चचेरी बहन के साथ हुआ वन नाईट स्टैंड, उसको जमकर बजाया

हाय दोंस्तों, मैं विकास आपका नॉनवेज स्टोरी में स्वागत करता हूँ। मैं बलिया का रहने वाला हूँ। दोंस्तों मैं हजारों बार कह चुका हूँ की लण्ड बुर नही चेहरा चोदता है। बस ऐसी ही कुछ अपनी कहानी है। मेरी गर्म गरम कहानी सुनकर सभी लड़कों का लण्ड खड़ा हो जाएगा और सभी लड़कियों की चूत गीली हो जाएगी। तो आपको कहानी सुनाता हूँ।

मेरी चचेरी बहन पिंकी की नई नई नौकरी रायपुर में लगी थी। पिंकी ने बीटीसी का कोर्स किया था। उसने सरकारी फॉर्म भरा था। अब उसकी नौकरी रायपुर में लग गयी थी। अभी फाइनल पोस्टिंग नही हुई थी। इसलिये मेरे चाचा ने मुझसे कहा कि मैं उसे लेकर रायपुर चला जाऊ और काउंसलिंग करा लूँ। इत्तिफ़ाक़ से पिंकी मेरी की उम्र की थी। कारन मेरे बॉप ने मेरी माँ को दिन रात चोदा था। वहीँ मेरे चाचा मनीष ने मेरी चची को सारी सारि रात चोदा था। तो मेरा  और पिंकी का जन्म एक ही साल हुआ था। मेरी उससे खूब पटती थी।

वैसे रिश्ते में तो पिंकी मेरी बहन लगती थी, पर हम लोगों की दोस्ती कुछ जादा ही थी। भाई बहन वाली बात नही थी। हालाँकि हम दोनों एक दूसरे को पसन्द करते थे। पर कभी पिंकी के साथ चुदाई करूँगा ऐसा नही सोचा था। मैं हर रात उसको फ़ोन करता था। हम दोनों अपनी अपनीं छतों पर चले जाते थे, और खूब बाटे करते थे। वो मुझे बताती थी कॉलेज में कौन कौन लड़का उसको लाइन देता है। कौन कौन उसको देख के सीटी मरता है। किस किस लड़की से वो चुदाई की बात करती है। मुझे हर रात वो बताती थी। पिंकी को चोदने का तो बड़ा मन था, पर चाचा एक नवम्बर का कमीना और सीरियस आदमी था।

दोंस्तों, जब से पिंकी जवान हुई थी, जबसे उसकी छातियां उभर आई थी भोसड़ी का मेरा चाचा अपने घर में किसी को नही आने देता था। वो इतना शक्की था कि मुझ पर शक करता था। क्योंकि उसके बगल में ऐसा ही कांड हो गया था। लड़की अपने ताऊ के लड़के के साथ भाग गई थी। तबसे मेरा चाचा जान गया था कि पिंकी को कोई घर का आदमी भी पता कर चोद खा सकता है। भाई यही मामला गड़बड़ हो गया था। चाचा उससे एक एक सेकंड  का हिसाब मांगता था। जब पिंकी कॉलेज या कोचिंग पढ़ने जाती थी, वो टाइम चेक करता था पिंकी कब घर से बाहर निकलती है कब लौटती है।

पर दोंस्तों, मोबाइल फोन चलने से बड़ी आसानी हो गयी थी। अब मैं पिंकी से सारी सारि रात बात कर लेता था और किसी को पता नहीं चलता था। इसलिये कभी पिंकी की चूत मारने को मिलेगी ये तो मैंने सोचना ही छोड़ दिया था। अब जाकर बड़ी जुगाड़ से मेरी किस्मत जागी थी। मेरे चाचा एक नंबर के लोभी थे। सोचते थे पिंकी नौकरी करे और खुद की शादी का पैसा खुद ही जोड़े। इसलिये उसको सभी सरकारी फार्म भरवाते थे। अब पिंकी की अच्छी मेरिट की वजह से उसका नौकरी में नाम आ गया था। पर रायपुर जाकर शिक्षा विभाग के सामने जाकर सभी मार्कशीट और प्रमाड़ पत्र दिखाने थे। चाचा के साइन में भयंकर दर्द हो रहा था। दिल की बीमारी की शिकायत थी। इसलिए भोसड़ीवाले की मुझसे गर्ज पड़ी।

मुझको बुलाया।
बेटा विकास!! देखो पिंकी के साथ रायपुर चले जाओ! और सारा काम करवा देना। ज्वाइन करवा के कुछ दिन रहना और फिर मुझे फ़ोन करना। देखो पिंकी अभी नासमझ है। उसे अकेले मत छोड़ना!! चाचाजी बोले। मुझे 10 हजार की गद्दी खर्च के लिए दी। पिंकी और मैं अगली सुबह बस से साथ निकल पड़े। बस जब बलिया पार कर गयी। अब चाचा का भूत पीछे छूट गया था। अब हम दोनों आजाद थे। पिंकी को मैंने विंडो सीट पर बैठाया था। खुद उसके बगल बैठा था। पिंकी ने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने अपने अंघुठे से सहलाने लगा।

इसके बाद जरूर पढ़ें  सगी भाभी ने मुझसे बच्चा माँगा और कसके चुदवाया

आँखों ही आँखों में हम एक दूसरे से बाटे करने लगे और नजरों में एक दूसरे को चोदने लगे। मैं और पिंकी एक ही वर्ष में पैदा हुए थे। हम दोनों 21 साल के थे। बस पूरी फूल थी। अब दोपहर हो गयी थी। सभी यात्री सो गए थे। मैंने पिंकी के कंधे पर सिर रख दिया। कुछ देर बाद हाल्ट हुआ। सभी यात्री जलपान करने नीचे उतर गए। वहां कई दुकानें थी। बस का ड्राइवर और कंडक्टर भी नीचे खाना खाने चले गए। सिर्फ हम दो ही अब बस में बचे। मैंने इधर उधर चेक किया। कोई नही था। मैंने पिंकी को बाँहों में भर लिया। उसके होंठ पीने लगा। उसने हल्के हरे रंग का सलवार सूट पहन रखा था। ये रंग उस पर बहुत सुंदर लगता था। बिलकुल गुड़िया और माल लगती थी इस रंग में। मैंने मौका पाकर उसके मम्मे दाब लिए। होंठ पी लिए। थोड़ी बहुत बुर में सलवार के ऊपर से ही ऊँगली कर ली।

ये बात तो साफ दी की वो भीं चुदना चाहती थी। इसमें कोई  दोराय नहीं था। हम दोनों की आँखों ही आँखों में सह मति बन गई थी। मैं तो बस यही सोच रहा था कि पिंकी कहीं अकेली में कुछ वक़्त के लिए मिल जाए और इसको चोद लूँ जी भरके। बस यही दिमाग में था मेरे। 20 मिनट बाद बस के यात्री बस में लौटने लगे हम दोनों जल्दी से अलग अलग हो गए। पिंकी से अपने कपड़े ठीक कर लिए। बस फिर
से चल दी। शाम 7 बजे तक हम दोनों रायपुर पहुँच गए। हमदोनो ने एक होटल में कमरा ले लिया। कमरे में हमदोनो आये तो दोनों थके हुए थे। बस में सफर इतना टेंशन वाला होता है कि क्या बताऊँ। खाना कमरे में।ही हमने मंगा लिया।

खाना खाकर हम दोनों सो गये। रात 2 बजे एक नींद पूरी हो गयी। मैंने पिंकी को जगाया।
ओए पिंकी!! चूत देगी?? मैंने पूछा।
वो सो रही थी, पर फिर भी जग गयी। वो तैयार हो गयी। पिंकी ने लाल रंग की नाइटी पहन रखी थी। मैं उसके बगल ही लेट गया। हम दोनों चुम्मा चाटी करने लगे। मैंने उसको पूरा पूरा अपने आघोष में ले लिया। वो भी बिना किसी संकोच के मुझे चूमने चाटने लगी। अपने सबसे डेंजर और सीरियस मिजाज चाचा की इकलौती लौण्डिया को मैंने चोदने जा रहा था। बड़ा कालेज होंना चाहिए इसके लिए। ये तो कहो किस्मत बुलंद थी की हम दोनों को अकेले नौकरी के छककर में इतना दूर रायपुर आना पड़ा वरना पिंकी की चूत मारना तो नामुमकिन बात थी।

अब मैं अकेले में रात में पिंकी को खूब चुम चाट सकता था। अब मेरे इर्द गिर्द कोई नहीं था। मैंने पिंकी की ढीली नाइटी को उतार दिया। अब वो महरून ब्रा पैंटी में मेरे सामने थी। ये ब्रा पैंटी 500 रुपये की उसने एक मॉल से खरीदी थी। इसकी पिक उसने मुझे भेजी थी। मैंने उसकी ब्रा खोली वोली नही। बस ऊपर से उचका दी। पिंकी के स्तन मुझे दृष्टि गोचर हो गये। बहुत बड़े स्तन नही थे, पर ठीक ठाक 30 साइज के होंगे। अभी नयी नयी चूचियाँ थी। मै पीने लगा। अभी तक पिंकी को कई लड़के चोदना चाहते थे पर उसने किसी से लाइन नही ली थी। आज पिंकी मुझसे पहली बार चुद रही थी। मैं मस्ती से दूध पी रहा था।

इसके बाद जरूर पढ़ें  ताऊ की लड़की के गुलाबी होठ पिये और उसकी पतली कमर उछाल उछालकर उसकी गांड ली

उसको और अधिक गरम करने के लिए मैंने उसके कान के पीछे और गले में काट लिया। वो मचल गयी। किसके लकड़ी को जल्दी गर्म करना हों तो कान को कुतरो। गले को चूमो चाटों और हल्के दाँत से कुतरो। और लड़की गरम। वही मैं उसके मम्मे भी दबा रहा था। पिंकी मुझको पूरी तरह से सहयोग कर रहीं थी। उसने खुद पैंटी निकाल दी।
पिंकी! लण्ड मुँह में लेगी?? मैंने फुस फुसा कर ?
पहले करो ना! वो बोली
पिंकी पहले मेरा लण्ड तो चूसो!! मैंने कहा
पहले करो ना वरना सुख जाएगी! वो बोली।

मैंने पिंकी की बुर चेक की। बिलकुल गीली हो गयी थी। मैंने महरून रंग की पैंटी उतार दी। पिंकी ने स्वतः पैर खोल दिये। कुछ देर के संघर्ष के बाद मैंने सील तोड़ने में कामयाबी पा ली। मैंने पिंकी को चोदने लगा। कुछ देर बाद उसको दर्द होना खत्म हो गया। अब वो कमर उछाल उछाल के चुदवाने लगी।  मैंने उसे खूब पेला। कुछ देर बाद मैं झड़ गया। अपना गर्म पानी मैंने उसकी बुर में छोड़ दिया। मेरा बदन अकड़ गया।
छोड़ दिया क्या?? पिंकी ने पूछा।
हाँ! मैंने कहा।

उसने अपनी पैंटी से ही माल पोछ दिया। अब मैं बेड पर लेट गया। पिंकी मेरा लौड़ा चूसने लगी।
कभी इससे पहले चुसा है?? मैंने उससे पूछा।
नही!! वो बोली
तो आज जी भरके चूस ले! मैंने कहा। हम दोनों हँस पड़े। पिंकी को मैंने अपनीं गोद में टेढ़ा बैठा लिया। वो मेरा लण्ड चूसने लगी। मैंने उसकी बुर को गोल गोल सहलाते हुए उसने ऊँगली करने लगा। उसके मम्मे भी दबाने लगा। वो बिना संकोच के मेरा लौड़ा चूस रही थी। मेरी दोनों गोलियां भी चूस रही थी। कुछ देर बाद हम दोनों आपसी सहमति से 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी अभी अभी ताजी फ़टी बुर पिने लगा। वो मेरा लौड़ा चूसने लगी।

मैंने 69 की पोजिशन के बारे में बहुत सुना था, पर कभी करने का सौभग्य नही मिला था। चलो किस्मत से आज करने को मिल गया। मैं पिंकी की बुर पीता और उसमें ऊँगली भी करता। वो अपना पिछवाड़ा ऊपर उपर उठाने लगी। मुझे खुसी हुई। वो भी पहली बार लण्ड चूस रही थी और मैं भी पहली बार बुरपान कर रहा था। दोंस्तों, कुछ देर बाद फिर लड़ाई का मौसम बना। मैं लेट गया। पिंकी मेरे ऊपर कमर पर चढ़ कर बैठ गयी।
पिंकी!! ऐसे कभी चुदाई की है क्या?? मैंने पूछा
तो आज कर ले! मैंने कहा। एक बार फिर से हम दोनों हँस पड़े।

मैंने उसे सिखाया की कैसी उछल उचलके चुदवाना है। पिंकी स्लिम ट्रिम ही थी। भारी लड़कियों को इस तरह बैठकर चोदने में खासी दिक्कत होती है। मैंने अपना लण्ड उसकी बुर में डाल दिया। पिंकी ऊपर नीचे करने लगी। मैंने उसको चोदने लगा। उसके आम देखके खासी वासना भड़क गयी। आम हिलने लगे। मैंने दोनों हाथों में आम ले लिए। धीरे धीरे पिंकी लण्ड पर बैठकर चोदना सिख गयी। मैं उसके चुत्तड़ और पीठ सहलाने लगा। चुदाई करते करते 4 बज गए। हम दोनों सो गए।

सुबह हम दोनों कॉउंसलिंग का काम करवा आये। उसको सहायक अध्यापक का नियुक्ति पत्र मिल गया। शाम को हम होटल लौट आये।
नौकरी की ढेरों बधाइयाँ!! मैंने कहा।
वो कूद कर मेरी गोदी में चढ़ गई। खाने के बाद हमने बत्तियां बुझा दी। नौकरी पाने की खुशि थी। इसलिए दोगुनी खुशि थी। सबसे पहले मैंने उसकी बुर पी। फिर मैंने उसको कुतिया बना दिया। डोगी स्टाइल में मैं आ गया। दोनों टाँगों को सिकोड़ने से उसकी बुर एक्स्ट्रा टाइट हो गयी थी। पीछे से जब मैंने लण्ड लगाया तो लगा ही नहीं। मैंने पिंकी की टाँगों को हल्का सा खोला। लण्ड बुर में डाल दिया। फिर दोनों पैरों को सिकोड़ दिया। अब खूब कसावट मिलने लगी।

इसके बाद जरूर पढ़ें  करवाचौथ की रात मेरा पति मुझे भी और मेरी बहन को भी चोदा

मैं मजे से अपनी चचेरी बहन को चोदने लगा। पीछे से चोदने में ही दोंस्तों असली कसावट मिलती है। मैं मजे से लेने लगा। बिच में पिंकी के चुत्तरो को सहलाता था। गाण्ड में ऊँगली भी कर देता था। पिंकी को पेलते पेलते मैं बुर की सुंदरता में खो गए। बहुत सुंदर बुर थी दोंस्तों। मैंने देखा पिंकी चुदास के चरम सुख में डूब गयी है। मैंने जरा सा थूक ऊँगली में लिया और गाण्ड पर मल दिया। अब मैंने अपनी 2 लम्बी उँगलियाँ उसकी गाण्ड में डाल दी और फेटने लगा।

पिंकी चिल्लाने लगी। विकास भैया! छोड़ो मुझे बहुत दर्द हो रहा है। वो चिल्लाने लगी। मैंने एक नही सुना। मैं लगातार उसकी गाण्ड को अपनी 2 उँगलियों से फेटता रहा और नीचे से उसकी बुर मरता रहा। उसने भागने की भी कोसिस की, पर मैंने उसे नही भागने दिया। खूब देर चोदकर भी जब मैं आउट नही हुआ तो मैंने लण्ड बुर से निकाला। पिंकी ने आराम की साँस ली। फिर मैंने लण्ड उनकी गाण्ड में पेल दिया।
विकास भैया! इसमें।बहुत दर्द हो रहा है। इसमें मत करो! पिंकी बार बार कहती रही। मैंने एक ना सुनी। अपने मोटे ताजे लण्ड से अभी अभी जवान हुई अपनी 21 साल की बहन को मैं चोदता रहा।

इस कली का सारा रस तो मैं पी लिया था दोंस्तों। कुछ देर बाद मैंने पानी छोड़ दिया। पर अभी भी चुदास ना बुझी। पिंकी को बेड पर लिटा दी। दोनों मम्मे पीये। लण्ड था मेरा की गूलर का फूल था। फिर से खड़ा हो गया। मैंने पिंकी की दोनों छातियों के बीच लण्ड रखा। दोनों बूब्स को दोनों हाथों से बीच की दिशा में दाबा और पिंकी के बूब्स चोदने लगा। ये वाला काम खासा मनोरंजक था। इसमें मजा भी पूरा मिला दोंस्तों। मैंने घण्टों अपनी बहन के बूब्स को चोदा। लण्ड एक बार फिर खड़ा था। पिंकी पर मैं अब पूरा लेट गया।

जैसे ही मैंने अपना लौड़ा उसकी बुर में डाला उसने दोनों पैर हवा में उठा लिए। मैं उसकी बुर मारने लगा। पिंकी ने आँखें बंद कर ली। अपनी बहन को बीवी समझ के मैं उसको चोदने लगा। उन दो दिनों में तो मैंने पिंकी के सतीत्व को पूरी तरह से ख़त्म और भंग कर दिया। खूब बजाया उसको मैंने। फिर चाचा वहां आ गये और मैं घर लौट आया। पर दोंस्तों वो 2 दिनों का वन नाईट स्टैंड मैं कभी नहीं भूल पाया।



bahan boli chodega mujhe photo ke saath hindi stopahli sex ki kahani 16 sal ki ladki ki jubani & photo HDbhaiya k bete se chudwai kahanimamu ka land chush kr apni chut k khujli mitai hindi khaniyaBAAP son gay xxx hindi kahaniKheto ke godam me MAA ki tight gaand maari मां मेरे लंड की दीवानीvidwa employee ko choda storyजबरजसतीचुदाई की कहानी फोटोजMa ke sath hnimunpar seksh stori xxx kuhesa me ka sexy story hindiColleage me choada hindi khaniमैने और भैया ने भाभी को चोदा Xxx storypaise ke liye chudai storychudai ki dawat aurat ne de kahani hindiHindi Sex story sadi meDidi ko birthday ke din jabardasti choda sex storiesNew pati patni or bahn ki sexy historiजेठ और रैंडी भायो की खूब पेलै की सेक्सी स्टोरी हिंदी मेंhot randy bhabhi ki chidaaee ki videosमा की बुर फाड दी अँतरवासनामेरी बूर को पूलीस चोदा जेल में कहानी पूलीसnew sex story/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%81-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%9A%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A4%BE-%E0%A4%AB%E0%A4%BF/pati ke dost ne meri baykar gand thukai kiकरवा चौथ का पेले "बुरि" मे Xxx भाभि कि कहानि धोखे सेभैया बहन भाई खेत घर जंगल सर्दी में गांव की सेक्स स्टोरी/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%81-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A4%B0%E0%A5%80/Fad dali meri chut kahani potoमाँ घर Sex कानियाrjai me beti ki gand chudai storiChudai.ki.jugad.kaise.kareSeal tod chudai with sister storyएक्स एक्स एक्स सेक्स वीडियो नंगी बहन सो रही थी पूरे कपड़े उतार के सगी बहन सो रही थी भाई से बर्दाश्त नहीं हुआ अपनी बहन को चोद डाला सेक्स वीडियोमँङम झवाङी काहानीnakarani majuburi ka codaiSexy story hindi tren me sex मेंने मरे बीबी को सरदार से चुदवाया sex a storypariwarik gharwalo ki chudai ki lambi kahaniBhai ne pela xxx kahaniHinde jokasboor chhadan se kya hota hai14 saal beti ko khela ke chut fari kahaniBhai bahan ki chudai bhai ka lund khul nahi raha thaपापा का लन्ड गोद मे बैठी sexbabama k khene par bhai se chudi/apni-badi-bahan-ki-chudai-sleeper-bus-me/कल रात को मेरी चूदाई कहानीबहन कि कुंवारी सहेली की सील तोडी Xxx कहानी लिखाCHUD KAHANEAdult jokes in hindiHindi sex story cha-cha ki ladhki ko patayaSex kahani aunty ke sathबूढ़े ने मेरी चुत कि सिल तोडी.sex kahanichudaiki kahani hindi story bahen bhaiअन्तर्वासना चुदाई चुटकुले पेज Googleg f ka bur pelane aur bolane me mgja tha kahanigaon ki vasna hindi story.comchoot chatkar jhada kahaniमेरी कुवारी बुरtin char bhan ko choda gandi storiesपापासे घर मेकाम करते कमरे मजा लेते चाची सोते सेमे लेटा बदकेbete ne apni maa ko need me choda kahan4Padosan ki thand me chudai ki story.bibi saas aur saali ke sath honeymoon kiyaविधवा मा की मालीस और चुत की चुदाईsir madam xxx khanibudhi mahilaon ki new sex stories in hindiDost ki maa chudai kahani.combiwi ki chudai dekhi train me anjan ke sath/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%82%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%9A%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A4%BF-%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5/मां या बेटा की सेक्स स्टोरी/behan-bhai-ki-chudai-ki-kahani-sister-and-brother-sex-at-home/Xxx Dadi Ko Choda Khaniचुत पापा कहानीjbarjsti chud gyi group me hindi storyChote bahi se sex ke bare ma sawal kahanesas ne damad ko doodh pilayasadi ke soping kerne gya baris me bhan ke saat sex storimeri biwi ki chidai kahaniमम्मी की चुदाई हिंदी कहानीयांsamsungfunclubs.com sx storyvidhva ma our beta ko chudai kahanidost ki ma chudayi khani/mere-bhai-ne-girl-friend-ki-choot-me-loda/नौकरी के बदले मौसी को चोदामालिस के बहाने भाई ने मेरी बुर kahaniनेई चुत चुदाई काहनीPujaren wife ke chudaye kahaneStory sex sister girl hindimausi ko bandkar choda sex story/page/66//papa-ne-bhabhi-ko-choda/डॉक्टर का खेल मस्तराम की सेक्सी कहानियां