Train Sex Story : हेलो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।
मेरा नाम शकीना है। मै अहमदाबाद में रहती हूँ। मैं मेडिकल की तैयारी राजस्थान (कोटा) से कर रही हूँ। बहुत सारे लड़के मेरी जवानी के पीछे पड़े है। अभी अभी ही तो मैं जवान हुई हूँ। मेरी उम्र 22 साल की है। मेरी फिगर 32,26,34 है। मेरी बॉडी फिट है। मै बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती हूँ। जो भी मुझे देखता है। उसका लंड मुझे जरूर सलाम करता है। मेरी बूव्स बहुत ही मुलायम बिलकुल मक्खन की तरह हैं। अभी अभी ये बड़ी हुई है। मेरी चूत रसमलाई जैसी है। जो भी चाटता है हमेशा चाटने को परेशान रहता है। मेरी चूत का रस बहुत ही मीठा है। मेरी गांड बहुत ही गोल मटोल है। मुझे जो भी देखता है। मेरी हुस्न का दीवाना हो जाता है। वो मुझे चोदने की सोचने लगता है। मैं भी अब तक कई लोगो से चुदवा चुकी हूँ। मेरी पड़ोस के सारे लड़के मुझे चोद चुके हैं। क्या करूं ये चूत की प्यास मिटती ही नहीं है। दोस्तों मकी अब अपनी कहानी पर आती हूँ। ये मेरी साथ ट्रैन में हुई सच्ची घटना है।
दोस्तों मैं घर से कोटा को जा रही थी। मैंने टिकट नहीं लिया था। अचानक उस दिन ट्रैन में एक टी.टी आ गया। वो उस दिन टिकट चेक करने लगा। मुझे बहुत डर लग रहा था। मैंने जल्दबाजी में टिकट लेना भूल गयी थी। देर भी हो रही थी। ट्रैन भी छूटने वाली थी। मैं जल्दी से आ के ट्रैन में बैठ गयी। सोचा था कोई टी.टी आएगा उससे पहले मैं बात कर लूंगी। लेकिन जब टी.टी मुझसे टिकट माँगा तो मैंने सब बताया। उसने कहा सभी का यही बहाना होता है। वो मेरी जवान गोरे बदन को घूर घूर के देख रहा था। लगता था अभी ये मुझे चोद डालेगा। उसका नाम रमेश था। मैंने उसके हाथ में बंधे ब्रासलेट पे पढ़ा। उसने कहा- चलिए मैडम नीचे उतरिए! मैंने बहुत मनाया लेकिन वो नहीं माना। ट्रैन स्टेशन पर रुकी थी। मैंने नीचे उतर कर उसके पैर को पकड़ने लगी। मैंने कहा जितने पैसे कहो मै दे दूं तुम्हे। लेकिन वो नहीं माना उसने मुझे अपने साथ ले जाके अपने पास बिठा लिया। मुझे डराने धमकाने लगा। मै बहुत डर गयी थी। अब कोटा ज्यादा दूर भी नहीं था। लेकिन मेरे पास सामान भी बहुत था।
मुझे सबसे पीछे डिब्बे में ले गया। वो डिब्बा खाली था। मैं वहाँ जाकर चौंक गयी। बोला- मै तुम्हे छोड़ दूंगा लेकिन उसके लिए तुम्हे जो मैं कहूंगा करनी पड़ेगी। डर के मारे मैंने हाँ कर दिया। वो डिब्बे में ले गया ट्रैन भी चल दी थी। उसने मुझे अपने साथ सेक्स करने को कहा। मैंने न बोलते हुए उसे देखने लगी। वो मुझे ऊपर से नीचे तक ताड़ रहा था। उसने मुझे समझाया तुम मेरे लंड की प्यास बुझा दो। यहां कोई देख थोड़ी ना रहा की हम दोनों सेक्स कर रहे हैं। वो मेरे पास आकर मेरी जिस्म पर हाथ फेरने लगा। मैं कुछ नही बोल रही थी। रमेश मेरी रेशम जैसे बालों को छूते हुए अपना हाथ मेरी चूत के तरफ ले जा रहा था। मेरी बूब्स पर हाथ आते ही वो रूक गया उसने बूब्स को दबाते हुए अपना हाथ मेरी चूत पर रख दी। मेरी सांस तेज हो गई। वो मेरी होंठो पे अपनी अंगुलिया रख कर मेरी रसगुल्ले जैसे होंठो पे अपने होंठ को रख कर चूसने लगा। मेरी होंठो के रस को को निचोड़ कर चूस रहा था। मै अब चुपचाप अपने होंठो को चुसवाती रही। मेरी होंठो को चूसते चूसते वो मेरी बालों को सहला रहां था। मैं धीरे धीरे गरम हो रही थी। मेरी धड़कने तेज हो गयी। मेरी चूत में खुजली होने लगी। मैं गरम गरम सांस छोड़ने लगी। वो मेरी बूब्स को भी दबा रहा था। मैं भी अब उसका साथ देने लगी। मैं भी अब उसको किस कर रही थी।
उसके होंठो को चूस रही थी। अब क्या था उसने मेरी होंठो को काट काट कर चूंसना शुरू किया। मैं भी अब चुदने को बेकरार होने लगी। मेरी चूत अपना पानी छोड़ रही थी। मैं भी उसे कस के पकड़ लिया। मै शीट पर लेट गयी। वो मेरी ऊपर लेट कर मुझे किस करने लगा। कुछ देर बाद उसने शीट पर बैठ कर मुझे अपने खड़े लंड पर बिठा लिया। खिड़की से बहुत ही अच्छी हवा आ रही थी। फिर भी हम पसीने से भीग रहे थे। वो मेरी चूंचियों को दबा रहा था। उसका हाथ मशीन की तरह मेरी बूब्स को जल्दी जल्दी दबा रहा था। मैं ऊपर की सामान रखने रैक को पकडे हुए थे। मेरा दोनों हाथ ऊपर था। वो पीठ पर किस कर रहा था। मैं सी… सी …सी… सिसकारियां ले रही थी। वो मुझे खड़ा करके मेरी बुर्खे को निकाल कर मेरी समीज उतार कर ऊपर रख दिया। मुझे ब्रा में देख कर उनके होश उड़ गए। वो कहने लगा काश मै इनको रोज देख पाता। इतना कह कर वो मेरी बूब्स को अपने हाथों में लेकर खेलने लगा। उसने कहा मैं इनके साथ रोज खेलना चाहता हूँ। कहते कहते वो अपनी मेरी बूब्स के निप्पल पर रख के पीने लगा। मेरी चूंचियों को दबाते हुए वो मेरी दूध को दूधमलाई की तरह पीने लगा।
मै गर्म हो गई और कहने लगी- “ओह्ह्ह्ह अम्मी अम्मी …..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ अम्मी ……चूसो चूसो…..और चूसो—मेरे मम्मो को—अच्छे से चूसो” आह…आह….सी…..सी चूस लो आज मुझे पता था तू आज मुझे चोदने को परेशान हो रहा था। मैं अपनी चूत आज तुझे दे रही हूँ। चूस अब मेरी चूंचियों को अच्छे से चूस चूस। वो मव्री निप्पल को काट काट कर चूंसने लगा। मेरी निप्पल बहुत ही सॉफ्ट थी। मेरी निप्पलों का रंग भूरा है। मैं भी अपने मम्मो को दबाने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं भी कब उसके लंड को सहला रही थी। व
उसका लंड बहुत ही बड़ा था। मै लंड को दबा दबा कर उसको और जोश के साथ खड़ा कर रही थी। मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया। अब वो मुझे सिर्फ पैंटी में देख कर बहुत ही खुश हो रहा था। कहने लगा काश तुझी से मेरी शादी होती। तुझे मै रोज चोद पाता। मै भी उसके लंड को छूकर बहुत खुश थी की आज इतने बड़े मोटे लंड से चुदवाने का मौका मिला है। मैं भी अपनी चूत को मलने लगी। वो मुझे शीट पर लिटाकर नीचे बैठ गया। मेरी पैंटी को निकाल कर वो मेरी चूत के दर्शन किया। वो चूत को देखकर पागल सा हो गया। मेरी टांगो को फैलाकर मेरी चूत को देखते ही उस पर टूट पड़ा। चूत को सूंघते ही वो मस्त हो गया। वो चूत को चाटने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं उसका सर पकड़ कर अपनीचूत में दबाये हुयी थी। मेरी चूत के अंदर तक वो अपनी जीभ डाल डाल कर चाट रहा था। वो मेरी चूत के दोनों सेब जैसे टुकड़ो को काट काट कर चूस रहा था। मैं भी सिसकारियों के साथ चुसवा रही थी। मेरी चूत की खुजली अंदर तक बढ़ती जा रही थी। मेरी रसमलाई सी चूत का रस चाट चाट कर मजे ले रहा था। मेरी चूत अपना पानी छोड़ रही थी।
मेरी चूत की रस को वो चाट कर साफ़ कर दिया। उसने मेरी चूत के दाने को को अपने दांतों से काट रहा था। मैं सिसक सिसक कर कहने लगी- चाट चाट काट डाल और चाट!!! कहकर मै उसके मुँह को चूत में जोर से दबा रही थी।मै कहने लगी- “ओह्ह मेरी जान आह आह मेरी जान, अब मुझे और मत तड़पाओ और जल्दी से मेरी गर्म चूत में अपना लौड़ा डाल दो!! कुछ देर चाटने के बाद वो खड़ा हुआ और अपनी पैंट उतार कर कच्छा निकाल दिया। मैं उसके लंड को देख कर डर गई। उसका 11 इंच का लंड बहुत ही डरावना लग रहा था। मैंने अपनी चूत को दबा लिया। मैंने कहा- मैं तो मर जाऊंगी। तुम्हारा इतना बड़ा लंड मै नहीं सहसकती। मेरी चूत फट जायेगी। मुझे नहीं चुदवाना इतने बड़े लंड से। वो अपने लंड को मेरी मुँह में रख कर चूंसने को कहा। मैं उसके लंड को चूस रही थी। उसके लंड का सुपारा मेरी मुँह में भर लिया। उनका लंड मै गले तक ले जाकर चूस रही थी। मेरी मुँह में वो अपने लंड को आगे पीछे करने लगा। अब मुझे शीट परबैठकर मेरी टांगो को फैलाकर अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख दिया। मेरी चूत में धक्का मारा मेरी चूत फट गयी। मै जोर जोर से चीखने लगी। उई अम्मी….अम्मी ….. “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउ…..उँ ….ऊँ…..ऊँ सी सी सी सी…. हा हा हा….ओ हो हो…..”ओह ओह आह आह मेरी चूत फट गयी। मै चूत कोछुड़ाने लगी लेकिन वो अपनी थोड़े से लंड को मेरी चूत में ही डाले रहा। मेरा दर्द आराम नहीं हुआ था। कि उसने लंड पर थोड़ा थूक लगाकर मेरी चूत में बहुत जोर से धक्का मारा। इस बार मेरी चूत में उसका सारा बड़ा मोटा लंड घुस गया। मेरी चूत अब पूरी तरह फाड़ दी उसने। मै चूत को जोर जोर से सहला रही थी।
मारे दर्द के मेरी आँखों से आंसू बहने लगे। दर्द से चिल्ला रही थी-“ओह..ह्ह्ह—ओह्ह्..ह्ह आ..आ..आ..अ..ह्हह्हह—अई….अई….अई…उ उ उ उ उ..” मेरी दर्द दर्द को बिना देखे वो धीरे धीरे चोद रहा था। मेरी चूत को को लगातार फाड़ते जा रहा था। मैं अपनी चूत पर अंगुलियों को रख कर मसलने लगी। कुछ देर बाद मेरी चूत आराम होने लगी। मेरी चूत को अब जल्दी जल्दी चोदने लगा। मुझे अब हल्के हल्के दर्द में भी मजा आ रहा था। मैं अब अपने चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी। उसने ऐसे करते देख कर मुझे और जोर जोर से चोदने लगा। मै भी कह रही थी-“उ उ उ उ उ……अ ..अ अ.. अ अ आआआआ…..सी सी सी सी….ऊँ…. ऊँ…..ऊँ….ऊँ…” चोदो और जोर से चोदो फाड़ डालो मेरी चूत “—-आआआआअह्हह्हह…… अई…अई—-ईईईईईईई मर गयी—मर गयी…मर गयी..मैं तो आजजजजज!!” वो रेलगाड़ी की रफ़्तार से मुझेचोद रहा था। मेरी चूत का भरता लगा रहा था। मै बहुत ही गरम हो गई थी। उसका लंड मेरी चूत में गपा गप गपा गप अंदर बाहर हो रहा था। मैंने अपनी चूत को जोर जोर से चुदवा रही थी। मै-
“….आआआआअह्हह्हह….चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन..”। वो मुझे उल्टा शीट पर खड़ी कर दिया। मै शीट को पकडे झुकी खड़ी थी। वो पीछे से लंड को मेरी चूत में डाल दिया। मुझे कुतिया की तरह चोद रहा था। मैं शीट को पकडे थे और वो मेरी कमर को पकड़ कर जोर जोर से मुझे चोद रहा था। मैं भी सिसकारियां लेती रही और चुदवाती रही। मै-“…अई…अई….अई…..अई—-इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” चोदो और जोर से पूरा अंदर डालो। अब मैं ऊपर सामान रखने के रैक को पकडे लटकी थी।
मैं अपना पैर उसके कमर में फंसाये हुए थे। वो मेरी टांगों के को पकडे मुझे चोद रहा था। कुछ ही देर में मेरा हाथ दर्द करने लगा और मै चुदाई रोक दी। वो अब मेरी गांड मारना चाहता था। उसने मुझे खड़ा करके मेरी एक टांग को अपने कंधे पर रख कर। मेरी गांड मारने की कोशिश करने लगा। मै गांड फटने की डर से मैंने कहा। फिर कभी मिलूँगी तो मेरी गांड मार लेना। मै भी अब तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। मैंने कहा मेरी गांड मारोगे तो आज मैं चल नहीं पाऊँगी। उसने नहीं मानी और दर्द की दवा देकर बोला खा लो दर्द नहीं होगा। मैंने पानी से दवा खा ली। अब वो मेरी गांड में अपना लंड डालने लगा। उसका लंड अंदर ही नहीं जा रहा था। मैंने अपने पर्स से कोल्ड क्रीम निकाल कर दी। उसने सारी क्रीम अपने लंड और मेरी गांड के छेद पर लगा दी। उसने धक्का मारा और आधा लंड मेरी गांड में घुसा दिया। मै चिल्लाने लगी- “हूँउउउ हूँउउउहूँउउउ …-ऊ..ऊँ…..ऊँ सी सी सी सी— रहने दो अब नहीं तो मेंरी गांड फट जायेगी… जाननननन….” निकाल लो अपना लंड मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
मेरी गांड फट गई। छोड दो अब रहने दो। मै नहीं मरवा सकती। उसने मेरी ना सुनते हुए मेरी गांड में अपना लंड पेल रहा। वो पलटा रहा। कुछ देर बाद मेरी गांड का दर्द आराम हो गया। वो शीट पीकर लेट गया। मै खुद ही उसके लंड को खड़ा करके अपनी गांड मरवाने लगी। वो थक कर लेट गया। काफी देर तक चोदने से उसका लंड और भी मोटा और डरावना लगने लगा। लेकिन मुझे अपनी गांड की खुजली भी उसी से शांत करने में मजा आ रहा था। मैं ऊपर नीचे होकर गांड मरवाने लगी। वो उठा और मुझे झुकाकर एक बार फिर मेंरी गांड मारने लगा। मुझे फिर दर्द होने लगा वो मुझे खूब तेज तेज से चोद रहा था। मैं अब फिर से आवाज के साथ चुदवाने लगी। “आऊ—–आऊ—-हमममम अहह्ह्ह्हह—सी सी सी सी–हा हा हा–” की आवांजोसे पूरा ट्रैन का डिब्बा भर गया। वो मुझे फिर से चोदने लगा। उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल कर एक बार फिर से चूत से पानी निकाल दिया। मेरी चूत और गांड दोनों को बारी बारी से चोद रहा था।
मेरी चूत का पानी निकलते ही वो उसे पी गया। उसने अपने मुँह से थोड़ा चूत का रस मेरी मुँह में भी डाल दिया। हमने रस को मजे से पी लिया। अब वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा। मेरी चूत अब जबाब दे रही थी। कुछ देर चोदने के बाद वो भी झड़ने वाला हो गया। मेरी चूत से वो अपने लंड को निकाल कर मेरी मुँह में रख दिया। अब वो जोर जोर से मुठ मारने लगा। उसने चिल्लाते हुए अपने लंड का पानी मेरी मुँह में गिरा दिया। मेरी मुँह को लबालब भर दिया। मै उसके लंड के रस को पी गई। उसके लंड का रस बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने अपने चूत को कपडे से साफ़ किया। उसका लंड भी मैंने चाट चाट कर साफ कर दिया। उसने मुझे नंगे ही सीट पर लिटा कर खुद भी थक कर लेट गया। दोनों ने अपने कपडे को पहना और मैंने एक दूसरे को अपना नंबर दिया। अब जब भी वो कोटा आता है। मुझे चोदने मेरी रूम पर आता है। हम दोनो खूब चुदाई करते है। मुझे उसके लंड के साथ बहुत मजा आता है। मैं अब उसकी गर्लफ़्रेंड की तरह हूँ।हम दोनों कब खूब बातें करते है। जब जी करता है हम दोनों खूब चुदाई करते है। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।