हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
मेरा नाम शशांक है। मैं बलिया में रहता हूँ। मेरी उम्र 19 साल है। मैं देखने में बहुत ही खूब सूरत और स्मार्ट लगता हूँ। मेरा लंड 7 इंच का है। मेरा कद 5 फ़ीट 7 इंच क़्क़ है। मेरा लंड भी काफी गोरा है। मेरे लंड का सुपारा गुलाबी है। मुझे अपना लंड चुसवाने में बहुत ही मजा आता है। मैंने अब तक कई लड़कियों को चोद कर छोड़ चुका हूँ। मुझे लड़कियों के उछलते बूब्स बेहद पसंद हैं। लडकियां भी मेरे गोरे लंड के साथ खूब खेलती हैं।
लड़कियों के उछलते बूब्स को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है। लड़कियों के मटकते गांड को देख कर मेरे लंड में आग सी लग जाती है। मुझे कुवांरी लड़कियों की चूत फाड़ने में बहुत मजा आता है। लड़कियों की टाइट चिकनी चूत को चोदने की बात ही कुछ और होती है। लड़कियों की गांड चोदने में मै काफी माहिर हूँ। मेरा लंड गांड और चूत दोनों फाड़ने में माहिर है। मैं लड़कियों को चोदकर उन्हें चुडाई का आनंद दिया है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों मै एक मीडियम फैमिली में रहता हूँ। मेरे पापा एक किसान है। मैं अपने घर में सबसे छोटा हूँ। मेरे बड़े भैया बनारस में जॉब करते हैं। मेरी एक बहन है। जिसकी शादी हो चुकी है। वो अपने ससुराल में ही रहती है। कभी कभी घर पर आती है। ये बात अगले साल 2016 की है। मैं B. Sc कर रहा था। मैं पढ़ने में कुछ खाश ठीक नही था। मेरे पापा ने एक दिन मौसा के साथ बिज़नस करने को कहने लगे। मैंने कहा मुझे अभी पढ़ना है। लेकिन मेरी पढाई का रुतबा देख कर पापा ने मुझे मेरी मौसी के यहाँ भेज दिया।
मौसी का घर दिल्ली में था। मौसा वही अपना बिज़नस कर रहे थे। मै मौसा के यहां पहली बार आया था। दिल्ली में लड़कियों को देख देख कर मेरे लंड की हालत खराब हो गई। एक से एक खूबसूरत लडकियां। देखते ही बूढों का भी लंड खड़ा हो जाये। छोटे छोटे कपड़ो को पहन कर मौसा के घर के सामने से गुजरती थीं। मै आगे खड़ा होकर सारे नज़ारे का संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करता था।
कुछ दिन पहले की बात है। मैंने दिल्ली में एक लड़की पटाई लेकिन उसे चोदने की जगह ही नहीं मिल रही थीं। मैंने मैसा की अनुपस्थिति में खूब चोदा उसे। मेरा कमरा घर में बाहर ही था। बस किसी तरह एक बार लड़की अंदर आ जाये उसके बाद मेरे कमरे में कोई नहीं आता था। मैसी भी मेरी बहुत हॉट लगती थी। आखिर कर दिल्ली में आकर दिल्ली की लकड़कियों जैसी हो ही गई। मौसा का केवल एक लड़का था। वो भी बनारस में जॉब करता था। मै यहां आकर बहुत अकेला फील करता था। बाहर जाना मेरे लिए शख्त मना था। मैं घर में बैठ कर बस मैसी को ही ताड़ता था। मौसी भी कुछ कम नहीं थी। हमेशा फुल मेक अप किये। मॉडल बनी रहती थी। मुझे अब मौसी बहुत ही अच्छी लगती थी। मैं घर में बैठकर पूरा दिन ब्लू फिल्म देख कर मुठ मारता रहता था। मौसी की डिज़ाइनर ब्रा के साथ मैं अक्सर खेल लेता था।
मौसी की ब्रा से मैं मुठ मार कर अपना माल पोंछ देता था। कभी कभी मै मैसी को देख कर भी मुठ मारता था। मैसी बाहर काम करती थी। मैं अपनी खिड़की को खोलकर मौसी को देखकर मुठ मारता था। कभी कभी जब मौसी सो रही होती थी। मैं उनके गांड पर मुठ मार कर झाड़ आता था। एक दिन मैं बैठा ब्लू फिल्मदेख कर मुठ मार रहा था। मौसी खिड़की से देख रही थी। लेकिन मुझे नहीं पता था। मैंने दरवाजा तो बंद किया लेकिन खिड़की बन्द करना भूल गया। मौसी मेरी सारी करतूत देख रही थी। मैं मुठ मार कर रूम से निकला ही था। की सामने मौसी बैठी थी। मुठ मारने की बात मौसी को पता थी। लेकिन मुझे नहीं पता था। कि मौसी को ये बात पता होगी। मौसी ने मुझे अपने पास बुलाया।
मौसी-“मुझे पता है तू पढ़ने में क्यूँ कमजोर है”। मैंने नॉर्मली मौसी से कहा-“क्यूँ???”।
मौसी-“तू अपनी करतूतों की वजह से हमेशा पढ़ाई में पीछे रहता है”।
मैंने कहा-“मौसी मैंने क्या किया है??”।
मौसी-“कमरे में क्या कर रहे थे”। मैं-“बैठा था और क्या कर रहा था”।
मौसी-” अच्छा बेटा तू मुझे उल्लू समझ रहा है” चल ज्यादा होशियार न बन।
मै समझ गया मौसी ने मुझे मुठ मारते ही देखा होगा।
मौसी-” बेटा ये सब करने से इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है”।
मै-” मौसी मै वो कभी कभी कर लेता हूँ”। फिर मौसी ने मुझसे जो कहा मैं दंग हो गया।
मौसी-“और जब मै सो रही होती हूँ। तो ढेर सारा माल मेरी गांड पर तेरे मौसा गिरा कर जाते हैं”। मै-“मौसी,…वो..वो..कहकर चुप हो गया”। मेरी मुँह से कुछ आवाज जी नहीं निकल रही थी। मैं मौसा के साथ काम पर बहुत कम ही जाता था।
मौसी-” देखो शशांक बेटा, अभी तुम ये सब ना करो तो ही बेहतर होगा। अभी तुम अपने कैरियर पर ध्यान दो”।
मै-“मौसी मै कभी कभी ही कर लेता हूँ”।
मौसी-“तुमने अभी तक सेक्स नहीं की है क्या???”।
मै-” नहीं’। मौसी-“तुमने अगर सेक्स किया होता तो तुम्हे ये सब करने की जरूरत ही नहीं पड़ती”।
मौसी को क्या पता था कि मैं चुदाई में कितना माहिर हूँ”।
मौसी ने कहा-“आज मैं तुम्हे चुदाई के बारे में सिखाती हूँ”।
मैंने कहा-“मौसी चुदाई में तो दो लोग होते हैं। एक लड़का एक लड़की होना जरूरी है”। मौसी-“मै हूँ ना”। अभी तुम्हे सिखाती हूँ। मैं अभी फ्रेश होकर आती हूँ।
मौसी ने अपने रूम की तरफ गांद घुमाई। अपने कपडे उठाये और बॉथरूम में चली गई। मौसी ने कहा-“आओ मै तुम्हे अपने सामान को दिखाती हूँ”। मौसा को कभी चोदने की फुरसत ही नहीं मिलती थी। मौसा सुबह सुबह घर से निकल जाते थे। शाम को थके हारे घर आते थे। रात में मौसी को चोद भी पाते थे या नहीं। ये तो मौसी को ही पता होगा। मौसी अपने रूम में जाकर क्रीम लिपस्टिक और काजल लगा कर सज धज कर बाहर आई। लग रहा था कोई मॉडल लग रही थी।
मौसी की गाल लाल लाल लग रही थी। मौसी की होंठ पर गुलाबी रंग की लिपस्टिक बहुत ही जबरदस्त लग रही थी। मेरा मन मौसी की होंठो को चूंसने को मचलने लगा। मौसी ने मुझे अपने रूम में बुलाया। मौसी ने अपनी काले रंग की नेट वाली सलवार शूट पहन रखी थी। मैसी भी 25 साल की लग रही थी। मैं मौसी कीतरफ देख रहा था। मौसी ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया। मौसी ने अपने आधे हाथ में मेंहदी लगा रखी थी। मैंने मौसी की नाखूनों पर नेलपॉलिश लगाई थी। मौसी अपनों लंबी लंबी अंगुलियों को मेरे ऊपर चला रही थी।
मेरा लंड बेकाबू होता जा रहा था। मौसी ने अपनी अंगुलियों को मेरे होंठो पर कर। मेरे होंठो के करीब अपने होंठ ले आयी। मैंने मौसी की आँखों में चुदाई की प्यास देखा। मौसी की चुदाई की तड़प को मै आज अपने लंड से बुझाना चाहता था। मौसी की एक एक अदा मुझे जोश में ला रही थी। मेरा मन मौसी की चूत में अपना जल्दी से लंड घुसाने को करने लगा। मौसी ने अपना होंठ मेरे होंठ पर रखकर किस करने लगी। मैं कुछ देर चुप रहा।
मौसी-शशांक”मै जैसा करती हूँ। वैसे ही तुम भी करो”। मौसी ने इतना कहकर मेरे होंठो को चूसने लगी।
मै भी मौसी की होंठ को वैसे ही चूसने लगा। जैसे मौसी मेरे होंठ को चूस रही थी। मैंने मौसी की होंठो को चूस रहा था। मौसी की होंठ का रस बहुत मीठा लग रहा था। मैंने मौसी की होंठ की सारी लिपस्टिक चूस चूस कर खत्म कर दी। मौसी के होंठ अब और भी लाजबाब लगने लगा। मौसी भी अपनी होंठो से मेरे होंठ को चूस चूस कर लाल कर दिया। मौसी ने मेरा हाथ उठा कर अपने चुच्चो पर रख लिया।
मौसी की चुच्चे बहुत ही सॉफ्ट थे। मैनें मौसी की चुच्चो को पहले भी कई बार अपनी उंगलियों से छुआ था। मौसी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने चुच्चो को दबवाने लगी। मै मौसी की चुच्चो को अच्छे से दबा रहा था। मौसी भी चुच्चे दबाने से गरम हो रही थी। मौसी के चुच्चो का निप्पल बहुत ही उभरा हुआ लग रहा था।
मैंने मौसी की चुच्चो को जैसे ही दबाया। मौसी ने आंख बंद करके “आ आ आ आ..अह्हह्हह.. ..अई….अई….ईईईईईईई…इस्स्स.इस्स” की कवाज निकालने लगी। मैं भी मौसी की चूंचियों का और जोर से दबाने लगा।
मैंने मौसी की समीज को निकाल दिया। मौसी की समीज को निकालते ही। मौसी की ब्रा में चुच्चो को देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने मौसी के ब्रा को भी निकाल कर। मौसी के चुच्चो को निकाल लिया। मौसी की चूंचियो का निप्पल काला था। मौसी के निप्पल को देखते ही। मैंने मौसी के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। मौसी के दूध को पीने लगा। मौसी की चूंचियो को मसल मसल कर पीने से मौसी भी काफी गरम हो चुकी थीं।
मौसी ने कुछ मुझे पकड़ कर मेरा सर अपने चुच्चो में दबा रही थी। मैंने मौसी की चूंचियो को पीकर मौसी की सलवार का नाड़ा खोल दिया। मौसी की सलवार का नाड़ा खुलते ही सलवार नीचे खुल कर गिर गई। मौसी ने अपने टांगो को सलवार को निकाल दिया। मौसी पैंटी में बहुत ही जबरदस्त माल लग रही थी। मौसी को मैंने बिस्तर पर लिटा दिया। मौसी की टांगों को फैलाकर मौसी की पैंटी को एक किनारे करके। मौसी की चूत के दर्शन किया।
मौसी-“लगता तो नहीं है कि तू पहली बार चुदाई करने जा रहा है”।
मै-“मौसी मैंने ये सब ब्लू फिल्मो में देखा है”।
मौसी-“ठीक है तो जैसा ब्लू फिल्मो में होता है करो”।
मैंने कहा ठीक है। उसके बाद मौसी की टांगो को सिकोड़कर मैंने मौसी की पैंटी को निकाल दिया। मौसी की चिकनी चूत को देखकर मैंने उस पर अपने मुँह को लगा दिया। मौसी की चूत की दोनों पंखुड़ियां गुलाबी लग रही थी। मेरे भी लंड का सुपारा गुलाबी था। मैंने सोचा आज की मैचिंग बहुत अच्छी रहेगी। मैंने मौसी की चूत की दोनों कोमल पंखुड़ियों को अपने मुँह में रख लिया। मौसी की चूत बहुत ही गद्देदार लग रही थी। मैंने मौसी की चूत को पीना शुरू किया। चूत पीते ही मौसी की मुँह से “आई….आई…आई…. अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा…” की सिसकारियां निकल रही थी। मौसी मेरा सर इतने जोर से दबा रही थी। जैसे वो पूरा सर अंदर अपने चूत में ही डाल लेंगी।
मैं भी मौसी की चूत की अच्छे ढंग से चुसाई कर रहा था। मौसी भी अपनी अंगुलियों से चूत को मसल रही थी। मौसी की चूत और ज्यादा गुलाबी होती जा रही थी। मौसी की चूत के दाने को अपने दांतो से काट रहा था। मौसी की चूत का दाना काटते ही मौसी सिकुड़ जाती। मेरा सर जोर से अपनी चूत में दबा लेती। मैंने मौसी की चूत को चाटना बंद कर दिया। मैंने अपना पैंट निकाल कर कच्छा निकाल दिया। मैंने अपना लौड़ा मौसी के सामने कर दिया। मौसी मेरे बड़े लौड़े को देखकर बहुत खुश हुई। मौसी ने मेरे लंड को चूसते हुए।
मौसी ने कहा-“अब जल्दी से मेरी चुदाई कर”। मेरी चूत में अपना लौड़ा जल्दी घुसा दे।
मैंने एक पल भी देर ना करते हुए। अपना लौड़ा मौसी की चूत पर रख दिया। मौसी मेरा लौड़ा अंदर लेने को बेकरार थी। मै मौसी की चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा। मौसी की चूत पर लौड़ा रगड़ने से मौसी और ज्यादा गरम हो गई। मैने मौसी की चूत में अपने लौड़े को धक्का मारा। मौसी की चूत में मेरा आधा लौड़ा घुस गया।
मौसी ने जोर से चिल्लाया “आ आ आ अह्हह्हह. ..ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह… .अई…अई..अई…अई…सी..सी ..उफ्फ्फ..” । मैंने मौसी की चूत में दोबारा धक्का मारा। इस बार मेरा पूरा लौड़ा मौसी की चूत में जड़ तक घुस गया। मौसी ने अपनी चूत को तेजी से मसलना शुरू किया। मौसी की चूत टाइट लग रही थी। मौसा ने कई दिनों तक चुदाई नहीं की होगी। इसीलिए मौसी आज मुझे ज्ञान दे रही थी। मैंने मौसी की चूत में अपना लौड़ा डाल डाल कर निकाल रहा था। मौसी को भी बहुत मजा आ रहा था। मौसी भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी। मौसी की चूत को मैं जोर जोर से चोदने लगा। मौसी भी तेज आवांजो के साथ “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ…अ अ अ अ अ….आआआआ—-” चुदवा रही थी। मौसी को मैंने बिस्तर पर ही कुतिया बनाया। मौसी कुतिया बन कर चुदवा रही थी। मैं भी मौसी की कमर को पकड़ कर मौसी की चूत में अपना लौड़ा घुसा घुसा कर निकाल रहा था।
मौसी की चूत का कचरा हो गया। मौसी ने अपनी चूत में से पानी निकालना शुरू किया। मैँने मौसी की चूत के पानी से अपनी प्यास बुझाई। मैंने मौसी की चूत से अपना लौड़ा निकाल कर मौसी की गांड में डालने लगा।
मौसी ने कहा-“आराम से डालना बेटा। बहुत दर्द होता है”।
मै-“ओके मौसी बहुत धीऱे ही डालूंगा”। इतना कहकर अपना लौड़ा मौसी की गांड के छेद पर लगा दिया। मौसी की गांड बहुत ही टाइट थी। इसीलिए मौसी वार्निंग दे रही थी। मौसी की गांड में मैंने बार धक्का मारा। मेरे लौड़े का सुपारा ही अंदर घुसा था। कि मौसी की मुँह से दर्द भरी आवाज “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ…ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा… ओ हो हो…” निकल पड़ी। मैंने मौसी की गांड को चोदना तेज किया।
मौसी की गांड को मैंने फाड़ डाला। मैं बिस्तर पर लेट गया। मै अपने लंड को हाथ से पकड़ कर मुठिया रहा था। मौसी भी अपनी गांड को मेरे लंड पर रखने के लिए मेरे ऊपर चढ़ गई। मौसी ने अपनी दोनों टांगो को फैलाया। मेरा लंड खंभे की तरह खड़ा था। मौसी ने अपनी गांड के छेद को मेरे लंड से सटाकर उस पर धीऱे धीरे बैठ गई। मेरा पूरा लंड अपनी गांड में घुसा लिया। मेरे लंड पर मौसी उछल उछल कर गांड चुदवाने लगी। मौसी के तेज तेज से लंड पर उछलने से मेरे लंड का प्रेसर बन गया। मेरा लंड अब पानी छोड़ने वाला हो गया।
मै-“मौसी मैं अब झड़ने वाला हूँ”। इतना कहा ही था।
मौसी-“मेरी मुँह में गिरा दे अपना माल”। इतना कहकर मौसी मेरे लंड से उतर कर मेरा लंड चूसने लगी। मैंने मौसी की मुँह में सारा माल गिरा दिया। मौसी ने मेरा सारा माल पी लिया। मौसी की गांड की चुदाई कर मुझे बहुत मजा आया। मौसी भी गांड चुदवाकर बहुत खुश थी। मै बिस्तर पर ही मौसी के ऊपर नंगे ही कुछ देर लेटा रहा। मौसी भी मुझे चिपक कर लेटी थी। मैं मौसा के जाने के बाद रोज मौसी की चुदाई करता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।