Office Sex Story : हेल्लो दोस्तों, मैं निक्की सिंह आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मैं बैंगलोर में एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करती हूँ। मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ और दूसरी कम्पनीज के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से सॉफ्टवेयर बनाती हूँ। मैं मूलतः बैंगलोर की ही रहने वाली हूँ। पिछले ४ साल से मेरा मेरे बोस के साथ अफेयर चल रहा है। मैं गोरी, जवान और सेक्सी हूँ। मेरी शादी हो चुकी है, पर मेरे पति को मेरे अफेयर के बारे में कोई खबर नही है। मेरे बोस मिस्टर दास बड़े ही सेक्सी और ठरकी टाइप के आदमी है। उनको नई नई चूत मारना बहुत पसंद है। मुझे याद है आज भी वो दिन जब पहली बार मैं इंटरव्यू देने आई थी। मेरे होने वाले बोस मुझे सिर से पाँव तक घूर घूर कर देख रहे थे। उनके सारे सवालों के जवाब मैंने अच्छे से दे दिए थे। बोस तो मुझे पहले इंटरव्यू के दौरान ही चोदना चाहते थे, पर वो रुक गये।
उन्होंने मुझे नौकरी दे दी और ६० हजार की सैलरी दी। बाद में मुझे पता चला की बाकी कर्मचारियों को ३० हजार की सैलरी मिलती थी। मुझे और लोगो से डबल सैलरी मिल रही थी। मैं मेहनत से काम करने लगी। एक दिन बोस ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया। मैं उनको फ़ाइल दिखाने में बिसी थी, मैं खड़ी हुई थी की बोस मेरे पीछे आ गए और मुझे पीछे से पकड़ लिया और किस करने लगे। मैंने सफ़ेद शर्ट और उस पर नीले रंग का बलेसर पहन रखा था। नीचे मैंने मिनी शर्ट पहन रखी थी। मैं बहुत ही खूबसूरत और जवान औरत थी।
“ये क्या कर रहे है सर??” मैंने पूछा
“निक्की मैं तुमको आज जी भर के चोदना चाहता हूँ। तुम बहुत जवान और खूबसूरत हो! मैं तुम्हारी सुन्दरता का कायल हो गया हूँ” बोस बोले और दोनों हाथ से उन्होंने पीछे से मेरी कमर पकड़ ली और धड़ाधड़ मुझे गाल पर चूमने लगे।
“सररर.. मैं कोई ऐसी वैसी चुदक्कड़ लड़की नही हूँ, मैं शादी शुदा हूँ” मैंने कहा
“निक्की तुमको ६० हजार की बड़ी सैलरी मैंने इसीलिए दी, क्यूंकि मैं तुमको शुरू से ही पसंद करता था.. प्लीस मुझसे प्यार करो” बोस बोले
उसके बाद उन्होंने मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और खड़े खड़े ही मेरे रसीले होठ चूसने लगे। फिर मेरे ब्लेजर में बोस ने हाथ डाल दिया और मेरी सफ़ेद शर्ट के उपर से मेरे रसीले ३८” के मम्मे वो दबाने लगे। उन्होंने मुझे मेरी कमर से पकड़ लिया था और दनादन मेरे रसीले होठ चूस रहे थे। जब काफी देर तक मेरे बोस मेरे होठ चूसते रहे और मेरे मम्मे दबाते रहे तो मैं भी गर्म होनी लगी। मेरी रसीले चूचियों को वो मजे से दबा रहे थे। मुझे कुछ कुछ हो रहा था। समझ नही आ रहा था की क्या करूँ, बोस से चुदवाऊ की ना चुदवाऊं। इसी बीच खड़े खड़े ही बोस ने मेरी शर्ट के ३ उपर के बटन खोल दिए और हाथ अंदर डाल दिया। मैंने अंदर पुश अप ब्रा पहन रखी थी। बोस बड़े होशियार थे, उन्होंने पता नही कैसे मेरी ब्रा को पुश करके खोल दिया और मेरे नंगे मम्मो को हाथ में ले लिया और मजे लेकर दबाने लगे। मुहे अच्छा लग रहा था।
“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..” मैं कराहने लगी। सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
“सर आप जैसा समझ रहे है मैं उस तरह की औरत नही हूँ….मैं शादी शुदा और पति व्रता औरत हूँ। मैंने आजतक घर से बाहर चुपके से किसी गैर मर्द से नही चुदवाया है” मैंने कहा
“श श श श श… निक्की, तुम मुझसे यही मेरे केबिन में चुदवा लूँ किसी को कुछ पता नही चलेगा। देखो मैं तुमको बहुत चाहता हूँ और तुम सिर्फ मेरी ही कम्पनी में मन लगाकर काम करो। मैं जल्द ही तुम्हारा प्रमोशन कर दूंगा” बोस बोले और मेरे मस्त मस्त गोल गोल रसीले दूध को दबाते ही रहे। इधर मैं भी गर्म हुई जा रही थी। समझ नही आ रहा था की बोस से चुदवाऊं या ना चुदवाऊ, कुछ समझ नही आ रहा था। धीरे धीरे बोस मुझे सोफे पर ले गये और लिटा दिया। उन्होंने मेरा बलेसर निकाल दिया और मेरी शर्ट भी निकाल दी। और मेरे नंगे ३८” के बड़े बड़े रसीले दूध वो पीने लगे। वो जीभ से मेरी निपल्स को अच्छे से चूस रहे थे। मैं “……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह..” कर रही थी।
मेरे रसीले स्तनों को इतनी प्यार से तो कभी मेरे पति ने भी नही चूसा था। बोस बिना रुके मेरे मम्मे चूसते ही रहे। मैंने मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी जो घुटनों के उपर होती है। बोस ने मेरी स्कर्ट को उपर की तरह उठा दिया और मेरी लाल रंग की पेंटी निकाल दी और मेरी दोनों टांगे खोलकर मेरी चूत पीने लगे।
“सर र र र र र …प्लीस ऐसा मत करिए। मैं एक शादी शुदा पति व्रता औरत हूँ। आप किसी और लड़की को चोद लीजिये। आपके पास से एक से एक मस्त मस्त लड़कियाँ है…..” मैंने बोस से कहा अपनी चूत पिलाते हुए
“निक्की…..जो बात तुममे है, वो और किसी में नही। मुझे सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी बुर चोदनी है” सर बोले और उसके बाद वो जीभ लपलपाकर मेरी चूत पीते ही चले गये। आधे घंटे तक मेरी साफ चिकनी बालसफा बुर चाटने और पीने के बाद मैं भी आखीर में मान गयी। बोस बड़ा दिल लगाकर मेरी रसीली चूत को पी रहे थे। मैं तो उनके हुनर पर हैरान थी। क्या इसी तरह वो अपनी बीवी को भी चोदते होंगे। मैं सोचने लगी। बोस ने मेरी चूत को दो उँगलियों की मदद से खोल दिया और मेरा बड़ा ही खूबसूरत चूत का दाना चाटने लगे। मैं तो जैसे पागल हो रही थी।
“….ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ…” मैं सिसकने लगी। बोस तो बिलकुल रसिया निकले और बड़ा दिल लगाकर मेरा चूत का दाना पीने लगे। मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रही थी। बोस के द्वारा जबरदस्त मुख मैथुन से मेरी कमर और पेट हिल रहा था और गोल गोल घूम रहा था। मेरे पेडू में तो जैसे भूचाल आ गया था। मैं बेकाबू हो रही थी।
“उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….” मैं तेज तेज चिल्ला रही थी। बोस की जीभ किसी सांप की तरह मेरी चूत में घुसी जा रही थी। उनकी जीभ मेरी चूत के हर एक हिस्से को चाट और पी रही थी। उफ्फ्फ्फ़..मैं तो पागल हो रही थी। क्यूंकि मेरे पति कभी भी मेरे साथ मुख मैथुन नही करते थे। इसी उमड़ते तूफ़ान के बीच बोस ने अपनी बीच वाली २ लम्बी उगलियाँ मेरी चूत में डाल दी और जल्दी जल्दी ऊँगली से ही मेरी बुर चोदने लगे। .. अई…अई….अई……मैं तेज आवाज में चिल्लाई। मैं बोस के बाल को अपनी मुट्ठी में कसकरपकड़ लिया जैसे अभी मैं किसी जंगली बिल्ली की तरह उनके सारे बाल नोच लुंगी।
मेरे बोस तो बड़े रसिया और इश्कबाज आदमी निकले और घपाघप मेरी चूत में अपनी २ उगली जल्दी जल्दी अंदर बाहर करते रहे। मेरी तो जैसे गांड ही फटी जा रही थी। मेरे बोस अपनी उँगलियों से ही मुझे कसकर चोद रहे थे। मैं किसी जंगली बिल्ली की तरह बेकाबू महसूस कर रही थी। फिर गजब तो तब हो गया जब बोस ने अपनी चारों उँगलियाँ मेरे भोसड़े में पेल दी और जल्दी जल्दी अंदर बाह्रर करने लगे। मेरे पेट में तो जैसे आग लग चुकी थी, मेरे पेट में मरोड़ उठ रहे थे। मेरी कमर गोल गोल होकर नाच रही थी।
“आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. हा हा हा..” बोल बोलकर मैं तेज तेज सिसकारी ले रही थी। बोस की ४ उँगलियाँ मेरे गुलाबी भोसड़े के अंदर थी, आप ही सोच सकते है की मैं कितना गर्म, हॉट और सेक्सी महसूस कर रही हुंगी। उपर से बोस उँगलियों के बगल से मेरी चूत भी चाट और पी रहे थे। मेरी तो गांड फटी जा रही थी। मेरी तो जैसे जान निकल रही थी। करीब ३५ मिनट मेरे कामातुर बोस ने अपनी ४ उँगलियों से मेरी बुर चोदी और पानी निकाला। कुछ देर बाद मेरी चूत का झरना छूट गया और ढेर सारा पानी मेरी चूत से किसी पिचकारी की तरह निकला और सीधा बोस के मुंह पर जाकर गिरा। बोस को मेरे चूत के झरने में भीग कर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने अपनी ४ उँगलियाँ मेरे भोसड़े से निकाल ली।अहह्ह्ह्हह….मुझे सुकून मिला।
बोस ने अपनी पेंट निकाल दी। अंडरविअर उतारकर अपना मोटा लंड हाथ में ले लिया। मुझे चोदने से पहले तो लंड पर मुठ देने लगे और जल्दी जल्दी फेटने लगे। कुछ देर में मेरे बोस का लंड ३ इंच मोटा और १० इंच लम्बा हो गया था। इतना मोटा और शानदार लंड मैंने आजतक नही खाया था। अब इस मोटे रसीले और जूसी लौड़े को देखकर मेरा भी अंदर से बोस से चुदवाने का बड़ा दिल कर रहा था, पर मैंने ये बात कही नही। फिर बोस मुझपर झुक गये और अपना १० इंची का क्रीम रोल जैसा दिखने वाला बेहद शानदार लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मैं इस वक़्त सोफे पर ही लेती हुई थी। बोस मेरी गुलाबी चूत में लंड डालकर मेरे उपर ही लेट गये और मुझे हचा हच ठोंकने लगे। मैंने उनको बाहों में भर लिया और मजे से चुदवाने लगी।
मैं “………सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके मजे से चुदवाने लगी। सच में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे बोस मेरे उपर लेट गये। दोस्तों, कितनी अजीब बात थी जिस कम्पनी में मैं काम करती थी, उसी में आज अपना काम [चुदवा] करवा रही थी। बोस मुझे तेज तेज चोद रहे थे। मैं कह सकती हूँ की अब मैं अपने बोस से प्यार करने लगी थी। मैंने उनको बाँहों में भर लिया था, मेरे हाथ उनके चेहरे पर आ गये थे। मैं उनको बार बार किस कर रही थी और मजे से चुदवा रही थी। इस समय बोस के केबिन में सिर्फ….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……की आवाज ही गूंज रही थी। मेरे पति भी मेरी इतनी मस्त ठुकाई नही करता था, जितना की बोस कर रहे थे।
“….ओह्ह्ह्ह बोस……फक मी हार्डर….ओह्ह्ह यससससस….कमोंन फक मी हार्ड!! ओह्ह माय गॉड….यससससससस यस!!” मैं किसी रंडी की तरह चिल्ला रही थी। मेरे बोस को और जादा जोश चढ़ गया मेरी गर्म गर्म सिस्कारियां सुनकर। वो जल्दी जल्दी अपना पिछवाडा उपर नीचे चलाने लगे और बिजली की रफ्तार से मेरी बुर चोदने लगे। इसी बीच बोस ने अपना एक हाथ मेरे मुंह में डाल दिया और किसी रंडी स्लेव [दासी] की तरह पकड़ लिया और दुसरे हाथ से वो जल्दी जल्दी मेरे चूत के दाने को घिसने लगे। “उ उ ….अअअअअ आआआआ… सी सी …. ऊँ..ऊ.. फक माय पुसी!!…..फक इट रियली हार्ड!!” मैं चिल्लाई।
अब तो बोस और तेज तेज मुझे चोदने लगे, मेरा साथ सम्भोग करने लगे। मेरी रसीली बुर में उनका लंड किसी बुलेट ट्रेन की तरह अंदर बाहर दौड़ने लगा। आह..मुझे बहुत नशीली उतेज्जना हो रही थी। कुछ देर बाद बोस ने मेरी चूत में अपना लंड जल्दी से बाहर निकाल लिया और मेरे पेट पर ही अपना माल गिरा दिया। अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा ….हा हा हा….. मैं राहत की साँस ली। मुझे चोदकर बोस हांफने लगे और मेरे बगल ही सोफे पर मुझसे चिपक कर लेट गये। फिर वो मुझे प्यार करने लगे। बड़ी देर तक हम दोनों की सिर्फ सासें तेज तेज चलती रही। दोस्तों जब बोस से ऑफिस में मैं चुदवाकर घर लौटी तो रात में मेरे पति का भी मुझे चोदने का बड़ा दिल कर रहा था। उन्होंने मुझे नंगा कर दिया और मेरी चूत पीने लगे। पर जब वो अपना लंड डालकर मुझे चोदने लगे तो उनको बहुत ढीला ढीला लग रहा था। वो शक करने लगे।
“निक्की…….आज तेरी चूत इतनी ढीली ढीली क्यों लग रही है???” मेरे पति शक करते हुए बोले
“ओह्फ्फो…तुम तो जान बेकार में शक कर रहे हो। मैं तो बड़ी पति व्रता औरत हूँ…..क्या तुम ये बात नही जानते???” मैं मुस्कुराकर कहा
“पर निक्की तुम्हारी चूत इतनी ढीली कैसे है???” पति बोले
“जान……मेरे ऑफिस में आज बहुत काम था। इस लिए मैं दिमाग हल्का करने के लिए ऑफिस में ही अपनी चूत में ऊँगली डालकर मुठ मार दी थी, तभी शायद मेरी चूत इतनी ढीली लग रही है” मैंने बहाना बना दिया
धीरे धीरे मैं अपने बोंस से और जादा प्यार करने लगी। कुछ दिनों बाद २५ दिसम्बर आ गया। क्रिश्मस की छुट्टी हो गयी। पर बोस का मुझे चोदने का बड़ा दिल कर रहा था। उन्होंने मेरे मोबाइल पर फोन किया।
“निक्की बेबी…..आज दोपहर १ बजे ऑफिस आओ ना। तुम्हारी चूत मारने के बड़ा दिल कर रहा है” बोस बोले
“पर आज तो क्रिशमस है। आज तो ऑफिस बंद है” मैंने हैरान होकर कहा
“…..तभी तो जान, आज यहाँ कोई नही है। हम आराम से चुदाई के मजे लेंगे। मैं ऑफिस में ही हूँ…तुम्हारा वेट कर रहा हूँ। आ जाओ!!” बोस बोले
मैं तैयार होने लगी तो पति पूछने लगे की आज तो छुट्टी है, कहाँ जा रही हो। मैं कह दिया की कुछ एक्स्ट्रा और अर्जेंट काम आ गया है, मुझे जाना होगा। फटाफट ऑटो लेकर मैं ऑफिस आ गयी। आज यहाँ कोई नही था। बोस से गर्म वाली ac चला दी। उसके बाद हम दोनों नंगे हो गये। बोस ने मुझे अपनी टेबल पर ही लिटा दिया और मेरे गोल गोल सुडौल आकार के दूध पीने लगे। एक बार फिर से मैं हम प्यार करने लगे।
बोस आधे घंटे तक मेरे गोल गोल रसीले दूध पीते रहे और मजा लेते रहे। फिर अपनी लम्बी सी टेबल पर ही बोस ने मेरी दोनों नंगी, गोरी, सफेद और चिकनी टाँगे खोल दी और मेरी बुर चाटने लगे। एक बार फिर से मैं उनके वश में आ गयी थी। बुर चाटने में बोस का कोई जवाब नही था। चूत का दाना तो वो कितना मस्त चाटते थे, ये बात तो सिर्फ मैं ही बता सकती हूँ। आज एक बार फिर से वो मेरे होश उठा रहे थे। मेरी चूत में से जैसे अंगारे ही जलने लगे थे। जैसे मेरी चूत से चिंगारियां उड़ने लगी थी। सर्दी के मौसम में भी मुझे गर्मी लगने लगी और पसीना छूट गया, १ घंटे तक बोस से मेरी चूत को किसी कुत्ते की तरह रगड़ रगड़ कर चाटा।
“….आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….ईईईईईईई मर गयी….मर गयी…. मर गयी……मैं … आहहहह्ह्ह्ह…सररररररर…अब चोदिये ना, किस बात का इन्तजार कर रहे है!!” मैंने जोश में बक दिया। बोस ने मेरी कमर के नीचे एक तकिया लगा दी जो अक्सर उनकी कुर्सी पर रखी रहती थी। ऐसा करने से मेरी गांड का छेद उपर आ गया। बोस ने अपने १० इंची लौड़े पर थूक लगा लिया और मेरी गांड के छेद पर रखकर सट ने अंदर डाल दिया। अई…अई…….ईईईईईईई मर गयी….मैं चिल्लाई। उसके बाद दोस्तों बोस ने २ घंटे मेरी गांड मारी वियाग्रा खाकर। इसी गोली की वजह से उनका माल निकला ही नही और २ घंटे लगातार मेरी गांड मारते रहे। जब मैं घर लौटी तो किसी बतख की तरह मैं एक टांग उठा उठाकर चल रही थी। क्यूंकि मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था।
“क्या हुआ निक्की….ऐसे टांग उठाकर क्यों चल रही हो????” पति ने पूछा
“….क्या बताऊँ जान….उस नामुराद ऑटो में कोई बड़ा सा कीला निकला था, मेरे पिछवाड़े में घुस गया” मैं जवाब दिया। ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।