मैं 4 साल पहले मन्दाकिनी से मिला था। देखते ही हम दोनों की सेटिंग हो गयी थी। हम दोनों ही जवान थे। हम मिलने लगे और चुदाई भी शूरू हो गयी। जब मैंने उसे पहली बार चोदा था, रो दी थी वो। उसकी छाती खूब बड़ी 2 थी। दूध खूब बड़ा बड़ा थे। मैंने खूब दबाया। फिर उसको चोदा।
मन्दाकिनी जादा सुंदर नही थी। सावली थी पर बदन भरा हुआ था। हट्टी कट्टी थी। रविवार की साम को मेरे घरवाले शौपिंग पर जाते है। फिर रात में डिनर करके रात 12 बजे तक आते है। मैंने सोचा मन्दाकिनी को चोदने का इससे बढ़िया मौका नही मिलेगा। मैंने उसे काल किया..
मन्दाकिनी तैयार होकर आईटीआई चौराहे पर 4 बजे आजा। मैंने तुझे पिक कर लूंगा। मैं मन ही मन उसे चोदने के सपने देखने लगा। मेरे घर वाले 4 बजे बाहर निकल गए। मैं कपड़े पड़ने और उसे ले आया।
आज खेला जाए? मैंने उससे पूछा। वो जान गयी की मैं उसे चोदने की बात कर रहा हूँ।
वो कुछ नही बोली और थोडा मुस्काई। मैं जान गया की आज उसकी डुग्गी मिल जाएगी। एक चूत मारना कोई बड़ी बात नही होती है। मैं उसे बाँहों में भर लिया और उसके बड़े 2 मम्मे दबाने लगा। वो सी की आवाज निकाल देती। मैंने 3 महीने तक उसके पीछे चक्कर लगाया था और और उसकी बुर मिलने वाली थी। मैं यह सोचकर बड़ा खुश था।
मन्दाकिनी दोगी? मैंने धीरे से पूछा।
वो फिर सरमयी और मुस्काई। मैं जान गया की आज इसे जी भरकर चोद लो।
आज तुमको चोदूंगा!! मैं उसके कान में कहा धिरे से।
मन्दाकिनी पक्का कुवारी थी। मैं जानता थी। उसे आजतक किसी से नही पटाया था। वो फ्रेश मॉल थी। मैं उसे सोफे पर ले गयी और उसके पिले रंग के टॉप को उतार दिया। माँ कसम उसके 36 साइज़ के मम्मे, चुचे उछलकर सामने आ गये।
अरे मादरचोद, क्या मॉल है यार। मैं अब तक क्यों नही उसकी लाइन ले रहा था। कम से कम 1 साल से मुझे ये लाइन दे रही थी, और मैं नल्ला दूसरी मॉल के पीछे पड़ा था। मैंने खुद से कहा और खुद को कोसने लगा।
साली को आज 4 5 बार चोदूंगा मैंने खुद से कहा।
ये सच था की मन्दाकिनी मुझे 1 साल से लाइन दे रही थी, पर मैं ही नही ले रहा था। उसकी नाक जरा थी तिरछी थी। बस यही बात थी। पर आज मन्दाकिनी के बड़े 2 चुचे देखकर मैं स्वर्ग में पहुच गया था। और खुद को इंद्र महसूस कर रहा था। नाक वाक से क्या होता है। मजा तो बड़े 2 चुचों में और एक मस्त फ्रेश बुर में आता है। मैं खुद से कहा।
मैंने मन्दाकिनी के बाल खोल दिए। उसने चोटी बना रखी थी। मैंने उसके बाल खोलना सुरु किये तो बोली रहने दो, बड़ी देर लगती है बन्धने में। मैंने कहा मंदाकनी जब तक तुझको खुले बाल में नही देखूंगा, लवड़े पर ताव नही आयेगा। बढ़िया चुदाई के लिए तुझे बाल खोलना ही पढ़ेगा। मैं उसके ओंठ पीता जा रहा था और उसके मम्मो को ब्रा के ऊपर से कस 2 कर दबाता जा रहा था।
आज इसे कस के चोद ना पाया तो लानत होगी मेरे मर्द होने पर। दसो लड़कियों को चोदा है। पर ऐसा करारा मॉल का शिकार आज कर रहा हूँ।
मैं मनदकिनी के मामी जोर 2 से दबाता जा रहा था। वही दूसरी ओर मेरे लौड़े पर ताव आता जा रहा था। मेरी और मन्दाकिनी की साँसे धौकनी की तरह दौड़ रही थी। हम दोनों की गरम हो रहे थे। तभी मैंने उसके बड़े से चुत्तड़ पर एक जोर की चपट लगायी। फिर उसकी जुस्फों से मैं उसके जिस्म की खुसबू लेने लगा।
राशिद आई लव यु मन्दाकिनी बोली
मन्दाकिनी आई लव यू टू बेबी मैंने कहा।
प्यार में तो बहुत बढ़िया चुदाई होती है। मैंने सोचा। इससे पहले मैंने कई धंधेवालियों को भी चोदा था, पर साली रंडियाँ ओठ पर चुम्मा नही देती है। मादरचोद, पतथर की तरह लेट जाती है और 10 मिनट का टाइम देती है । अब 400 500 रुपए खर्च करके ओठ पिने को न मिले तो क्या मजा है ऐसे चुदाई में। इससे अच्छा मॉल पटाओ और प्यार भरी चुदाई का मजा लो।
रंडिया चोदना तो चुतियापा है। पैसा भी खर्च हो, मजा भी ना मिले। ऊपर से मादरचोद एड्स होने का रिस्क। लात मारो ऐसे चूत को।
मैंने सोचा की मन्दाकिनी को अपने बेडरूम में चोदना सही होगा। बहार हाल में कोई मुझे खिड़की से देख सकता है। मैंने अपना एक हाथ उसके जांघ में डाला और उठा लिया उसी दोनों हाथ में। जैसे ही मैं उसे मैं लेकर बेडरूम की तरफ चला वो बोली की बाथरूम जाना है।
चलो तुमको मुतवा देता हूँ। मैं उसे उठाकर बाथरूम ले गया। और लाइट जलायी। मैंने उसकी कमर में हाथ डाला और उसकी जीन्स की बेल्ट खोली। मेरी ऊँगलियाँ उसकी चूत पर दौड़ गयी। पाया की उसकी चूत कबसे बह रही थी। उसने लाल रंग की लेस वाली महँगी पेंटी पहन रखी थी। पेंटी की जाली से ही मैंने उसकी चूत पर उँगलियाँ दौड़ाई। वो चिहुक उठी।
ये बात तो क्लियर थी की मन्दाकिनी 18 पार कर चुकी थी। वो बिलकुल जवान थी और जवान के मजे लेने के लिए बिलकुल तैयार थी। 17 18 में ही लड़कियां पहली बार चुदाई का मजा लेती है। कोई 2 तो 15 16 साल में चुदवाना शूरू कर देती है। एक बार किसी लड़की को पता कर चोद दो तो बार 2 उसकी बुर मिलने लगती है। जरुरत होती है बस एक बात उसकी सील तोड़ने की। मैंने अपनी लाइफ में ऐसे ही कई लड़कियों को सील तोड़ी थी। उसके बाद तो बुर ही बुर मिलने लगी। एक 2 दिन में 3 3 4 4 बुर मिल जाटी थी।
मैंने उसकी पेंटी में उसकी बुर पर ऊँगली फिराई और मन्दाकिनी के रस को ऊँगली पर लगाया और चाट गया। ओह कितना नमकीन पानी था उसकी बुर का। मैंने उसकी जीन्स पैन्ट उतारी, पैंटी नीचे की और बोलो..लो मूत लो!!
अरे ऐसे थोड़ी ही ना। मैं लड़की हूँ। कोई लड़का नही मंदाकिनी बोली
ओह धत तेरी की मैं तो भूल ही गया।
मैंने उसकी गोल्डन कलर की सैंडल उतरवाई, उसकी पूरी पैंट उतरवाई, फिर उसकी पैंटी। उसे नंगा किया और मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया। मैंने टॉयलेट की और उसके दोनों पैर और चिकनी जांघों को खोल दिया। अब उसकी बुर टॉयलेट के सामने थी।
मूत लो जितना मूतना है, बाद में मौका नही दूंगा मैंने कहा
मन्दाकिनी खिलखिला दी। फिर वो मूतने लगी।
उफ़्फ़ क्या चिकनी जांघ थी। इसको चोदूंगा तो जन्नत मिल जाएगी। मैं मन ही मन खुश था।
मन्दाकिनी मूतने लगी। पेशाब की एक लम्बी धार सिधे टॉयलेट में जा रही थी। फिर धीरे 2 उसने खत्म किया। खुश बूँद मेरी ऊँगली पर लग गयी। मैंने वो ऊँगली उसके मुह में डाल थी। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है
छी!! वो मना करने लगी
पागल हो, इसका भी टेस्ट लो मैंने मन्दाकिनी से कहा
फिर उसे गॉड में लिए ही मैं उसे अपने बेडरूम में ले आया। अभी भी मेरे पास 7 8 घंटे थे उसे चोदने के लिए। मैंने अपने को नंगा किया। मेरा लंबा चौड़ा लौड़ा देखकर वो थोडा नर्वस हो गयी। मैंने उसे बिस्तर पर लेता दिया। उसने अपने हाथ पीछे किये और ब्रा निकाल दी।
अरे मादरचोद, आज तो ये मुझे अपने हुस्न ने मार ही डालेगी।
खूब बड़े 2 गोल 2 मम्मे थे। निपल्स पर बड़े 2 घेरे थे। ये देखकर तो मेरे लण्ड से पानी टपकने लगा। मैं उसे अब जल्द से जल्द चोदना चाहता था। मैंने आज तक जितनी भी लौंडियों को बजाया था सब निपल पर छोटे घेरे थे। पर आज किस्मत से नयी वैरायटी की लौंडिया चोदने को मिली थी, इसलिए मैं आज बड़ा खुश था। मैं ही वो पहला इंसान था जो पहली बार उसके मम्मे मींज रहा था। मन्दाकिनी सी 2 की आवाज कर रही थी।
मैंने जब खूब उसके बड़े 2 चुच्चों को मींज लिया तब उसे पिने लगा। मैं उसकी छातियों को दोनों हाथों से दबाकर पी रहा था। वही दूसरी ओर मन्दाकिनी की बुर बही जा रही थी। उधर मेरे बड़ा था काला लण्ड भी फनफना रहा था। जब मैंने खूब उसके मम्मे पी लिए तो मैं बोला
मन्दाकिनी कभी लौड़ा चूसा है?
नही वो बोली
अरे बड़ा मजा आता है। मैंने एक पोर्न डीवीडी निकली और लगा दी। देख ऐसे ही लौड़ा चूस्ते है, मैंने मन्दाकिनी को समझाया।
मैंने उसे बेड पर बैठाया और अपना बड़ा सा लौड़ा उसके मुह में पेल दिया।
रानी, तुझको तो आज रंडियों की तरह चोदूंगा। कोई कांड नही बचेगा। मैंने मन ही मन कहा। साली तेरी गांड भी मारूँगा, बस एक बार तुझे मेरा लौड़ा पसंद आ जाए। फिर देख मैं क्या 2 करता हूँ। मैं रावण की तरह हसा। तुझे मैं अपने यारों से भी लंड खिलवाऊंगा। बस एक बार तू मेरा परफॉर्मेन्स देख ले। फिर देख मैं क्या 2 करता हूँ। मैं एक खलनायक की तरह मुस्काया। तुझे तो मैं भंडारे में चलवाऊंगा। एक साथ तुझे 3 4 लण्ड खाने को मिलेंगे। रानी मेरे साथ रहेगी तो जिंदगी के हर मजे लेगी। मैं एक विलन की तरह मुस्काया।
मैंने अपना लैंड निकला। बड़ा सा काला मोटा लन्ड काले नाग की तरह फनफना रहा था। मेरा सुपाड़ा लाल लाल था। जैसे ही मैंने अपने सुपाड़े को मन्दाकिनी के मुँह में डाला, उसका मुँह छोटा सा था। गुलाबी लाल सुपाड़ा मुँह में फस गया।
नहीं मन्दाकिनी मना करने लगी!
अरे जानम लड़की होकर अगर लण्ड ना चूसा तो क्या चूसा। मैंने कहा।
मैंने डीवीडी फॉरवर्ड की और लैंड चूस्नेवाला सीन लगाया। एक अमेरिकन लड़की बड़ी ततपरता से बड़ा सा लौड़ा चूस रही थी। वो अपने मुलायम हाथों से लौड़े पर गोल 2 मसाज भी दे रही थी। अपने गले की आखरी दीवाल तक वो लौड़ा मुह में अंदर तक ले रही थी।
मैं जोश में आ गया। मैं उसका सर दोनों हाथों से पकड़ा और मन्दाकिनी के मुँह में अंदर गले तक पेल दिया और उसके मुँह को चोदने लगा। एक मिनट भी नही हुआ की उसे सास फास गयी। वो हांफने लगी। उसका गला चोक गया। मैंने तुरन्त अपना 9 इंच का लौड़ा बाहर निकाला। मन्दाकिनी सास भरने लगी।
अब फ्री का कड़क मॉल चोदने को मिल गया है तो क्या जान ही ले ले लोगे मैंने खुद से कहा।
अबे चोदो मगर प्यार से!
कुछ समय तक मैं मन्दाकिनी को लण्ड चूसन के गुड़ सिखाता रहा। फिर वो सीख गयी। और सास ले लेकर मेरा 9 इंच का लण्ड चूसन करने लगी। वो मेरे लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। वो मेरे लौड़े को अपने ओंठ में डालती आउट पक से बाहर निकली बगल से। जैसे कोक कोला की बोतल खोलती। मैंने कहा बड़ा प्रोग्रेस कर रही हो। इसको चुदवाकर तो मैं लाखों कमा सकता हूँ। वैसे ही पढ़ लिखकर भी मुझे कोई नौकरी नही मिली। मैं मन ही मन सोचने लगा। अगर मैं इसे अपने बस में कर लूँ तो अपने दोस्तों से इसे चोदवाकर हजारो बना सकता हूँ। मैं मन ही मन हजारो सपने देखने लगा। इसे अछि ट्रेनिंग दूंगा तो ये एक बढ़िया रंडी बनेगी। मैंने दिमाग लगाया।
मन्दाकिनी अब बढ़िया लंड चूसन कर रही थी। उसके हाथ गोल 2 मेरे लौड़े पर ऊपर निचे दौड़ रहे थे। अपने गालो की दीवारों पर भी वो मेरा लौड़ा घिस रही थी। उसे अब परम् आनंद मिल रहा था। बिच 2 में मैं मोटा लैंड निकल और उसके ओंठों पर घिसता पिर उसके ओठ पीटा। मेरा रस से भीगकर उसके लब लाल 2 हो गए थे। उसकी सारी लिपोस्टिक तो मेरा लौड़ा ही चाट गया था। करीब एक घंटे तक मैंने मन्दाकिनी से लण्ड चुसवाया। उसकी चूत तो पूरी दबदबा गयी थी। मैंने सोचा की अब इस बकरी को हलाल करता हूँ। बहुत छुरे में धार लगा ली। अब इसे चोदना चाहिए।
मैंने उसे अपने बेड पर लेता दिया। खुले बालों में वो मंदाकिनी बिलकुल अफ्सरा लग रही थी। उसने कान में बड़े 2 आर्टिफीसियल झाले और नाक में रिंग पहन रखी थी। वो गजब की माल लग रही थी। वही पैरों में उसने हल्की चंन्दी की पायल पहन राखी थी। उसके बाये पैर पर एक काला धागा बँधा था। जो उसकी माँ ने बंधा था ताकि शादी से पहले उसका खुँवरपन बना रहे। पर मैं तो आज उसे चोदनेवाला था।
मैंने उसके पैर विपरीत दिशा में खोल दिए लगा की स्वर्ग का दरवाजा खुल गया है। उसकी बुर फड़फड़ा रही थी। वही 18 साल की उम्र में उसकी झांटे भी उग आई थी। कमाल की बात है ना की जब हम लड़के बाजार में या शौपिंग मॉल में किसी लड़की को देखते है तो पता ही नही चलता है की इसकी झाँटे भी उसकी। पर जब लौंडिया को चोदने के लिए नंगा करो तो खर पतवार मिल ही जाती है।
मैंने लालची नजरों से अपनी जीब उसकी चूत पर दौड़ा दी और उसका पानी चाटने लगा। वाह! क्या नमकीन पानी था। अदरख जैसा स्वाद। मैं उसकी बुर को चाटता ही गया। फिर अपना शेविंग मशीन निकली और उसकी झांटे बनायीं। ऊपर मूतने वाले दाने पर एक तिकोनी तितिलि छोड़ दी। झनते साफ करने पर उसकी बुर इन्द्र की अफसराओ की तरह लग रही थी।
उफ़्फ़ क्या सुंदर बुर थी भाई। जवाब नही। ख़ुदा से बड़े सरीके से उसे बनाया था। मैंने उसे घण्टों चाटा। मन्दाकिनी आहे छोड़ रही थी। वो रंभा रही थी। जैसे उसे नशा चढ़ रहा था। वही उसके चुचे और अधिक बड़े और सख्त हो गए थे। मैं बीच 2 में उसके चूचो और चुत्तड़ पर चपट मरता था। ऐसा मॉल तो सालो बाद चोदने को मिला था।
मैं ऊँगली से उसकी बुर फैलाई तो देखा मंदाकिनी सील बन्द थी।
मन्दाकिनी तुझे आजतक किसी ने भांजा नही?? मैंने पूछा
नही वो शरमाकर बोली
मैंने सोचा की साली को जादा दर्द ना हो। इसलिये मैंने अपने 9 इंच लौड़े पर ढेर सारा सरषों का तेल लगा लिया। मैंने उसकी चूत के दरवाजे में अपना सुपाड़ा रखा और जोर से मारा। मन्दाकिनी की चीख निकल गयी। उसने आँखे बंद कर ली और एक तकिया भीच लिया। उसके चुचे बड़े होते फिर छोटे होने लगे। वो जोर 2 से साँस लेने लगी। मैंने निचे देखा। उसके चूत में मैंने अपना झंडा गाड़ दिया था। खून की कुछ बुँदे बह रही थी। मैंने लौड़ा जरा वापस किया और फिर पेल दिया उसकी चूत की गहराइयों में। वो रोने लगी।
छोड़ तो रशीद! छोड़ दो वो मिन्नतें करने लगी।
मुझे उसके दर्द पर मजा आया। साली रंडी, मेरा लन्ड खाने तो आई थी मेरे घर। अब मादरचोद नाटक कर रही है, चुप मादरचोद! चुप रंडी! मैं उसके गाल पर एक तमाचा लगा दिया। मन्दाकिनी डर गयी और चुप होकर सिसकियाँ लेने लगी। किसी लौंडिया को मार 2 के चोदने में जो सुख मिलता है वो और कहीं नही मिलता। मैंने पाया।
साली तेरी बुर तो मैं आज फाड़ के रख दूंगा। मादरचोद, जिंदगीभर याद रखेगी किसी ने चोदा था तुझे! मैंने एक और जोरदार तप्प्पड़ मन्दाकिनी को लगाया। उसका गाल लाल हो गया। वो बहुत डर गयी थी और चुप हो गयी थी। मुझे खुसी हुई की अब वो विरोध् नही कर रही थी। मैंने लंड उसकी बुर में ऊपर निचे करना शूरू किया। दर्द से वो कराह रही थी। मैं मैं उसे चोदने लगा। उसकी बुर की गहराई को अपने लौड़े से नापने लगा।
आज पहली बार उसकी सील टूटी थी। बहुत टाइट थी। दर्द के मरे मन्दाकिनी की गांड फट गयी थी। वो रोटी जा रही थी। मैं उसकी चूत में धक्के मारना शूरू किया। लण्ड धीरे 2 ही अंदर बाहर हो रहा था। मैं सरसों के तेल की शिशि ली और तेल डाला और उसे चोदने लगा। मुझे सच में मेहनत करनी पड़ रही थी। नयी चूत मारने का मजा तो कुछ अलग ही होता है। मेरा 9 इंच का लौड़ा मन्दाकिनी पूरा खा गयी थी। मैं हैरान था।
करीब आधा घंटे तक साली को चोदा। जैसे लगा की मॉल गिरने वाला है मैंने लौड़ा उसकी बुर से निकाल लिया। मेरे और मन्दाकिनी दोनों को पसीना आ गया। मैं उसके बगल लेट गया और उसे सीने से चिपका लिया। कुछ वक़्त हमने आराम किया। करीब 1 घण्टे बाद वो नार्मल हुई।
क्यों जानेमन चुदाई के मजा आया? मैंने पूछा!
वो हल्का मुस्करा दी। मैंने उसे सीने ले लगा लिया और उसके नंगे जिस्म की भीनी 2 खुसबू सुंगने लगा। मन्दाकिनी का चेहरा बता रहा था की उसको आज बिलकुल नयी चीज मिली है। वो शांत थी। उसने आँखें खोली। मुझे उस पर प्यार आ गया। मैंने उसकी आँखों को चूम लिया।
रानी मजा आया? मैंने होले से पुचकार पूछा
उसने सर हिलाया।
माँ कसम! ये सुनने के लिए मैं कब से मर रहा था। इसका मतलब मेरी चुदाई इसे जम गयी। मैंने सोचा।
और चोदूँ??? मैंने पूछा
कुछ देर बाद वो धीमे से बोली
ओके मैंने प्यार से जवाब दिया।
कुछ देर हम लोगो ने आराम किया।
मन्दाकिनी चाय हो जाए?? मैंने पूछा
हाँ उसने कहा। मैं किचन में चाय बनाने चला गया। मन्दाकिनी आराम करने लगी।
जब मैं लौटा तो मन्दाकिनी बिलकुल स्वस्थ्य हो चुकी थी। वो लेती नही थी वो तो बैठी थी। मैं ट्रे के चाय और स्नैक्स लेकर पहुँचा।
क्या हाल है जानम?? सब ठीक तो है? मैंने प्यार से पुछा
दर्द हो रहा है उसने अपनी बुर की तरफ इशारा किया
सुरु में तो हर लौंडिया को दर्द होता है। एक 2 दिन के सब ठीक हो जाता है।
उसने सर हिलाया।
तुमने कितनी लौंडिया चोदी है?? मंददकिनी ने पूछा।
मैं विलन की तरह हँसा 8 10 तो आराम से चोदी होंगी! मैंने जवाब दिया।
मन्दाकिनी हस दी और हल्की सी सरमा गयी!
तुमको मौज आई?? मैंने पूछा
हाँ उसने हलके से कहा
तुम्हारी शादी ना हुई रानी तो 5 6 साल तक तो तुमको भानजूँगा रानी। चोद चोद कर तुम्हारी बुर ढीली करदुंगा। फिर शादी के बाद किसी से भी मरवाती रहना। मैंने मन ही मन मन्दाकिनी की ओर देखते हुए कहा। तुमको तो रण्डी बनाकर छोड़ूंगा साली!
चाय पिने के बाद मैं उसके मम्मे पिने लगा। क्या बड़े 2 गोल 2 चुच्चे थे। बड़े 2 घेरे थे जो मुझे बड़े पसंद थे। मन्दाकिनी को भी अब चुदाई के खेल में मजा आने लगा था। मैंने बेड के निचे उत्तर गया। उसकी गांड के निचे मैंने तकिया लगाया और उसके पैर खोल दिए। उसकी बुर बिलकुल सामने आ गयी। मैं लैंड उसकी बुर के मुँह में रहा और हाथ से दबाया। मेरा बड़ा सा लौड़ा बड़े प्यार से उसकी चूत में चला गया और मैं उसे बड़े प्यार से चोदने लगा। गप्प गप्प ऐसा लगा की उसको चोदने के लिए ही मैं पैदा हुआ था। जैसे मन्दाकिनी बस मेरे लिए ही बनी थी। वो सी सी की आवाज कर रही थी। मैं जन्नत की सैर कर रहा था। साली को कबसे चोदना चाहता था। आज मौका मिला। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है
मेरी रफ्तार बढ़ती जा रही थी। हर झटके के साथ उसके चुच्चे भी ऊपर निचे हो रहे थे। उसकी पायल के घुँगरू छन 2 बज रहे थे। नाक की गोल बाली में वो अफ्सरा लग रही थी। मैं बीच 2 में उसके बालो की ख़ुश्बू भी ले रहा था। सच में मैं स्वर्ग में था। उसके गले में ॐ का लोकत भी थी। जो मेरी घनघोर चुदाई में पीछे चला गया था। उसकी माँ को पता चल गया तो क्या होगा। उन्होंने तो उसके बांये पैर में वो काला धागा बंधा था की लड़की कुंवारी रहे। यहाँ लौंडिया तो 2 घण्टो से चुद रही है।
मन्दाकिनी अपनी कमर उठा रही थी। मेरे बिस्तर पर तूफान मच गया था। वो बेकाबू हो रही थी और उसकी बुर घिस रहा था। मैं एक बार भी लण्ड नही निकाला और मेहनत से साली को चोदता रहा। मैं गारंटी से कह सकता हूँ अगर मैं जिगोलो होता और इतना मस्त चुदाई किसी कार वाली आंटी की की होती तो 10 हजार की गड्डी वो मुझे इनाम में देती। मैं गारन्टी से कह सकता हूँ मन्दाकिनी ने आज सरश्रेष्ठ चुदाई का मजा लिया है।
करीब 20 मिनट बाद मैंने पानी मेरा पानी गिरने वाला था। मैंने लैंड निकाला और उसके मुह पर छोड़ दिया। गाढ़ा चिपचिपा वीर्य उसके मुँह पर फ़ैल गया।
छी! उसको घिन लगी!
मन्दाकिनी दो राउंड चुद चुकी थी। हलाकि मेरे लण्ड में अभी भी मॉल था। मेरी गोलियां ठोस थी और अभी कम से कम 3 बार और पानी छोड़ सकता था। कुछ ही मिनट का हम दोनों ने आराम किया। मन्दाकिनी ने अपना चेहरा साफ कर लिया था। और मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया। मैंने मन्दाकिनी को पीछे से जकड़ लिया। नंगी विशाल चिकनी पीठ गोरी थी। उसपर उसके काले बाल तो कयामत ही ढा रहे थे। मैं उसकी लटों से खेल रहा था।
रानी सच 2 बताना चुदने में मजा आता है की नही? मैं कैसे चुदाई करता हूँ? मैं उसे उससे पीछे की ओरे से जकड़कर पूछा। उसके नंगे गोर मांसल खंधों को चूमते हुए!
बहुत मजा आता है! मन्दाकिनी बोली
भाई लौंडिया तो पत गयी है। साली को पहले तो खूब चुदूँगा। फिर जब इक्षा भर जाएगी तब साली से धंधा करवाऊंगा। मैं मन ही मन सोचने लगा। इसके तो 2 से 3 हजार एक रात के मिल जाएंगे। मॉल ही ऐसा है। खूब मॉल कमाऊँगा। मैं आमिर आदमी बन्ने के सपने देखने लगा।
मेरे हाथ उसके मम्मो पर यहाँ वहां दौड़ रहे थे। लहरा रहे थे। उसकी बुर में भी मैं ऊँगली फिरा देता था। उसकी पीठ बहुत चिकनी थी। मककन की टिकिया की तरह नरम, नाजुक और चिकनी। खुद खैर करे। कहीं मैं इसका ये रूप देखकर मर ना जाऊ। मैं कामुकता से उसकी नंगी पीठ पर उसके घने बालो को हटाकर चूमने लगा। यही वो लड़की है जो मुझे चूत भी देगी और पैसा भी कमवाएगी। चोदो भी, चुदवाई भी लो। मेरे मुँह में पानी आ गया।
फिर खेला जाए? मैंने मन्दाकिनी से पूछा
ठीक है उसने सर हिलाया!
मैंने उसे अपनी ओरे मुँह करके बैठाया। उसकी मांसल गोरी चिकनी जंगों को अपनी जंगों पर रखा। उसके चुत्तड़ में हाथ डालकर उठाया। उसकी बुर मेरे लौड़े के सामने आ गयी। मैंने लौड़ा पेल दिया जो बड़े आराम से उसकी बुर की फाँकों में समा गया। हम दोनों बैठे थे। मैंने उसे खुद से चिपका लिया। उसके चूंचे मेरी छाती से सट गए। उसने अपने दोनों हाथ मेरे गले में डाल दिए। मैंने उसके चुत्तड़ को निचे से पकड़ा। माँ कसम ऐसा मुलायम चुत्तड़ आज तक नही देखा। मैं हल्का जा पीछे झुका और मैं उसको चोदने सुरु किया। मादरचोद।! मन्दाकिनी पूरी की पूरी नंगी थी। मेरी गोद में बैठी थी और चुद रही थी। मैं बता नही सकता मुझे कितना मजा मिल रहा था। गोद में बिठाकर लौंडियाँ चोदने का सुख तो केवल वही जान सकता है जितना ऐसा किया हो। साली का चिकना स्पर्श मुझे पागल कर रहा था। उसके चूतड़ उठाकर मैं उसे ऊपर निचे साइकिल की तरह चला रहा था। बिच 2 के मैं उसके ओंठ भी पी रहा था। इस बार वो न तो पहले की तरह रो रही थी और ना सिसकी ले रही थी। बल्कि इस बार तक वॉ आँखें बन्द करके मजे से चुद रही थी।
रानी मजा आ रहा है? मैंने उससे प्यार से पूछा
हाँ उसने धीरे से कहा
मैं उसकी गांड को पकड़ कर ऊपर निचे चला रहा है। रंडी की गांड लप्प 2 कर रही थी। जी तो यही करता थी की साली को सालों साल ऐसे ही नंगा रखूँ और बजाता रहूँ। ना कभी कमरे से बाहर निकलूँ। बस सारी जिंदगी उसे चोदता रहूँ। पर बहनचोद, नहाना पड़ता है, मुँह धोना पड़ता है, बाजार जाना पड़ता है, ट्यूशन पढ़ाओ, कोई काम ढूँढू। बेटीचोद क्या ऐसा नही हो सकता की हम सारी जिंदगी चुदाई ही करते है। मैं अपनी किस्मत को कोसने लगा।
मन्दाकिनी के काले बाल घटा बनके लहरा रहे थे। वो एक अफ्सरा लग रही थी। मैं उसे गोद में बैठकर बजा रहा था। उसके बड़े 2 चुचे मेरी छाती से चिपके थे। मैंने रंडी को कसके पकड़ रखा था। उसके चुचे गुल 2 थे। वो बड़े आराम से मेरे लौड़े पर पिस्टन की तरह ऊपर निचे चल रही थी। रण्डी आज जिंदगी की सारी रंगीनियाँ लूट रही थी। इसकी लाइफ तो सेट हो गयी। मैंने सोचा।
आँखे बंद की हुई लौंडियाँ को चोदने का मजा ही अलग है। केवल हिंदुस्तानी लौंडियाँ ही चुदवाते समय आँखें बन्द रखती है। बाकी विदेशी तो आँख खोल कर मरवाती है। जिसमें मजा नही आता है। मैंने जान
मैंने करीब आधे घंटे तक उसको चोदा इसी तरह गोद में बैठाकर। जैसे ही मैंने लौड़ा निकाला तो मैं हैरान परेसान हो गया। उसकी बुर से पानी निकलने लगा। रंडी को मैंने तुरन्त बेड पर लेता दिया और अपनी ऊँगली उसकी बुर की गहराई के पेल थी। अपनी उँगलियों से मैं उसकी बुर चोदने लगा। और फिर चमत्कार हुआ। रण्डी छल 2 करके पिचकारी की तरह अपना पानी चोदने लगी। मैंने तुरंत अपनी मुह उसकी बुर पर लगा दिया और वो अपना मॉल मेरे मुँह में झरने लगी।
लाइफ के पहली बार मैंने किसी लौंडिया को पानी चोदते देखा था। मैं यह सीन देखकर धन्य हो गया था। साली इसकी शादी ना हो 2 4 साल। रंडी को इतना चोदूंगा की बुर की सारी फांके खुल जाएगी। रण्डीयों जैसी इसकी बुर कर दूंगा। तब छोड़ूंगा साली को। मैंने मन ही मन सोचने लगा।
8 10 बार उसकी पिचकरी छुटी। नमकीन पानी अदरक के स्वाद का। बहुत तेज स्वाद। मेरा चेहरा उसके पानी से भीग गया। मैंने जल्दी 2 उसकी बुर के ऊँगली चलने लगा। वो सीसिक्यों के साथ और पिछकरिया चोदने लगी। ऐसा मदमस्त करने वाला सीन मैंने अपनी लाइफ में नही देखा था। सारी पिचकारियाँ छुटने के बाद मैं मन्दाकिनी की चूत को कुत्तो की तरह चाटने लगा। मैं यकीन से कह सकता हूँ की मंदाकिनी को बुर चतौवल में पूरा मजा आ रहा था। उसका चेहरा ये बता रहा था।
मैं अपनी खुदरी जीभ की नोक से उसकी अभी ताजी 2 बुर के छेद में दाल रहा था। वो जन्नत के मजे लूट रही थी। जरा सा सुराग ही उसके भोसड़े में हुआ था। मैं अच्छी तरह उसकी बुर की डॉक्टर की तरह जाँच कर रहा था। मुझे विस्वास नही हो रहा था की ज़रा से छेद में कैसे मेरा 9 इंच का लौड़ा समा जाता है। ऊपर वाले ने भी लौंडियों को खूब बनाया है।
मैं ऊपर नीचे उसकी बुर में अपनी जीभ दौड़ा रहा था। मन्दाकिनी मस्त आहे भर रही थी। मैं यकीन से कहूँगा की अगर मन्दाकिनी किसी और से अपनी सील तुड़वाती तो उसे कोई मेरे जैसा बढ़िया ना चोद पता। मैंने तो पूरा कोर्स पूरा कर दिया उसके साथ। उसकी बुर का सामान नमकीन था। बड़ी ही प्यारी साफ चिकनी चूत थी। जैसे खोये वाली गुझिया हो। मैंने फैसला किया की ये गुजिया का सारा खोया मैं ही खाऊंगा।
चल कुतिया बन! मैंने अचानक गुस्साकर कहा। सायद ये मेरी वासना थी।
मैंने मन्दाकिनी के बाल खीचते हुए उसे अपने मुलायम गद्देदार बेड पर ही कुतिया बना दिया। वो आज पहली बार चुद रही थी, पर मैं उसे बिस्तर गर्म करने के सरे गुड़ सिख रहा था। वो झुक गयी और उसने अपना पिछवाड़ा मेरी और कर दिया। मैं 5 6 बार उसके गोल मटोल चुत्तड़ पर चपट मारी। माँ कसम कददू मेरे सामने है। अब इसे बस काटने की ही देरी है।
मैंने उसके पूट्ठों को चूमने चाटने लगा।। फिर मैंने उसकी गांड देखी। अनचुदी कुवारी गांड। मैंने अपने बिचवाली ऊँगली को उसकी गांड में पेल दिया। मन्दाकिनी सिसकने लगी। गांड भुत टाइट थी। मैंने गांड में ढेर सारा तेल डाला और ऊँगली करने लगा। मन्दाकिनी किसी बहादुर सिपाही की तरह डटी थी। वो सच में अपनी गांड मरवाना चाहती थी। मैंने लण्ड पर तेल लगाया और सुपारे को उसकी कुवारी गांड पर रखा और जोर का धक्का मारा। लैंड उसकी गांड फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना था। ऐसा लगा जैसे मैंने ओपलम्पिक में गोल्ड मेडल जीत लिया। लौंडियों की बुर तो कोई भी अँधा काना भी चोद लेता है। असली मेहनत तो गांड चोदने में है। मैं मेहनत से लैंड आगे पीछे करने लगा। बहुत टाइट गांड दी।
मैं सोचने लगा की उपरवाला मेरे ऊपर ऐसे ही मेहरबान रहे, और नई 2 बुर और गांड चोदने को मिलती रहे। अगर नयी 2 लौंडियाँ मिलती रही तो 60 साल तक मेरी जवानी रहेगी। मैंने मन्दाकिनी की कमर को दोनों हाथों से मजबूती से पहन रखा था और एक कुत्ते की तरह साली की गांड मार रहा था। उसे काफी दर्द हो रहा था। पर वो बर्दास्त कर रही थी। काफी देर बाद मैंने पानी उसकी गांड में ही छोड़ दिया।
मेरा शरीर अकड़ गया। बदन में आग लग गयी। हुँ हूँ! की हुँकार भरते हुए मैं आख़री सास तक लड़ा। मन्दाकिनी की हालात भी ख़राब हो गयी थी। वो कुतिया बने 2 थक गयी थी। उसकी चिकनी जांघ और घुटनो में दर्द हो रहा था। मैं पानी उसकी गांड के छेद में ही छोड़ दिया। जो कुछ देर बाद बाहर आ गया।
जा बाथरूम में नहा ले! मैंने मन्दाकिनी से कहा।
मैं दूसरे बाथरूम में नहाने चला गया।। फिर हम दोनों ने 3 घण्टों तक आराम किया। रात के 10 बजे थे और मेरे घरवाले अभी तक नही आये थे। मैंने बाइक उठाई और मन्दाकिनी को छोड़ आया।
दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसी लगी। बताइये
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