सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं के चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।
मेरा नाम रमेन्द्र कुमार है। मैं कोलकाता में डॉक्टर हूँ और अच्छा पैसा कमाता हूँ। मेरी सबसे बड़ी कमजोरी मेरी बेटी संजना है जो हर रात मेरा बिस्तर गर्म करती है। ये बात मेरे घर में कोई नही जानता है। अब तो मुझे संजना की चूत की ऐसी लत लग गयी है की आपको क्या बताऊं। जब तक मुंह लगाकर उसकी गर्म गर्म रसेदार मलाई जैसी चूत को चाटकर चोद नही लेता हूँ मेरा बदन ठंडा नही होता है। ये सब कुछ साल पहले शुरू कुआ था। मेरी बीबी यानी संजना की माँ को लकवा मार गया था। वो बिस्तर पर पड़ी रहती थी। उन दिनों संजना नई नई जवान हुई थी और अक्सर ब्रा और पेंटी में ही घर में घूमा करती थी।
अपनी जवान हो चुकी बेटी के जिस्म को देख देखकर मेरा लौड़ा तन जाता था और उससे चोदने का मेरा कितना दिल करता था। संजना मेरी बीबी की तरह बहुत सेक्सी आइटम थी और मेरे पास पडोस के कितने लडके उसको चोदने को मरे जा रहे थे। अक्सर ही संजना ब्रा और पेंटी में मुझे नास्ता देने आ जाती थी। मैंने ही उसको ऐसा करने को बोला था। अब संजना के बदन का एक एक अंग रस से सराबोर हो गया था। उसके ओंठ बेहद गुलाबी थे जिनको चूसने को कितने लड़के चक्कर काटते थे। संजना के दूध अब 36” के आयशा टाकिया जैसे हो गये थे जिसे एक बार मसलने को और मुंह में लेकर चूसने को सब लड़के परेशान थे। संजना की चूत अब किसी भी वयस्क पुरुष का मोटा लंड खाने को पूरी तरह तैयार हो चुकी थी क्यूंकि अब वो 24 साल की मस्त जवान लौंडिया हो गयी थी। अब संजना की चूत बहुत रसीली हो गयी थी। कितने लड़के उसकी चूत चाटने को बेताब रहते थे। ये सब मैं बर्दास्त न कर सका और एक रात जब मेरी बीबी लकवाग्रस्त होकर दुसरे कमरे में पड़ी थी तो मैं अपनी बेटी संजना के पास चला गया।
वो नाईटी पहनकर सो रही थी। मैं उसके बेड पर चला गया और लेट गया। धीरे धीरे मैंने उसकी कमर में अपना हाथ डाल दिया। नाईटी में संजना किसी नव विवाहिता सी दिख रही थी। मैंने उसकी नाईटी में नीचे से हाथ घुसा दिया और उसकी गोरी गोरी टांगो और जांघो को सहलाने लगा।
“डैडी आप??” वो चौंक कर बोली
“हाँ बेटी मैं!!” मैंने उनकी चिकनी जांघ पर हाथ लगाते हुए कहा
“बेटी!! क्या तेरा कभी चुदने का मन नही करता??” मैंने कहा
“पर आप तो मेरे डैडी है। मैं कैसे आपसे चुदवा सकती हूँ” संजना आश्चर्य से बोली
“बेटी!! मैं अभी जवान हूँ और देखो तुम्हारी माँ को लकवा मार गया है। मुझे भी किसी की जरूरत है। मेरे दिल की बात समझो बेटी!! मुझे तेरी बड़ी जरूरत है!!” मैंने कहा और संजना पर झुक गया और उसके सेक्सी होठो को चूसने लगा। वो भी मजबूर हो गयी। शुरू २ में विरोध करती रही पर जल्दी ही सरेंडर हो गयी। उसके बाद मैंने उसके हाथो की उँगलियों में अपने हाथो की उँगलियाँ फंसा दी और कसके लिप्स पर चुम्बन कर डाला, संजना चुदासी हो गयी।
“बेटी बताओ चुदोगी मुझसे???” मैंने पूछा
“डैडी हर चीज की कीमत होती है। मुझे आईफोन चाहिए!!” वो मटक कर बोली
“ठीक है मैं अभी तेरे लिए अप्प्ल का आईफोन बाय करता हूँ” मैंने कहा और अपने फोन से उसी वक्त ऑनलाइन शोपिंग कर दी और संजना को दिखा दिया। उसके बाद वो चुदने को ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गयी। धीरे धीरे मैंने ही उसकी काली नाईटी उतार दी। फिर ब्रा और पेंटी उसने खुद उतारी।
“डैडी जी!! अपना लौड़ा दिखाओ!” वो बोली
फिर मेरे लोवर और टी शर्ट को उतार दिया। मैंने फ्रेंची वाली जेन एक्स की चड्डी पहनी थी। मुझे संजना ने लिटा दिया और बोली “डैडी!! आप आराम से लेटो!! अभी मैं आपको अपना कमाल दिखाती हूँ” वो बोली और मेरे पोते को सहलाने लगी। कुछ देर किसी सेक्सी बिच की तरह अपने हाथ से चड्डी के उपर से मेरे लंड को पकड़कर हिलाती रही। फिर मेरी चड्डी में अपनी पतली पतली उँगलियाँ उलझाकर उसने उसे उतार दिया। सामने मेरा 12” का काला कलूटा लंड था। लंड को मेरी बेटी ने पकड़ लिया।
“क्या डैडी!! आपका लौड़ा तो कितना काला है” वो मुंह बनाकर बोली
“बेटी काला है पर दिलवाला भी है” मैंने मुस्कुराकर कहा
मेरी बात सुनकर संजना चुदासी हो गयी और मेरे 3” मोटे लौड़े को फेटने लगी। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगा। संजना इस तरह से लौड़ा फेट रही थी जैसे कितने मर्दों का फेट चुकी थी। धीरे धीरे उसके हाथ की रफ्तार बढती चली गयी। फिर तेज तेज लंड को मुठ देने लगी। बड़ा आनंद मिला मुझे। मेरी दोनों गोलियों पर उसकी उँगलियों का स्पर्श कितना सुहावना था। मैंने अपनी झांटे अच्छे से साफ़ कर रखी थी। जिस वजह से उसको साफ़ सुथरा लंड नसीब हुआ था। मेरे पैरो के पास बैठकर नाईट लैप्म की रौशनी में मुझे उसके 36” के रसीले मम्मे दिख गये।
संजना अपने आमो को मेरी जांघ पर रगड़ने घिसने लगी। एक नई उत्तेजना और एक नया अहसास मिला। फिर संजना लौड़ा का छेद जीभ लगाकर चाटने लगी। “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” मैं करने लगा। वो मेरे लंड के सुपारे को मुंह में ले ली और चूसने लगी। उसके बाद मेरी जवान बेटी ने पलटकर नही देखा और लंड चुसाई में बिसी हो गयी। मैं बेड पर सीधा लेटकर अपनी सगी बेटी से चूसा रहा था। वो बहुत अच्छा चुसाई कर रही थी। कस कसे मेरे लौड़े को फेटे जा रही थी। मैं पूरी तरह से मस्त हो गया था। फिर वो खुद ही मेरी गोलियों को चाटने लगी। फिर मुंह में लेकर उसे रसगुल्ले की तरह चूसने लगी।
“आ हह आ बेटी!! कहाँ सीखा ये सब??” मैंने पूछा
“रिलैक्स डैडी!! आज तक मैंने किसी से नही चुदाया है। सब कुछ इन्टरनेट से सीखा है!! जस्ट चिल!!” संजना किसी महंगी कालगर्ल (रंडी) की तरह बोली
भगवान जाने उसने ये सब अदाये कब और कहाँ सीख ली। मुंह में ले लेकर उसने बड़ी देर तक मेरी लंड चुसाई की। फिर मैं झड़ने वाला था।
“डैडी!! मेरे मुंह में अपना माल निकालो!!” वो बोली
मैं जल्दी से बेड पर खड़ा हो गया और अपने 12” लौड़े को जल्दी जल्दी फेटने लगा। संजना ने किसी रसियन महंगी रंडी की तरह अपना मुंह खोल दिया। मैं जल्दी जल्दी अपने लौड़े को फेटने लगा। फिर कुछ देर बाद माल की पिचकारी निकली। सब माल अपनी सगी बेटी के मुंह में झार दिया। संजना जीभ को आगे बढ़ाकर मुझे अपना माल दिखाने लगी। फिर लील गयी।
“उह्ह्ह टेस्टी है डैडी!!” वो हंसकर बोला
“साली!! लगता है तू बहुत बड़ी रंडी बनेगी आगे चलकर। तेरे हाव भाव और नखड़े देखकर तो यही लगता है मुझे” मैंने परेशान होकर बोला
“डैडी!! आज तो मुझे आपकी रंडी बनना है” संजना बोली और आँख मारने लगी
उसके बाद उसे बिस्तर पर लिटा दिया और पेंटी उतार दी। अपनी बेटी की चूत देखने लगा। कितनी खूबसूरत थी बिलकुल पिंक कलर की। पर झाटे बहुत थी।
“तेरी झांटे कब निकल आई बेटी???” मैंने अचरज से पूछा
“अरे डैडी वो तो 12th में ही निकल आई थी” संजना मचलकर बोली
उसके बाद मैंने ही उसकी चूत की झांटो को शेव किया और बिलकुल चिकना बना दिया। अब उसकी चूत बिलकुल मेरी बीबी की चूत की तरह दिख रही थी। हुबहू!! वही डिजाइन थी चूत की। वही बड़ी सी बुर और उठा हुआ बड़ा सा चूत का दाना। चूत के आजू बाजू उभरी हुई गद्दियाँ लंड का धक्का बर्दास्त करने के लिए। मैं कुछ देर अच्छे से देखता रहा। फिर जीभ लगा लगाकर चूत की चटनी करने लगा। ““अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह….डैडी!! सक माय पूसी!!….सी सी सी सी….हा हा हा…” संजना कहने लगी।
वो बड़ी नटखट थी। अपने दोनों सेक्सी पैरो को मेरे गले में मोड़कर फंसा दिया। मैं तो उसकी भरी हुई गद्दीदार बुर चाटने में मस्त था। कुछ ही देर में मेरी कोशिश रंग लाई और उसकी बुर पानी से तर हो गयी। अब उसकी चुद्दी अपना मक्खन छोड़ने लगी। मैं तो उसे सुड़क सुड़क कर चाटने लगा। खूब चाटा दोस्तों। संजना अब किसी जंगली बिल्ली की तरह चीखने लगी। पर मैंने उसकी चूत को छोड़ा नही। बड़े ही जोश से चूस डाला सब रस। आज अपनी सगी बेटी को बीबी बनाकर चोदने जा रहा था।
“संजना बेटी!! बोल तू मेरी बीबी है” मैंने कहा
“हाँ डैडी!! आज की रात मैं ही आपकी बीबी हूँ। आप मेरे पति हो!!” वो चहक कर बोली
उसके बाद मैंने कुछ देर उसकी चूत और चाटी। फिर अपना 12” लौड़ा उसकी चूत की गद्दी पर रख दिया। फिर मुझे भी शरारत सूझी। और मैंने लंड को पकड़कर उसकी गद्दीदार चूत पर पीटना शुरू कर दिया। संजना “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी। मैंने उसकी चूत को अपने मोटे लंड के डंडे से खूब पीटा और उसे भी खूब मजा दिया। फिर मोटे गोल सुपारे को चूत में घुसाने लगा। संजना चूं चूं करने लगी। फिर एक बड़ी जोर का धक्का दिया और लंड सीधा उसकी रसीली गुफा में। मैंने अब अपनी बेटी की तरफ देखा। दर्द से उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। मन ही मन उसके दर्द को देखकर खुश हुआ। फिर अपनी सगी बेटी की चूत पूजा शुरू कर दी। कमर हिलाने लगा और मेरा ताकतवर लंड महाराज उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा। संजना की चूत से कौमार्य वाला खून निकलने लगा जिससे मुझे पूरा यकींन हो गया की आज उसके साथ मैं ही पहली बार चुदाई कर रहा हूँ। खून की बुँदे देखकर विशेष खुश हो गया मैं।
अब चुदाई होने लगी। मेरे कामांध मोटे लौड़े से आज अपनी सगी बेटी को भी नही बक्सा। उसे भी आखिर चोद डाला। मैं तो सिर्फ संजना की चुद्दी की तरह देख देखकर उसको पेल रहा था। फिर गपचिक गपचिक जल्दी जल्दी पेलने लगा तो संजना की गांड फट गयी। दर्द से उसका मुंह लटक गया।
“हाय रे हरामी डैडी!! फाड़ दिया अपनी बेटी का भोसड़ा!! ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी…” संजना दर्द से बडबड़ाने लगी
मुझे उसका दर्द देखकर बड़ी संतुष्टि मिली। मैं लंड को जल्दी जल्दी पेल पेलकर अपनी रसीली बेटी को चोद रहा था और एक भी सेकंड को मैं नही रुका। संजना की चूत से खून निकलकर बेड की चादर को लाल कर दिया। मैंने 15 मिनट उसे भांजा फिर जल्दी से लंड बाहर निकालकर उसके पेट पर झाड दिया। संजना के पूरे पेट पर सिर्फ मेरी ही पिचकारी पड़ी हुई थी। मैं बेहद संतुस्ट पुरुष था आज।
“देखू तेरे भोसड़े का क्या हाल है” मैं बोला और उसकी चूत को उगली से खोला
संजना की चूत अभी भी खून से भीगी थी और चुदाई वाले जोश के कारण फड़क रही थी। चूत के लब बार बार खुल और बंद हो रहे थे जिसे देखकर मेरा मन मोह गया। फिर मैं बाथरूम में गया और अपने लौड़े को धो डाला। संजना भी जाकर नहा ली और अपनी चूत को साबुन से मल मलकर धो डाली। दोस्तों उस दिन मेरी बेटी संग सुहागरात हो गयी। मेरी बीबी को इसके बारे में कोई पता नही चला। अब तो संजना रोज ही मेरे क्लीनिक में काल करती और हम दोनों अक्सर रोमाटिक सेक्स चैट करने लगे।
जब मैं अपनी क्लिनिक में रहता और मरीजो का इलाज करता तब भी मुझे हरपल अपनी बेटी की याद सताती रहती। किसी तरह से वक़्त काटता। फिर शाम को जैसे घर पहुचता तो सीधा संजना का हाथ पकड़कर बेडरूम में ले जाता और चुम्मा चाटी शुरू कर देता। एक दिन संजना बाथरूम में नंगी होकर नहा रही थी। शाम का वक़्त था और काफी गर्मी भी पड़ रही थी। मुझे भी काफी गर्मी लग रही थी। मैं भी तौलिया लेकर बाथरूम में घुस गया और संजना को देख ही नही पाया। फिर हम दोनों की नजरे आपस में टकरा गयी। संजना शरारत के साथ मेरे उपर पानी की छींटे मारने लगी। तो मैं भी मारने लगा। धीरे धीरे हम दोनों का मौसम फिर बन गया। दोनों शोवर के नीचे खड़े होकर नहाने लगे।
संजना ने मेरे पकड़े उताकर मुझे नंगा किया। उसके साथ नहाने का मजा ही दूसरा था। पानी में भीगता उसका सुडौल बदन, भरा जिस्म और 36” की आयशा टाकिया वाले दूध तो जैसे पानी में आग लगा रहे थे। मैं मजबूर हो गया और उसकी कमर में हाथ डालकर अपने पास खींच लिया। फिर अपनी बेटी का चुम्बन होठो पर लेने लगा। हम दोनों के होठो पर पानी गिर रहा था जिससे बहुत सेक्सी अहसास हो रहा था। संजना भी जोश में आकर मुझे अपने बॉयफ्रेंड की तरह चूसने लगी। खड़े खड़े ही मैं उसकी रसीली छातियों से खेलने लगा। क्या मस्त मस्त 36” की चूचियां थी जिसके निपल चमकदार काले रंग के सिक्के जैसे थे।
मैंने उसे बाथरूम की दीवाल से सटाकर खड़ा कर दिया और उसके दूध को हाथ में लेकर मसलने लगा। संजना बेटी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मैं हाथ से जोर जोर से मसलने लगा। फिर अपना मुंह लगाकर दोनों कसी कसी चूचियों में मसलने लगा। इस तरह से उसे खूब मजा लिया। दोनों बूब्स को मुंह में लेकर चूस रहा था। मुंह चला चलाकर रस पी रहा था अपनी कमसिन जवान बेटी का। इस तरह से काफी आनन्द मिला मुझे। पानी में भीगा संजना बेटी का जिस्म किसी आग के शोले से कम नही लग रहा था। वो मेरे 12” लौड़े को पकड़कर ली और फेटने लगी।
फिर जमींन में बैठकर मुंह में लेकर चूसने लगी। कुछ देर चुसवाता रहा।
“बेटी!! चलो कुतिया बनो!” मैंने कहा
बाथरूम में शोवर के नीचे की संजना बेटी कुतिया बन गयी और उसके गांड के कुवारे छेद को मैं चाटने लगा। उफ्फ्फ कितना सेक्सी छेद था उसका। फिर एक ऊँगली उसकी गांड में और दूसरी उसकी चूत में घुसा दी और और अंदर बाहर करने लगा। संजना “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….करो डैडीऔर करो!! ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। उसकी सिसकती आवाजे मुझे बड़ी मधुर लगी और मेरी कामवासना को और भड़का गयी।
अब मैं तेजी से दोनों उँगलियाँ उसके दोनों छेदों में कामुक तरीके से चलाने लगा जिसमे हम दोनों को बहुत अधिक मात्रा में यौन सुख मिलने लगा। फिर उसे घोड़ी बनाकर उसकी गांड में अपना पहलवान लंड महाराज को घुसा दिया और अपनी सगी बेटी की गांड चोदने लगा। एक बार फिर से संजना की आहे और आवाजे मुझे दीवाना बना गयी। फिर बेरहमी से मैंने उसकी गांड चोद डाली और उसी में माल गिरा दिया। अब तो संजना बेटी रोज ही अपने चूत और गांड को चुदवा लेती है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।