दोस्तों पहले तो आप सबों को होली की बहूत बहूत शुभकामनाये, आपको आने बाले समय में नई नई चूत मिले चोदने के लिए, आप जिसको चाहते हो वो इस साल चुद जाये आपसे. शायद आप दोस्तों की शुभकामनाये लग लग है मुझे क्यों की अभी अभी अपने बहन को चोदा हु, दोस्तों मैं अपने दीदी के बारे में सोच कर रात में मूठ मार करता था, मुझे कोई और लड़कियां अच्छी नहीं लगती, मैंने भी ठान लिया था की मैं अपने दीदी को जरूर चोद चोद कर अपना माल उनके चूत में डालूंगा.
अब मैं आपका टाइम ख़राब नहीं करूँगा और सीधे कहानी पर आता हु, आज सुबह की बात है,,,, ओह्ह्ह एक मिनट दोस्तों पहले मैं अपनी बहन के बारे में बता देता हु. मेरी दीदी का नाम आँचल शर्मा है, हम लोग दिल्ली में रहते है. आज सुबह ही मैं दो पेग बना लिए, और मैं भी पि और अपने दीदी को भी दिया, पाप और मम्मी घर पर नहीं है, वो दोनों नानी के यहाँ गए है, क्यों की मामा जी की तबियत ख़राब हो गई थी परसों, इसलिए आज होली पर हम दोनों भाई बहन ही घर पर हैं, हम भाई बहन पब में भी जाकर कई बार शराब पियें है. मेरी बहन आज कल को मॉडर्न हेरोइन है, खुले विचार की है, पर एक बात है उनका कोई बॉय फ्रेंड नहीं है, वो कहती है, मेरा बॉय फ्रेंड कुछ अलग ही होगा. सब से अलग, पर मुझे क्या, हो या ना हो. आज से तो चूत चोदने की शुरुआत हो गई है, और शायद ये हमेशा चलते रहेगा.
मेरी दीदी बहूत ही सेक्सी जिस्म की मालकिन है, उनकी ब्रा की साइज ३४डी है, कमर पतली है पर चूतड़ बाहर की तरफ निकलने हुए जाँघे मोटी, गोरा बदन, आँखे नशीली, चूच बड़ी बड़ी सुडौल सी. गजब की मस्त माल है, जब मैं उनके होठो को पहले देखता था जो की गुलाबी रंगत की है. मजा आ जाता था, लगता था चूस डालूं. आज सुबह हम दोनों ने एक एक पेग लिया, और मैं नहाने बाथरूम में जाने लगा, तभी वो पीछे से एक बाल्टी पानी मेरे ऊपर डाल दी. मैं हड़बड़ा गया, और मैं सिर्फ तौलिये लपेटे हुए थे, अंदर वियर भी नहीं पहना था, तौलिया मेरा खुल गया और गिर गया, मैंने तेजी से बहन के तरफ भागा वो तुरंत ही बैडरूम में भागकर चली गई. मैंने पीछे पीछे, पर मुझे पता ही नहीं चला की मैं बिना तौलिये के था मैं नंगा था, वो मुझे देखकर जोर जोर से हंसने लगी. मेरी नजर जब मेरे लण्ड पर पड़ी तो मैं लजा गया, पर वो बहूत ही नार्मल थी, मैं जब उनको देखा वो अंगूठा दिखा रही थी . मैं भी कहा रुकने बाला मैंने अपने बहन को जोर से पकड़ लिया, वो तुरंत ही छटक कर घूम गई. उनकी गांड मेरे लण्ड के पास टिक गई. मोटी गांड चौड़ी सी जब मेरे लण्ड में सटा मेरा लण्ड फनफना कर बड़ा हो गया, मैंने अपना लण्ड अपने दीदी के गांड में रगड़ दिया, और आगे हाथ कर के, चूचियों को दबा दिया, मुझे पता ही नहीं चला उससे अच्छा लगा की ख़राब, मुझे लगा की कही गुस्सा ना हो जाये, इसलिए मैंने कहा बुरा ना मानो होली है, उन्होंने कहा पर मैं तो बुरा मानूगी, मैंने कहा सॉरी दीदी, वो बोली ऐसे काम नहीं चलेगा, मुझे तुमने गरम कर दिया है, और आज तुम्हे चोदना पड़ेगा, वो बहसि आँखों से मुझे देख रही थी.
इतना सुनते ही मैं झपट पड़ा, उनके गुलाबी होठ को चूसने का खुलेआम ऑफर मिल गया था, मैंने उनके होठ को चूसते चूसते उनके चूचियों को मसलने लगा वो भी मेरे बाल को पकड़ पर अपना जीभ मेरे मुह में डाल रही थी, मेरे होठो को लॉक कर रही थी , मैंने उनके बदन को टटोलना शुरू कर दिया, वो आह आह आह करने लगी. आई लव यू करण, आज बुझा दे अपनी बहन की चूत की गर्मी, मैं बहूत तड़पती हु, तेरी याद में, रोज रात को अपने चूत को सहलाकर सो जाती हु, मैंने अगर किसी से चुदने के सपने देखि तो वो तुम हो. फिर क्या था दोस्तों मैंने तुरंत ही, दीदी के कपडे उतार दिए, वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में आ गई. मैंने बेड पे लिटा दिया और ऊपर से लेके निचे से जीभ से चाटने लगा. वो खुद ही अपना ब्रा खोल दी.
उनकी चूचियां को दखकर मैं पागल हो गया, बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियां और ऊपर से पिंक कलर के निप्पल ओह्ह्ह मैं तुरंत ही अपने मुह में ले लिया, और चूसने लगा. मेरी दीदी आह आह करने लगी. फिर दीदी बोली करण क्या तुम सिर्फ मेरा ही चुसोगे, अपना नहीं चुसवाओगे, मैंने कहा क्यों नहीं और मैंने अपना लण्ड दीदी के मुह में डाल दिया, वो मेरा लण्ड चूसने लगी. मेरा लण्ड को ऐसे चूस रही थी जैसे की इससे बढ़िया चीज कोई हो ही नहीं सकती, मेरे बदन में करंट दौड़ रहा था, मैंने कहा दीदी मुझे आपका चूत चाटना है तो दीदी बोली किसने मना किया है, मैं तुरंत ही 69 पोजीशन में आ गया, वो मेरा लण्ड चूस रही थी मैंने उनका चूत चाट रहा था, उनके चूत से नमकीन पानी निकल रहा था मैं पानी को चाटे जा रहा था.
तभी दीदी बोली अब बर्दास्त नहीं हो रहा था, मुझे लण्ड चाहिए, मैंने कहा ठीक है, और उनका दोनों पैर फैला दिया और चूत पर लण्ड को रखकर, जोर से धक्का मारा पर लण्ड इधर उधर हो गया, फिर मैंने अपना लण्ड को चुद के छेद पर लगाया और जोर से धक्का मारा पूरा लण्ड दीदी के चूत में समा गया, अब वो तो पागल हो गई, वो जोर जोर से अपना गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. अपनी चूचियां खुद ही मसलने लगी. मैं भी कहा कम था, मैंने भी कहा रंडी आज तुम्हे बताता हु, और मैं गालियां दे दे के लण्ड को चूत के अंदर पेलने लगा. वो भी मुझे गाली देने लगी. कह रही थी बहनचोद आज देखती हु तेरे में कितनी गर्मी है. और दांत पीस पीस कर गाली दे रही थी कभी होठ को अपने दांतो से काटती कभी मुझे चूमने लगती.
फिर वो मुझे निचे कर दी और मेरे लण्ड पर बैठ गई. अब जोर जोर से उछाल उछाल कर अपने चूत में मेरा लण्ड लेने लगी, फिर मैंने अपने दीदी को कुतिया बना दिया और चूतड़ पर जोर जोर से थप्पड़ मारते हुए चूत में लण्ड पेलने लगा. और फिर मेरा लण्ड तेजी से अंदर बाहर होने लगा. और जोर जोर से मेरे मुह से आवाज निकल रही थी. वो भी हाय हाय हाय कर रही थी. और फिर दोनों साथ झड़ गए, वो निचे हो गई मैं उनके ऊपर ही लेट गया.
तभी बेल्ल बजा, मैं तुरंत ही तौलिया लपेट लिया और मेरी दीदी भागकर, बाथरूम में चली गई. पड़ोस की नेहा दीदी मुझे रंग लगाने लगी. और मैंने भी रंग नेहा दीदी को लगाया, और तब तक दीदी भी कपडे पहन कर आ गई.
दोस्तों आज पहली बार चुदाई कर के इस होली में मजा आ गया शायद ये होली मैं कभी भी नहीं भुला पाउँगा. मेरी इस साल की होली अच्छी गई और उम्मीद है अब हम दोनों भाई बहन रोज चुदाई करेंगे,
आज की कहानी कामुक स्टोरी डॉट कॉम पर :
holi sex, bahan ki chudai holi me, fagua me chudai, sex holi, holi sex kahani,, sexy story holi me, ghar me chudai, holi sexy kahani,