यारों, मेरा नाम रामकुमार यादव है। मैं लखनऊ में रहता हूँ। हम लोग पुस्तैनी इटावा के रहने वाले है। अपनी सच्ची कहानी आपको बता रहा हूँ। 4 साल पहले मैंने अपने बड़े लड़के सोनू की शादी की। मैंने सोनू से पुछा की वो शादी कहाँ से करेगा। इटावा में कई अच्छी 2 लड़कियां थी। सोनू ने कहा कि वो गांव की लड़की नही लाएगा। क्योंकि गांव की लड़की उसके बच्चों को पढ़ा नही पाएगी।
इसलिए।मेरे परिवार ने मन बना लिया की उसकी शादी हम लखनऊ से करेंगे। मेरी बहू का नाम निम्मी था। जब मेरे बेटे सोनू ने उसे देखा तो पहली नजर में ही उसका दीवाना हो गया था। वो बड़ी खूबसूरत थी। उसका गोल चेहरा था। बड़ी 2 आँखे थे। गुलाबी गाल थे। हमारा पूरा परिवार सोनू के साथ उसे देखने गया था।
वो खुद हम लोगों के लिए चाय नाश्ता लायी। सोनू को वो भा गयी। जबकि निम्मी के घर वाले शादी में सिर्फ 2 लाख कैश ही दे रहे थे। जबकी दूसरी जगहों पर हमें 5 6 लाख कैस मिल रहा था। निम्मी से शादी करना एक घाटे का सौदा था। पर।गोल चेहरे वाली निम्मी मेरे बेटे सोनू को इतना पसंद आ गयी की वो जिद करने लगा की यही शादी करेगा। मैं हार गया और हम शादी को राजी हो गए।
शादी हो गयी। जब सुहागरात आयी तो मेरे बेटे सोनू की भाभियां उसे कमरे में छोड़ने गयी। उसके कमरे को गुलाब के फूलों से सजा दिया गया था। जब सोनू अंदर गया तो निम्मी किसी से फोन से बात कर रही थी।
किसका फ़ोन है?? सोनू ने पूछा
वो मेरी एक सहेली का फोन है। शादी की मुबारकबाद दी है निम्मी ने बताया
सोनू ने सर।हिला दिया। उसने ट्यूब लाइट बन्द कर दी और नाईट लैंप जला दिया। निम्मी शादी के जोड़े में क्या झकास मॉल लग रही थी। वो एकदम कड़क मॉल लग रही थी। एकदम चोदने को तैयार कड़क मॉल। मेरे बेटा सोनू कबसे सिर्फ निम्मी के ही सपने।देख रहा था। फाइनली उसकी।शादी निम्मी जैसी बला की खूबसूरत लड़की से हो गयी थी। सोनू बेहद खुश था।
शादी के लाल रंग के जोड़े में निम्मी बिलकुल कमल का फूल लग रही थी। उसके लिए हम पच्चीस पच्चीस हजार के दो लहंगे लाये थे। निम्मी गजब का माल लग रही थी। उसे देखते ही सोनू पागल हो उठा। वो होश खो बैठा और निम्मी को बाँहों में भरने लगा। अचानक निम्मी ने उसे झटका दे दिया और दूर कर दिया। सोनू चौक गया।
इतनी भी जल्दी क्या है?? हमे सब कुछ आराम ने धीरे 2 करना चाहिए! निम्मी बोली
सोनू खुश हो गया कि उसकी बीबी कितनी सती सावित्री है। आखिर रात होने लगी। ना चाहते हुए भी उसने निम्मी को पकड़ लिया और उसका लाल रंग का लहंगा खींच दिया। निम्मी नंगी हो गयी। उसके मम्मे भी उसके चेहरे की तरह बड़े 2 गोल गोल थे। मेरे बेटे सोनू का लण्ड शख्त हो गया। आज मेरा जवान बेटा सोनू मेरी प्यारी बहू निम्मी को जी भरकर चोद लेना चाहता था।
उसने ये अरमान करीब 2 महीने पहले ही पाल लिया था। जिस दिन उसने निम्मी को देखा था तबसे वो उसका और उसकी रसीली छूट का दीवाना हो गया था। सोनू का बस चलता तो निम्मी को जिस दिन देखने गया था उसी दिन उसके घर में चोद के सुहागरात मना लेता। रात के 2 बजे सोनू पागल हो गया। उसने निम्मी के मस्त चुचो को हाथ में ले लिया। बहुत मुलायम और नरम छातियां की निम्मी की। सोनू खुद को नसीब वाला मान रहा था।
वो प्यासे आदमी की तरह निम्मी के गोल गोल छतियों को पिने लगा। अब मेरा बेटा सोनू मेरी बहू को जल्दी से जल्दी।चोद लेना।चाहता था। सोनू इस बात को लेकर निश्चिन्त था कि निम्मी कुंवारी होगी। उसके बाप ने बताया था कि उसने कभी अपनी लड़की को छत पर भी नही चढ़ने दिया। उसने अपनी जवान लकड़ी को कभी अकेले नही छोड़ा की कहीं कोई लड़का उसे ना पता ले। और कहीं कोई उसे चोदकर उसकी सील ना तोड़ दे।
इसलिए सोनू बेफ़िक्र था कि निम्मी कुवारी और एकदम कड़क मॉल होगी। मेरे बेटे सोनू ने बेड पर एक सफ़ेद।चादर बिछा दी थी। की कहीं सील तोड़ते समय खून बेडशीट पर ना लग जाए। हालांकि निम्मी आज पहली रात को चूदने के मूड में नही थी। वो बार बार कह रही थी कि पहले दोस्ती कर लेना चाहिए फिर चूत चुदाई की रस्म होनी चाहिए। पर सोनू की बेसब्री के आगे निम्मी की एक ना चली।
सोनू उसके दुधभरे संगमरमर से मम्मे पिने के बाद नीचे बढ़ गया। निम्मी की नाभि बहुत कमनीय और खूबसूरत थी। सोनू उसकी नाभि में जीभ डालने लगा। निम्मी गर्म होने लगी। सोनू और नीचे बढ़ा। वो उसकी नर्म।चूत को चाटने लगा। निम्मी ने बाल शफा साबुन से अपने अंदर के बाल बना रखे थे। उसकी रासिली चूत देखकर सोनू तरस गया। कबसे वो निम्मी की चिड़िया के दर्शन करना चाहता था। आज बहुत इंतजार करने के बाद वो दिन आया था।
आज निम्मी की चिड़िया उसके सामने थी। निम्मी की भग शिश्न देखकर मेरे बेटे सोनू की बांछे खिल गयी। वो उसके भग शिश्न को चूमने चाटने लगा। उफ़ क्या गुलाबी चूत के ओठ थे। सोनू दीवाना हो गया था। मेरे बेटे सोनू ने अपना अंडर वेअर निकाल दिया और मेरी जवान बहू को चोदने के लिए तैयार हो गया। निम्मी भी ना चाहते हुए आखिर चुदवाने को तैयार हो गयी थी। जबकि निम्मी ने हम सभी से एक बात छिपा ली थी।
मेरे बेटे सोने ने अपने सांड जैसै लण्ड को निम्मी की रसभरी चूत पर रखा और पेल के धक्का मारा। लण्ड सीधा गच्च से उसकी छ
चूत में धंस गया। ना ही कोई सील टूटी। ना ही कोई खून निकला। निम्मी साली! माँ की लौड़ी पहले ही चुद रखी थी। मेरे बेटे सोने को समझ आ गया की जो फूल ये लाया है उसे तो कोई पहले ही सूंघ चूका है। मेरा बेटा सोनू बड़ा उदास हो गया। इस नई बहू को वो चोदे की ना चोदे। उसे कुछ समझ नही आ रहा था।
सोनू प्यार का पैगाम लेकर सुहागरात मानाने गया था। वहां उसे पता चला की निम्मी पहले की किसी लड़के के साथ सुहागरात मना चुकी है। प्यार नफरत में बदल गया। निम्मी के।चक्कर में हम लोगों ने 6 लाख वाली पार्टी छोड़ दी थी। सोनू का खून खौल गया। अब वो निम्मी को एक छिंदरी मानने लगा। अब मेरा बेटा सोनू उसे रंडियों की तरह चोदना चाहता था। सोनू ने बिना किसी प्यार के एक घण्टे तक निम्मी की ढीली चूत में अपने लण्ड को घिशा और पानी चोद दिया। उसकी चूत बिलकुल ढीली थी।
सुबह होने पर मेरे बेटे ने मुझे सारी बात।सच सच बतायी की निम्मी जरा भी कसा मॉल नही थी।
अब वो जैसी है तुझे निभाना है मैंने सोनू से कहा।
धीरे 2 दिन गुजरने लगे। मेरे बेटे सोनू ने मन मार लिया और निम्मी से ज्यादा पूछताछ नही की कि वो किस्से किस्से चुदवाकर आयी है। क्योंकि वो निम्मी को बहुत पसंद करता था। दिन बीतने लगे। कुछ दिन बाद निम्मी जब नहाने जाती तो फ़ोन लेकर बाथरूम में घुस जाती। और घण्टे 2 बाद निकलती। मेरी पत्नी को शक हुआ। वो पता लगाने लगी। पर पता नही चला। हम सभी घरवाले परेशान हो गए।
तू फोन लेकर बाथरूम में क्या करती है निम्मी?? मेरी पत्नी ने पूछा तो वो बिगड़ गयी। धीरे 2 हमे उसपर शक होने लगा। लगा की वो अपने किसी यार से फसी है। एक दिन मेरे बेटे सोनू ने उसे रात के 3 बजे अपने आशिक़ से बात करते पकड़ लिया।
जब तू पहले से ही अपने यार से फसी थी मुझसे क्यों शादी की कुटिया?? यहाँ क्या अपनी माँ चुदवाने आयी है?? सोनू बिगड़ गया और उनसे निम्मी अल्टर के गुलाबी गालों पर चांटे जड़ दिए।
निम्मी घबड़ा गयी।
प्लीज किसी को ये बात मत बताना! वो मेरे बेटे सोनू के हाथ जोदने लगी।
तुम जो कहोगे मैं वो करने को तैयार हूँ! मेरी अल्टर बहू ने कहा।
सोनू मेरे पास आया और उसने बताया कि उसका कोई आशिक़ है। उसी से वो शादी के 5 साल पहले से चुदवाती रही है।
अरे! ये तू भसूदी हो गयी!! मैंने कहा। जब ये मेरी बहू 5 सालो से चुदवा रही है तो ये कौन सी बहू। ये तो छिनार है तब तो। पिताजी आप भी कमरे में चलो! मेरे बेटे सोनू ने अल्टर और छिनार निम्मी को सामूहिक रूप से चोदने का निमंत्रण दिया।
ठीक है अपने चाचा को भी बुला ले सोनू! मैंने कहा।
ठीक रात के सवा 3 बजे मैं अपने बेटे सोनू, और अपने छोटे भाई नानके को लेकर निम्मी के कमरे में गया। मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। निम्मी की गाण्ड फट गई। तीन तीन मर्दो को देखकर उसकी माँ चुद गयी। उस रंडी को देखकर मेरा खून खौल गया। देखने में लगता है कितनी सीधी है, पर अंदर से एक नम्बर की आवारा और चुद्दकड़ है राण्ड मैंने लाल आँखों से तिलमिलाकर कहा और उस कामिनी के बाल पकड़ कर मैंने उसे छप्पड़ ही छप्पड़ मारे। निम्मी रोने लगी।
पापा! सबसे ज्यादा आपको नुकसान हुआ है। इस रंडी को पहले आप ही चोदो।
सोनू बोला
मैंने 5 6 छप्पड़ निम्मी को और जड़ दिए।
अरे रंडी! रो रोकर मगरमछ के आंसू दिखाती है। अब हम तेरे झांसे में और नही आने वाले!! मैंने कहा और अपनी छिनार पर बेहद गजब की मॉल निम्मी का ब्लाउज मैंने फाड़ दिया। मेरे सिर पर खून सवार था। फिर मेरे हाथ उसकी साड़ी पर गया। मैंने खीचकर उसे भी निकाला दिया।
पिताजी! मुझसे माफ़ कर दीजिये! अब मैं दोबारा ऐसा नही करुँगी!! निम्मी रोने लगी। मेरे हाथ जोड़ने लगी।
साली अल्टर! रात में छिप छिपकर अपने आशिक़ से बात करती है और माफ़ी मांग रही है!! मैं चीख पड़ा और मैंने अपनी बहू का पेटीकोट फाड़ दिया। अब वो नंगी हो गयी और सफ़ेद ब्रा और चड्ढी में हो गयी। सच में मेरे सिर पर खून सवार था। मैंने उसके बाल खीच दिए। बाल खुल गए। मैंने उसके बाल पकड़े और लात मुकू से रंडी का हुलिया बिगाड़ दिया।
मैंने एक झटका और दिया और उसकी ब्रा और पैंटी फाड़ दी। निम्मी रोने लगी और बचने के लिए बेड के नीचे छिप गयी।
पकड़ो साली को!! मैंने सोनू और अपने छोटे भाई ननके से कहा। मेरे घर में खासा बवाल मच गया। मेरी तीन बेटियों , मेरे दूसरे बेटे, मेरी पत्नी जाग गयी। पर हम लोगों ने दरवाजा अंदर से बंद कर रखा था। सब परेशान हो गए और दरवाजा पीटने लगे।
सोनू और नानके ने रांड को खीचकर निकाला। निम्मी लगातार रोई जा रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और उसे ज़मीन के फर्श पर पटक दिया। उसका सिर फट गया।
साली रंडी! तेरी इतनी हिम्मत की शादी के बाद भी अपने पुराने यार से छिप छिप कर बात करती है!!! बहुत चुदासी है ना तू! तुझे दो दो लण्ड खाने है!! आज तू एक साथ 3 लण्ड खाएगी मैं चिल्लाया
मैंने उसकी टांग खोल दी और उसके भोंसड़े को देखने लगा।
हाय हाय!! मादरचोद!! क्या हाल करवाके आयी है अपनी भोंसड़े का?? बिलकुल फटा है!! इसे तो कोई मोची भी नही सील सकता है!! मैंने चीख पड़ा।
मैंने फिर से अपनी बहू निम्मी पर लात घूसों की बौछार कर दी। मैं आगबबूला हो गया। मैंने अपना पूरा हाथ कोहनी तक अपनी अल्टर बहू के फ़टे भोंसड़े में डाल दिया। निम्मी दर्द से कराह दी।
ले रंडी!! आज तू इतना चुदेगी की अपने पुराने आशिक़ को भूल जाएगी!! मैं चिल्लाया। और उसकी चूत में हाथ चलाने लगा। सोनू और मेरा भाई नानके डर गया ये देखकर की कहीं इसकी चूत ना फट जाए। मैंने कोहनी तक हाथ निम्मी के भोंसड़े में पेल दिया। बुर बहुत बड़ी हो गयी। चूत की चमड़ी रबर की तरह खिंच गयी।
तुझे तो मैं आज मार ही डालूंगा रंडी!! मैं चिखा और हाथ अंदर बाहर करने लगा।
निम्मी की चूत का चबूतरा बन गया। उसकी चूत रबर की तरह खिंच गयी। लगा कहीं फट ना जाए। लगा जैसे उसकी चूत से बच्चा निकलने वाला है। निम्मी जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगी पिताजी! माफ़ कर दो!! माफ़ कर दो!! दोबारा अपने यार से नहीं बात करुँगी। पर मैंने एक नही सुनी। आधे घण्टे तक मैं निम्मी के भोंसड़े में कोहनी तक हाफ अंदर बाहर करता रहा।
फिर उसे मैंने 1 घण्टे चोदा बिना किसी कंडोम के अपने नंगे लण्ड से। फिर उसकी गाण्ड की बारी आई। मैंने ये नही देखा की रंडी दर्द से मर रही है या नही। मैंने फिर से कलाई तक हाथ उसकी गाण्ड में दाल दिया बिना किसी तेल क्रीम के। निम्मी छिनार की माँ चुद गयी। रोते रोते उसका बुरा हाल हो गया।
मैंने उसके बाल पकड़ के खूब छप्पड़ मारे। उसके बहुत से बाल टूट गए। फिर मैंने पौन घण्टे तक अपनी अल्टर बहू की गाण्ड चोदी। उसके बाद मैंने अपना सफ़ेद पाजामा पहन लिया और नारा बांध लिया। फिर सोनू ने राण्ड को 1 घण्टे चोदा। छिनार और आवारा निम्मी अधमरी हो चुकी थी।
चल नानके चोद साली को!! मैं गुर्राया
नानके ने भी अपनी नीली पैंट की बेल्ट खोली। पन्त उतार के दिवार की खूटी पर टांग दी और अल्टर निम्मी को एक घण्टे तक चोदा।
मेरी पत्नी निम्मी का रोना सुनकर दरवाजा पीटती रही। पर हमने नही खोला। सुबह 8 बजे हम तीनों ने दरवाजा खोला। मैंने अपनी पत्नी को सब बताया। 2 महीने बाद मेरे लड़के सोनू ने तलाक ले लिया, उस छिनार को छोड़ दिया। और एकदम नयी मॉल से शादी कर ली।
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