दोस्तों मेरा नाम किशोर है आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे आपको एक घटना बताने जा रहा हूँ जो की मेरी माँ के साथ हुई थी जिसने मेरी माँ को एक साधारण सी गृहिणी से बदलकर एक अंजान आदमी की रंडी बना दिया है ये घटना आज से करीब तीन साल पहले की है जब मैं एम् बी ए कर रहा था हमारे घर में मैं मेरे फादर और मेरी माँ रहती है मेरे फादर सरकारी जॉब करते है मेरी माँ एक गृहिणी है मेरी माँ का नाम पूनम है|
दोस्तों आज मैं आपको अपनी माँ के बारे मैं बताता हूँ मेरी माँ की उम्र उस समय करीब 39 साल की थी मेरी माँ का रंग गोरा और शरीर भरा हुआ है माँ के चूचियां 38 और हिप्स 40 के है किसी का भी दिल करेगा उनको चोदने का वो हमेशा साड़ी पहनती है और उसमें वो काफ़ी हॉट और सेक्सी लगती है और मुझे पता है हमारी कॉलोनी के काफ़ी लोग उनके बारे मैं ग़लत विचार रखते है क्यों की थी भी वो बड़ी ही मदमस्त माल अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ एक बार मैं अपनी माँ के साथ स्टोर से सामान खरीदने गया हम सामान बास्केट मैं रख रहे थे तो मैने देखा की एक आदमी जो की 6 फुट लंबा है बॉडी बिल्डर टाइप का मेरी माँ को घूरे जा रहा है|
दोस्तों मैंने सामान लिया और पेमेंट करके अपने घर वापस आ गये। हमारे घर पहुचने के करीब दस मिनिट के बाद ही डोर बेल बजी मेरे फादर ने गेट खोला तो मैने देखा की वो ही आदमी हाथ मैं एक पैकेट लेकर खड़ा था फादर ने बोला हां जी किससे मिलना है तो उसने कहा जी अभी अभी आपके यहाँ से कोई स्टोर से सामान लेने गया था और पेमेंट के बाद वो ये पैकेट काउंटर पर ही भूल आया तो मैं इसे आपको देने आया हूँ फादर ने कहा की आपको हमारे घर के बारे मैं कैसे पता चला तो उसने बताया की मैं पास वाली बिल्डिंग मैं रहता हूँ इसलिये आपको देखा है फादर ने उसे अंदर बुलाया और थैंक्स कहा। माँ ने चाय बनाई और उसे दी तो वो लगातार मेरी माँ को घूरता रहा उसने अपना नाम संजय बताया फादर ने पूछा की और कौन कौन आपके घर मैं रहता है तो उसने बताया की मैं अकेला हूँ मेरा तलाक हो गया है मैं यहाँ दो सप्ताह से हूँ मेरा ट्रान्सफर दिल्ली से यहाँ हुआ है|
फिर वो घर से चला गया फादर ने उसे फिर आने के लिये कहा दिन पर दिन बीतते चले गये वो मेरे फादर का अच्छा फ्रेंड बन गया वीक मैं 2 या 3 बार वो खाना हमारे यहाँ ख़ाता था एक दिन की बात थी मेरे फादर को अगले दिन ऑफीस के किसी काम से भोपाल जाना था 2 वीक के लिये सुबह 6 बजे की ट्रेन थी मैं रात को ही फादर से मिल कर फ्रेंड के यहाँ सोने चला गया अगले दिन सुबह मैं 7 बजे को मैं घर वापस आया मैने माँ से पूछा की फादर गये क्या माँ ने बोला की हाँ संजय अंकल उन्हे छोड़ने गये है मैं माँ से बोला की मुझको नींद आ रही है रात भर सोया नही हूँ मैं अपने कमरे मैं सोने जा रहा हूँ और मैं अपने कमरे में सोने चला गया 15 मिनिट के बाद डोर बेल बजी मेरी आँख भी खुल गयी तो मैने देखा की संजय अंकल आये थे|
माँ ने कहा की छोड़ आये आप उन्होने कहा की हाँ। माँ ने कहा की राहुल भी आ गया है तो संजय अंकल ने कहा की मैं देख कर आता हूँ साथ बैठ कर चाय पीयेगें वो मेरे रूम मैं आये पर मैं बाहर नही जाना चाहता था तो मैं बेड पर लेट गया उन्होने कई आवाज़ लगाई तो भी नही उठा तो वो चले गये मैं फिर खड़ा हो कर देखने लगा वो मेरी माँ के पास जा कर बोले वो तो सो रहा है मेरे लिये ही चाय बना दो मेरी माँ ने उनके लिये चाय बनाई वो माँ की गांड को घूर के देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था मुझको पता चल गया की आज मेरी माँ को चोदा जायेगा फिर वो माँ से इधर उधर की बाते करने लगा जानबूझ कर माँ को टच करने लगा|
उसने माँ से पूछा की आप अपने हस्बैंड के साथ क्यो नही गयी तो माँ ने बोला की मौका नही मिला यहाँ काम है मुझको तो संजय ने कहा सही बात है भाभी जी आपका हस्बैंड काफ़ी लकी है जो उसे आपकी जेसी वाईफ मिली। माँ हंस पड़ी और बोली चलो संजय भाई साहब अब मुझको घर का काम करना है आप प्लीज़ बाद मैं आना तो संजय ने कहा की जल्दी क्या है काम तो बाद मैं भी होता रहेगा आज मुझे मौका मिला है मेरी माँ ने कहा क्या मतलब संजय ने कहा देखो भाभी जी मुझे सिर्फ़ संजय कहा करो भाई साहब मत कहा करो माँ ने कहा की प्लीज़ अपनी लिमिट क्रॉस मत करो और जाओ यहाँ से संजय ने कहा मैं यहाँ से नही जाऊँगा इतने दिन के बाद तो मौका मिला है तुम्हे जी भर के देखने का और वो माँ के पीछे आ कर माँ के हाथ पकड़ने लगा माँ ने अपने आप को उससे दूर किया और बोली की ये आप क्या कर रहे हो|
उसने कहा तुम्हे प्यार जिसकी मुझे कब से चाहत थी माँ ने कहा की मैं शोर मचा दूँगी उसने कहा की नुकसान तुम्हारा ही होगा मैं तो बोल दूँगा की इसका हस्बैंड बाहर चला गया है तो इसने मुझे बुलाया है और तुम्हारा बेटा क्या सोचेगा इसलिये चुपचाप मैं जो कहता हूँ वो कर लो किसी को नही पता चलेगा माँ रोने लगी माँ ने कहा मैं ये सब नही कर सकती मैं एक शादीशुदा हूँ और एक बच्चे की माँ भी हूँ मैं किसी अंजान आदमी के साथ ना ना। संजय ने कहा की कुछ नही होगा तुम इस घर की शादीशुदा औरत हो जिसको एक मर्द से प्यार चाहिये और तुम्हारे हस्बैंड ने मुझे बताया था की काफ़ी सालो से उसने तुम्हारे साथ चुदाई नही किया|
तुम भी मेरी तरह हो मैने भी तलाक के बाद से चुदाई नही किया और तुमने भी शादीशुदा होते हुये भी सालो से चुदाई नही किया माँ ने कहा की नही ये ग़लत है उसने कहा की कुछ भी ग़लत नही है और पीछे आ कर अपना लंड पैंट के अंदर से ही माँ की गांड पर लगाने लगा माँ दूर हो गयी उसने कहा की जब तक तुम नही चाहोगी मैं तुम्हारे साथ ऐसा कुछ नही करूँगा हम सिर्फ़ ओरल करेंगे और ओरल चुदाई मैं तो कोई प्रोब्लम नही है माँ ने अपनी गर्दन नीचे झुका ली माँ बोली राहुल घर पर है संजय अंकल ने कहा की वो सो रहा है और 4-5 घंटे बाद उठेगा जब तक हम इन्जॉय कर सकते है|
माँ ने कहा की मुझे डर लग रहा है कुछ गड़बड़ हो गयी तो संजय ने कहा की कुछ नही होगा और माँ का हाथ पकड़कर मेरे रूम के पास वाले रूम मैं ले आया मेरे रूम और पास वाले रूम का कॉमन बाथरूम है मैं वहां जाकर रोशनदान मैं से देखने लगा मेरी माँ सोफे पर बैठ गयी माँ घबराई हुई सी लग रही थी संजय भी माँ के साथ बैठ गया और माँ के फेस पर हाथ फेरने लगा माँ को अजीब सा लग रहा था फिर उसने माँ की लिप्स को चूसना शुरू किया माँ को शुरू मैं अजीब सा लग रहा था लेकिन बाद मैं वो भी इन्जॉय करने लगी माँ के पिंक होंठ उसके बड़े मुँह के अंदर गायब हो गये थे फिर उसने माँ के चूचियां को उपर से दबाना शुरू किया माँ ने उसका हाथ हटा दिया उसने फिर माँ के चूचियां को दबाना शुरू किया मुझको मालूम था की संजय को कितना मज़ा आ रहा होगा माँ के बड़े बड़े चूचियां को दबाते हुये माँ दर्द के मारे सिसकियां भर रही थी आह प्लीज़ संजय मत करो प्लीज़ दर्द हो रहा है पर वो सुनने वाला नही था वो माँ के पूरे फेस पर किस कर रहा था और साथ ही साथ चूचियां भी मसल रहा था|
माँ ने उसे एक झटके से हटा दिया माँ ने कहा की काफ़ी है तुमने ओरल कहा था वो हो गया संजय गुस्से से बोला की अभी कुछ भी नही हुआ है और तुम तो ऐसे शर्मा रही जो जेसे की पहली बार है माँ के मुँह से निकल गया की इस तरह तो पहली बार है मुझको डर लग रहा है ये सुन कर संजय फिर से माँ के पास आ गया और माँ के चूचियां को पूरी ताक़त के साथ दबाने लगा माँ पागल हो गयी दर्द के मारे और चिल्लाने लगी प्लीज संजय मत करो दर्द होता है बहुत संजय माँ का ब्लाउज उतारना चाहता था पर माँ ने मना कर दिया और जा के बेड पर लेट गयी संजय ने कहा की क्या हुआ माँ ने कहा की काफ़ी दर्द हो रहा है तुमने काफ़ी ज़ोर से किया है प्लीज मत करो संजय अपसेट हो गया और गुस्से मैं बोला ठीक मैं जा रहा हूँ तुम चाहती ही नही की मैं कुछ अच्छा करूँ तुम्हारे साथ माँ ने बोला ऐसा नही है लेकिन मुझे शर्म आ रही है तो संजय ने बोला ठीक है तुम नही कर सकती तो मैं तो कर सकता हूँ|
उसने अपनी पैंट खोली और उतार दी और अंडरवेयर मैं से अपना लंड बाहर निकाला उसका लंड स्प्रिंग की तरह बाहर आया मैं देख कर हेरान था उसका लंड कम से कम 9 इंच का तो था वो लंड निकाल के माँ के उपर बैठ गया माँ ने शर्म के मारे फेस उधर कर लिया वो अपना लंड हिलाने लगा माँ ने कहा की ये क्या कर रहे हो उसने कहा की मूठ मार रहा हूँ माँ ने कहा की दूर हटो लेकिन वो नही हटा और मूठ मारने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपने लंड का पानी माँ के फेस पर और ब्लाउज पर निकाल दिया माँ को घिन आ रही थी माँ ने उठ कर टिश्यू से अपना फेस साफ किया और बाहर जाने लगी संजय ने माँ का हाथ पकड़ के खीच लिया और बोला प्लीज़ सकिंग करो मेरे लंड की माँ ने मना कर दिया तो उसने कहा चलो मेरा लंड अपने हाथ मैं ले कर हिलाओ माँ उसका लंबा और मोटा लंड हिलाने लगी|
मेरी माँ के गोरे हाथ मैं उसका लंड एकदम मस्त लग रहा था फिर वो खड़ा हो गया और माँ के लिप्स पर लंड को रखकर जबरदस्ती अंदर मुँह मैं डालने लगा माँ ने मुँह नही खोला तो उसने माँ की नाक को बंद कर दिया ताकि माँ सांस लेने के लिये मुँह खोले माँ ने जैसे ही मुँह खोला उसने अपना लंड माँ के मुँह मैं दे दिया फिर माँ को भी उसे मजबूरन उसे चूसना पड़ा वो माँ के मुँह मैं झड़ गया फिर उसने माँ को बेड पर लेटा दिया और किसी तरह माँ का ब्लाउज खोल दिया और ब्रा भी माँ विरोध करती रही लेकिन उसने एक ना सुनी ब्रा खुलते ही वो तो जैसे पागल ही हो गया|
मेरी माँ के 40 साइज़ के चूचियां देख कर माँ अपने हाथो से चूचियां को छुपाने लगी तो वो बोला क्या चीज़ है तू पूनम माँ ने कहा प्लीज़ मत करो ये अच्छी बात नही है उसने कहा की मैं अब कुछ भी अच्छा बुरा नही जानता मैं बस तुम्हे चाहता हूँ जब से मैं यहाँ आया हूँ तब से मैं तुम्हारे लिये पागल हूँ और जब आज मुझे मौका मिला है तो मैं तुम्हे कैसे जाने दूँ प्लीज पूनम अपने हाथ हटाओं प्लीज़ माँ ने कहा प्लीज़ आराम से करना प्लीज़ और माँ ने डरते हुये अपने हाथ हटा लिये फिर क्या था संजय तो ऐसे पागल हो गया वो मेरी माँ के चूचियां को चूसने लगा कभी निपल को ज़ोर से दबाता या कभी दोनो चूचियां को एक साथ पकड़ के ज़ोर से हिलाने लगता माँ भी इन्जॉय कर रही थी माँ ने कहा प्लीज बंद करो ये खेल प्लीज़ मैं मर जाऊंगी प्लीज़ अहह|
उसने माँ के चूचियां को चूसते हुये माँ की टांगो के बीच मैं हाथ देने लगा माँ ने उसका हाथ पकड़ के हटा दिया तो उसने माँ के निपल पर काट लिया माँ ज़ोर से चीक पड़ी अहह प्लीज़ मुझे दर्द हो रहा है प्लीज़ समझने की कोशिश करो आह प्लीज़ अहहाः फिर उसने माँ को चाटना शुरू किया और पेट पर भी अपनी जीभ से सहलाने लगा और उसके बाद वो माँ की सारी बॉडी पर किस करने लगा और माँ के कान को सहलाने लगा और काट लिया माँ ने कहा तुम्हारे अंदर तो जानवर है माँ ने कहा की क्या तुम हमारे घर मैं इसलिये आये थे की मेरे साथ ये सब कर सको तो संजय ने कहा की हाँ सिर्फ़ तुम्हारे लिये मेरी माँ ने कहा की तुमने मेरी हालत खराब कर दी है तुमने मुझे एक बाज़ारु रंडी की तरह चूसा है|
मेरी माँ की बॉडी पर जगह जगह काटने के निशान थे गर्दन पर फेस पर पेट पर मेरी माँ बेड पर सिर्फ़ पेटिकोट मैं बैठी थी माँ के बाल खुले थे ओर चूड़िया भी टूट गयी थी थोड़ी बहुत और संजय मेरी माँ को अभी भी चूसे जा रहा था उसने माँ से कहा की पूनम मैं तुम्हे नंगा करके देखना चाहता हूँ प्लीज़ मना मत करना मेरी माँ ने कहा की तुमने मेरे शरीर पर छोड़ा ही क्या है मैं ऐसा नही कर सकती तो संजय ने जबरदस्ती माँ का पेटीकोट उतार दिया और पेंटी भी अब मेरी माँ एक अंजान आदमी के सामने पूरी नंगी बेड पर लेटी थी माँ को शर्म आ रही थी माँ ने कहा की संजय तुमने मुझे रंडी बना दिया है मैने सोचा भी नही था की मैं बिना कपड़ो के नंगी किसी अंजान के सामने लेटी रहूँगी|
संजय ने कहा की मैं कोई अंजान नही हूँ मैं तुमसे प्यार करता हूँ और अब हमारे बीच वो सब कुछ हो गया है जो की हस्बैंड पत्नी की बीच होता है संजय ने माँ की टांगे खोली और अपनी उंगलियो से माँ की बूर के लिप्स हटाने लगा संजय ने कहा की तुम्हारी बूर तो किसी कुवांरी लड़की की बूर के जैसी है। लगता है की तुम्हारे हस्बैंड ने इस पर मेहनत नही की तो माँ ने बोला मेरा बेटा भी ओपरेशन से हुआ है इसलिये ये ऐसी है प्लीज तुम कुछ मत करना संजय ने माँ की बूर को चाटना शुरू किया माँ पागला हो गयी नही संजय प्लीज़ रहने दो प्लीज़ तुम्हे मेरी कसम मत करो प्लीज 10 मिनिट तक संजय बूर को चाटता रहा उसके बाद उसने माँ को मोबाइल मैं ब्लू फिल्म दिखाई माँ आहे भरने लगी और अपने आप ही संजय का लंड हाथ मैं ले कर हिलाने लगी संजय ने माँ से पूछा की क्या पूनम मैं अपना लंड तुम्हारी बूर मैं डाल सकता हूँ|
माँ ने कहा की तुम सब कुछ तो कर चुके हो अब ये पूछने की क्या जरूरत है तुमने मुझे रंडी तो बना दिया है अब चोद भी दो संजय को ग्रीन सिग्नल मिल गया उसने अपने लंड को माँ की बूर के मुँह पर लगा के रगड़ने लगा माँ की तडप बडने लगी माँ बोली अह्ह्ह प्लीज़ संजय प्लीज़ अहहा मत करो डाल भी दो संजय ने कहा की तुमने भी मुझको काफ़ी इंतज़ार कराया है तुम भी तो करो माँ ने कहा की मैं मजबूर थी समाज के कारण तुमने मुझे ज़िंदगी भर का प्यार दिया है प्लीज़ आहह संजय ने बोला तो बताओ किसका लंड ज्यादा बड़ा और मोटा है अपने लंड को माँ की बूर के मुँह पर और जाँघ पर रगड़ते हुये पूछा माँ शर्मा गयी और बोली तुम्हारा ही ज्यादा बड़ा है और मोटा भी है|
मैने ऐसा लंड कभी नही देखा था और अपने हाथ मैं पकड़ा था अब प्लीज़ करो ये सुन कर संजय को जोश आ गया और उसने धीरे से अपन लंड माँ की बूर मैं घुसाया माँ दर्द के मारे कांप उठी उसने और झटका लगाया और माँ बहाल हो गई आहह आराम से प्लीज़ संजय ने 2-3 झटके मारे और पूरा लंड माँ की बूर मैं चला गया माँ दर्द के मारे चिल्लाने लगी आअहह प्लीज़ आराम से हिलाओं प्लीज़ मैं मर जाऊंगी प्लीज़ संजय अहह ये काफ़ी बड़ा है प्लीज़ संजय ने अपनी स्पीड बड़ा दी माँ की आँखो से आसूं निकल पड़े करीब 20 मिनिट के बाद दोनो शांत हो गये संजय माँ के उपर ही लेट गया और माँ को किस करने लगा और माँ के लिप्स को चूसने लगा|
फिर वो खड़ा हुआ तो उसने माँ की बूर को टिश्यू पेपर से साफ किया माँ की बूर का मुँह खुल चुका था माँ एक रंडी की तरह बेड पर लेटी थी और ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी माँ ने कहा की संजय तुमने मुझे बड़ी ज़ोर से चोदा है मैने ऐसी चुदाई नही की थी मुझको तुमने रंडी बना दिया ये सुन कर संजय माँ के चूचियां को चूसने लगा अब माँ की तरफ से कोई विरोध नही था संजय ने अपना मोबाइल निकाल के माँ की नंगी विडियो बनाई माँ ने कहा की क्या कर रहे हो संजय ने बोला जी जब भी मन करेगा ये देख कर तेरे नाम की मूठ मार लूँगा माँ ने कहा की वो तो तुम पहले करते होगे संजय ने कहा की हाँ रोज़ तेरे बारे मैं सोच कर मूठ तो मारता था में संजय ने कहा तुम बेड पर नंगी लेटी हुई बड़ी चुदाईी लगती हो उसने माँ को उल्टा कर दिया और बोला जानू मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ माँ ने बोला नही मैने ये नही किया कभी काफ़ी दर्द होगा|
उसने माँ की गांड मैं उंगली डालकर खोलने की कोशिश की तो देखा की गांड का छेद तो काफ़ी छोटा है उसने कहा की अगली बार तो ज़ररू मारूंगा तो माँ ने कहा की अब तो 2 वीक तक तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो तो संजय ने बोला कल की बात बाद मैं अभी एक राउंड और करते है उसने माँ को फिर से ज़म के चोदा और जैसे ही वो झड़ने वाला था तभी उसने अपना लंड माँ के लिप्स पर रख दिया और सारी मलाई माँ के फेस पर आ गयी फिर उसने माँ के मुँह मैं अपना लंड दे दिया और माँ ने उसे चूस के साफ किया माँ खड़ी हुई और बोली तुमने अपने लंड का पानी मेरी बूर के अंदर छोड़ दिया है कुछ गड़बड़ हो गयी तो संजय ने कहा की कुछ नही होगा हम डॉक्टर के पास चलेंगे और अगली बार से कन्डोम ले कर आऊंगा माँ ने कहा की नही कन्डोम से मज़ा नही आयेगा तुम्हारे लंड को टच करने की फीलिंग नही मिलेगी और उसका लंड लेकर हिलाने लगी और उस पर किस करने लगी|
दोस्तों उसके बाद मेरी माँ ने बोला की अगली बार तुम अपने लंड के बाल साफ करके आना चूसते वक़्त मुँह मैं आते है संजय ने कहा ठीक है लेकिन मुझे तुम्हारी बूर ऐसे ही पसंद है एक घरेलू औरत की बूर ऐसी ही होनी चाहिये और फिर माँ को अपने सीने से लगा कर किस करने लगा और कपड़े पहन कर जाने लगा और माँ भी नहाने के लिये बाथरूम मैं जाने लगी क्योकी संजय के लंड के पानी के निशान माँ की बॉडी पर सूखने के बाद साफ दिख रहे थे ये मेरी माँ की चुदाई की कहानी है| आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताएं.