमिना बहुत जबरदस्त है हिला देता है पूरे शरीर को , घोङे की तरह जोश है, ओर धिरे से मुस्करा कर बोली लँड भी घोङे की तरह है।

मै – दीदी, तुम्हारी जवानी भी तो घोङी की तरह है ओर निचे से साथ भी तो घोङी की तरह देती।

दीदी – मै चलती हूँ यार चूत धुलाई करनी पङेगी पॆर तक गीले कर दिये।

फिर जब इच्छा होती थी हम चुदाई कर लेते थे , एक दिन दीदी मेरे पास आकर बोली राजू, पापा ने मेरे लिये लङका ढूँढ लिया है यह बात सुनकर मै उदास हो गया तो दीदी बोली राजू उदास मत हो शादी तो करनी ही पङेगी क्योंकि ये समाज की तरफ से लाइसेंस है मगर मै तुम्हें नही भूल पाउगी, तुम्हारी इन मजबूत बाहोँ ओर घोङे की तरह शाॅट को कभी नहीँ भुल पाउँगी चार शाॅट मेँ पुरे शरीर को हिला देता है। एक ही बार मेँ नाभी तक पहुंचा देते हो।

ओर फिर एक दिन अमित नाम के लङके से दीदी की शादी हो गयी विदाई के समय हम बहन भाई गले मिलकर खुब रोये, हमारा प्यार देखकर लोगोँ की आँखेँ भर आई उनको क्या पता की माजरा कुछ ओर है ओर इस तरह दीदी ससुराल चली गयी, उसके बाद बीच बीच मेँ दीदी के फोन आते रहते थे , फिर एक दिन मेरे ननिहाल मेँ शादी थी तो मम्मी पापा को वहाँ जाना था ,दीदी ने मम्मी से कहा आप लोग चले जाओगे तो राजू का ख्याल कॊन रखेगा, मम्मी बोली जाना जरूरी है नहीँ तो वो नाराज हो जायेँगे, दीदी ने कहा तीन चार दिन के लिये मै घर आ रही हूँ, जब मुझे पता चला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीँ रहा, दीदी के मन मेँ भी लड्डू फूट रहे थे वो दिन मेँ चार पाँच बार फोन कर देती थी। वो बोलती राजू एक महीने बाद मिलन होगा मैंने कहा दीदी तुम्हारे जाने के बाद मैंने मुठ मारनी भी छोङ दी

शाम को चार बजे अमित दीदी को छोङने आया दीदी ने मुझे गले लगाया मैने दीदी के कान मेँ कहा ये कबाब मेँ हड्डी क्यों लाई हो तो बोली ये वापस चला जायेगा, फिर हमने साथ बॆठकर चाय पी मम्मी पापा जाने की तॆयारी करने लगे अमित भी चला गया दीदी अपने कमरे मेँ गयी ओर सलवार शूट चेँज करके आ गयी मै बॆटा बॆटा दीदी को देख रहा था ओर वो मँद मँद मुस्कुरा रही थी।

 



दीदी हिंदी सेक्स कहानीwidhwa bahan ki majburi ne chut dilaee kahanima ko papa ke dost ne choda hindi storikabadi aurat ki gàand maarichut mai hat se ragana and boobs ko chusna picबुढी ने मुठ मारीकरवा चौथ पर पति नहीं तो देवर से चुदवायाbhai se jawai porn storiessasur xxx kahniभईया पापा तो तेल लगा के चोदते हैXxxx khaniसुनसान झाड़ी Sex Storybari bahan and chhote bhai ki dard nak chudi khani likha huaaM besharm chudakd ki khaniगंदी माल चोदाईरेल की भीड मे लडको ने मेरी गांड मारी XXXकाहनीsadi suda aurto ki ger mard se chudai kahaniaarmy wale papa ke sath new hot sex kahanichote bhan ko coda sex khaniसगी बीवी ओर माँ को एकसाथ चोदाchut chod ke mar diya kahaniडॉक्टर ने मेरे गण्ड हे मैरे सेक्स स्टोरनये जमाने की चुत कहानी मजाkhel khel me ladki ko khet me choda kahanichut chodane ke story hindixxx hinde indeyn dillibehan ko bra gift ki hindi story chudaiNnd ki gand chudai hindi sexy storyMote.land.se.beti.ki.chudai.beti.chillane.lagiteacher ne ladki ko gand marke rula diya xxx kahaniaunty nemamoo jaan ne meri bedardi se chudai ki hindi सेक्स storiesलंड से पानी चुनेलगा बुर देख के कहानीया नानवेजHalala xxx kahanibarsat ke mausm me didi ki chudai new story for readnonvege sex story khaniकहानी लडका चोदाइsale ki gand chudai khaniदेवर भाभी सैकसी हिंदी कहानीjeth ne ki bahu ke jabardasti sexstoryलङकी चुत मे लंड दुध दाबताxxx khani repPhupheri bahen sexy hindi video storiyekamsin hindi khani "lyric" xxx saxyचाट चाट के कि मम्म कि चुदाई की कहानी लिखितघर मे चुत चोदाई कहानीयाँ न्या न्याAntavana maa betaHot long sex kahane famlyसेक्सी चुदाई की कहानियाँCollege k guard nay choda or gand mariMaa khub coda khaniभाई से चुदी बहाने अन्तर्वासनाsex स्टोरी कुछ गड़ रहा पीछेsekshi khani chudai chut land sexy kahaniyaBahan ki chudai storytren me boob dabane ki storySEXI KAHANIYA PHOTU IMENJ HINDI LAYRICSchut chudi ke hindi storygand lesbian sex story in hindiगोवा बीच पर अंग्रेजों को चोदा चुदाई कहानीdevar se chudai storyभाभी के देवर ने पेला कहानीBhai sister chudai kahaniMom chud gayi party m hindi kahanichudaye kahaneya hindiSAFAR ME BHAI SE CHUDI KAHANIkuyari ladhki की पल पल की चुदाईmaa ka gang bag dakhaSex kahni hindi 2 anltamom ki chaudai unkal nai burkai maixxx stori hindemaa behan xxx kahanisaxy khaniya ghar ka malटेरेन मे चोदी गई कहानीमैडम ने एक लडके को पटाया लड चुतbur chodne ka das damdar tarika hindi mai bataenBahan ki chudai storyआटी के चुदहे कहनीwww.xnxx. Delhi SAAS Bahu story dotkomअँकल ने चुत फाड दि कि कहानिbahan ki janghe uthakar choda sex storiesMa ko papa ne kske cooda hinde khane meaqne barthday par bahan chut manga kahaniSex kahani pador ki mami ko pelaचाचि कीगाड मजेदार सेक्सीगोल गोल चुचिया कजरारी आँखेek papa ke dost ghar aaye unhone meri xhati par hath rakh diyasex storyLadaki chudai hard kahanidesi sagi aunty ko bete ke liye choda in hindi storybidi ki badbo sex kahanimausi koboyfriend ke dosato ne Meri chud ki payas bujaiSasur ne choda hindi lyrics