नीलू की शादी अभी कुछ दिन पहले ही हुई थी। कितने अरमानों ने उसने अपने लिए गहने बनवाये थे। जिस लड़के से शादी होने जा रही थी वो हैदराबाद के एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर था। हवाईजहाजों को कंट्रोल करता था। हर प्लेन को उसी से परमिशन लेनी पड़ती थी हैदराबाद के एयरपोर्ट पर लैंड करने से पहले। पर शादी के 6 महीने बाद ही उसके हस्बैंड की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गयी। मैं नीलू के अपार्टमेंट में ही 10वे फ्लोर पर रहता था। जबकि वो 11वे फ्लोर पर रहती थी।
हमारी मुलाकात अक्सर लिफ्ट में या सोसाइटी की मंथली मीटिंग में होती थी। अब नीलू सफ़ेद साड़ी ही पहनती थी। उसकी उम्र कोई 23 की होगी। चेहरा हमेशा उतरा उतरा रहता था। धीरे धीरे हमारी मुलाकात होने लगी। नीलू के साथ अब हैदराबाद में उसकी सास रहती थी। एक दिन नीलू ने मुझे गैस सिलिंडर बदलने के लिए बुलाया। वो गैस स्टोव में नया सिलिंडर नही लगा पा रही थी। मैंने लगा दी।
आप बैठिए! मैं चाय बनाती हूँ!! वो बोली और चाय बनाने चली गयी।
मैं सोचने लगा बताओ केवल 23 साल की है । बिलकुल जवान है। अब क्या होगा?? कैसे इतनी लंबी उम्र अकेले काटेगी। नीलू विधवा होने के बाद सफ़ेद साड़ी ही पहनती थी। पर वो ऐसी थी की चाह्ये जो कपड़ा पहन ले, अच्छा ही लगता था। मैं सोफे पर बैठा बस उसी के बारे में सोच रहा था। उसकी सास अपने कमरे में लेती आराम कर रही थी। नीलू चाय बनाके ले आई। हम दोनों बैठकर चाय पीने लगे। वो मेरे सामने ही बैठ गयी। हम दोनों की आँखे टकराई।
आपकी जॉब कैसी चल रही है प्रियांश जी!! उसने पूछा।
बस पूछिये मत! 4 महीने से सलरी नही मिली है! बड़ी समस्या है! मुझे घर पर भी पैसा भेजना है! मैंने कहा।
वो अचानक ने उठी, अंदर अपने कमरे में गयी, और 10 हजार का बंडल ले आयी। मेरे हाथों में थमा दिया।
अरे ये क्या नीलू जी! मैंने कहा
जब सलरी मिल जाए तो लौटा देना। मैंने वो पैसे अपने घरवालों को भेज दिए।
इस तरह दोंस्तों नीलू के पति के मरने के बाद मेरी उससे दोस्ती कुछ जादा ही बढ़ गयी। मुझे भी किसी औरत की जरूरत थी। धीरे धीरे मेरी उससे या कहे उसकी मुझसे सेटिंग हो गयी। अब मैं ही उसके लिए सब्ज़ियाँ, फल, दवाइयां, मिठाईया दुकान से लाने लगा। एक दिन जब उसकी सास हॉस्पिटल अपने घुटनों के दर्द का इलाज करवाने गयी थी, नीलू मेरे 10वी फ्लोर वाले माले पर आ गयी। वो आते ही मुझसे गले लग गयी।
प्रियांश!! मैं प्यासी हूँ! मेरे प्यास बुझा दो!! कितने दिनों से मैं प्यासी हूँ! वो बोली
हालाँकि मैं अपने ऑफिस की फाइल बना रहा था। बड़ा काम था मुझे। साथ ही अपने बॉस पर गुस्सा भी आ रहा था कि उसने हर दिन नये नये बहाने बनाकर मुझे 4 महीनो से सैलरी नही दी।
नीलू जी! मैं अभी तोड़ा बिसी हूँ! कल करते है!! मैंने टालते हुए कहा
प्रियांश!। तुम समझ नही रहे हो! मेरे बदन में आग सी लगी है, बड़ी बेचैनी सी हो रही है, बार बार मेरे पति का चेेहरा मेरे सामने आ रहा है। इसलिए प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो! नीलू बोली और उसने फिर से 5 हजार रोल करके मेरे लैपटॉप पर रख दिए। इतने दिनों बाद मैंने लक्ष्मी को ठुकराना सही ना समझा। फाइल जाए भाड़ में। मैं नीलू को लेकर बिस्तर पर आ गया। हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये।
वो मेरे सीने के घुंघराले बालों को सहलाने लगी। मैंने उसकी सफ़ेद साड़ी उतार दी। उसे नँगी किया, खुद को भी किया और बिस्तर पर लिटा दिया। बाप रे!! क्या मस्त हुस्न था नीलू का! सिर्फ 6 महीने चुदी थी। उसके बदन को देखकर लगता था की अभी कुंवारी ही होगी। मैंने उसको लिटा दिया और जसके मस्त बड़े बड़े गोल मम्मे पीने लगा। उसे सुकून मिला। हम दोनों पति पत्नी की तरह प्यार करने लगे। मैं भी उसके ऊपर ही नँगे होकर लेट गया, उसके हर जगह मैं चुम्बन करने लगा। हम दोनों बड़ी देर तक एक दूसरे से छिपते रहे।
मुझे चोदो ना!! क्या सोच रहे हो?? नीलू ने मुझसे बड़ी मासूमियत से पूछा
मुझे प्यार आ गया उसने जैसे सिर हिलाकर कहा।
सोच रहा हूँ मेरा तुमसे मिलना लिखा होगा, तभी मैं इस अपार्टमेंट में रहने आया! मैंने कहा और उस गले से लगा लिया। नीलू के पतले सुराही जैसै गले पर जगह जगह हल्के दांतों से काटने लगा, वो बहुत अच्छा लगा। सच में लड़की काफी सुंदर थी। पर लिफ्ट में आते जाते मेरी जब भी उससे मेरी मुलाकात होती थी मैंने उसे कभी बुरी नजर से नही देखा था। कभी उसको चोदने खाने की नजर से नही देखा था।
नीलू को मैं हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखता था। पर आज वो ही मेरा सामान लेने जा रही थी। बिलकुल घरेलू किस्म की अंतर्मुखी लड़की थी। बाहर की दुनिया से डरती थी। उसके आदमी से उससे कितना कहा था कि अगर अपार्टमेंट में वक़्त नही बीतता है तो कोई नौकरी कर ले। पर अंतर्मुखी होने कारण उसने नौकरी करने से मना कर दिया था। मैं नँगी नीलू पर लेटा हुआ था, मुँह भरके उसके मम्मे पी रहा था। सायद 6 महीने अपने मर्द से चूदने के बाद उसकी छतियों के काले गोल घेरे जादा फ़ैल गये थे।
मुझे इस तरह के बड़े घेरे हमेशा से पसंद थे। मैं और मजे से मम्मे पीने लगा। फिर मैं उसकी बुर पर आ गया और पीने लगा। मैं लण्ड लगाया और चोदने लगा। सिर्फ 6 महीने की चुदी होने के कारण नीलू की बुर बड़ी कसी थी। मैं मजे से उसे चोदने लगा। वो मेरे बालों में अपनी नाजुक उँगलियाँ डाल कर सहलाने लगी। मेरी पीठ सहला सहलाकर मेरा मनोबल बढ़ाने लगी। मैं मजे से उसको चोदने लगा। अगर इसका आदमी नही मरता तो सायद कभी मुझसे चुदवाने नही आती। चलो जो हुआ अच्छा ही हुआ।
मैं ठकठक करके गहरी मार करने लगा। नीलू ने अपनी आँखे बंद कर ली। वो बिलकुल राजकुमारी लग रही थी। मैं उसके रूप रंग को देखकर मजे से उसे लेने लगा। गहरा और गहरा धक्का। बड़ी देर तक उसे यूँ ही खाया। फिर अचानक से मेरा उसकी गाण्ड लेने का बड़ा मन हुआ।
नीलू!! तेरी गाण्ड चोदूंगा!! मैंने कहा।
उसने सिर हिलाकर सहमति दी।
मैंने उसे बिस्तर पर ही खड़ा कर दिया। मैं भी खड़ा हो गया। मैंने उसे दीवार का सहारा देकर खड़ा कर दिया। उसे हल्का सा दिवार के ऊपर झुका दिया। उसका पिछवाड़ा बाहर निकल आया। मैंने गाण्ड में लण्ड लगाया और धक्का मारा , लण्ड सीधा अंदर। उफ्फ्फ्फ़ कितनी कसावट थी। सायद उसका आदमी नीलू की गाण्ड नही चोदता होगा , मैंने सोचा। मैंने मजे से उसकी गाण्ड चोदने लगा।
नीलू! तेरा आदमी तेरी गाण्ड नही चोदता था?? मैंने पूछा
वो तो मेरी बुर भी ठीक ने नही चोद पाता था। मेरी में एक लण्ड डालते ही एक मिनट में वो झड़ जाता था। मेरी गाण्ड क्या चोदता। प्रियांश!! समज लो की वो छक्का था नीलू से बताया।
मैं और मजें से अब तो उसकी गाण्ड चोदने लगा। एक unsatisfied औरत को मुझे सन्तुष्ट करना था। ये जानकर मैं और भी जिम्मेदारी के साथ उसकी गाण्ड चोदने लगा। खूब देर तक उसकी गाण्ड चोदकर मैंने अपना बड़ा सा लण्ड बाहर निकाला और नीलू की गाण्ड देखी। सुर्ख लाल गुलाबी गाण्ड। मुझे प्यार आ गया। मैं बिस्तर पर बैठ गया। अपने दोनों अंगूठों से मैंने उसकी गाण्ड फैलाई और मजे से जीभ घुमा घुमाकर चाटने लगा।
मस्त और गदराए बदन वाले जिस्म की मलिका नीलू उछल पड़ी। उसे बड़ी गुदगुदी होने लगी। मुझे मस्ती आ गयी और मैं और जोर जोर से अपनी खुदरी जीभ से नीलू की गाण्ड चाटने लगा। नीलू के मस्त लप्लपे पुट्ठोंं को मैंने कस के पकड़ लिया था जिससे वो दूर ना भाग सके। मैं और भी जोश ने नीलू की गाण्ड चाटने लगा। फिर मैं खड़ा हुआ और फिर से नीलू की गाण्ड चोदन लगा। बड़ा मजा आया दोंस्तों। करीब 30 35 मिनट तक मैंने नीलू की गाण्ड चोदी होगी। फिर मैंने लण्ड बाहर निकाला और छेद का मुआयना किया। अब जाकर इतनी गाण्ड चोदने के बाद छेद कुछ बड़ा हुआ।
फिर से हम दोनों बिस्तर पर आ गए। इस बार मैं उसे बिस्तर के सिरहाने के पास ले गया। वहां पर 5 6 बड़ी बड़ी मखमली तकिया थी। नीलू को मैंने 60 डिग्री के कोण पर लिटा दिया। मैं एक बार फिर ने उसकी मस्त लपलपाती चूचियों को मसलते हुए नीलू को चोदने लगा। बड़ी अच्छी पकड़ बन गयी। मैंने मजे से विधवा नीलू को चोदने लगा। बड़ी देर तक मैंने ऐसा ही चोदा। फिर उसको अपनी बाँहों में खीच लिया। नीलू अब मेरी गोद में बैठ गयी और खुद ही मेहनत करके चुदवाने लगी। उस दिन उसको मैंने 4 5 राउंड पेला।
इसी समय मेरे ऊपर बड़ी मुसीबत आ गयी। मेरा अपार्टमेंट का मालिक आ गया और वो 6 महीने का एडवांस जो करीब ढेड़ लाख था वो मांगने लगा। ना देने पर उसने अपार्टमेंट खली करने को कहा। मुझे तो 4 महीने से वैसे तो सैलरी नही मिली थी। मैं बड़ा परेशान हो गया। मैंने नीलू को बताया। 2 हफ्ते बाद उसने मुझे मेरे नाम से डेढ़ लाख का चेक काट के दे दिया। उसके हस्बैंड का लाइफ insurance था। नीलू को 20 लाख रुपए मिले थे।
दोंस्तों अब तो मैं उसके अहसान तले और दब गया। नीलू मेरी लाइफ में पहली प्राथमिकता पर आ गयी। मैं शाम को 7 बजे थका हरा आ जाता और जैसे ही घर आता 8 बजे तक नीलू आ जाती। दोंस्तों मैं उसे मना नही कर पाता। एक दिन फिर से नीलू मेरे 10वी माले वाले घर में आ गयी।
प्रियांश!! मेरी मेहँदी देखो!! वो बोली
नीलू ने अपनी सास से छिपकर मेहंदी लगाई थी।
बहुत सुंदर है रे!! मैंने कहा
फिर उसने पैर में भी मेहंदी लगायी थी। इतना ही नही मेरे लिए उसने चिकेन बिरयानी भी बनायीं थी जो वो हॉटपॉट में लेकर आई थी।
नीलू आज तो मैं तेरे साथ सुहागरात मनाऊंगा! मैंने कहा
हम दोनों नँगे हो गये, मैंने उसकी मांग में लाल सिंदूर भरा। मैंने एक मोमबत्ती जला दी, उसके चारों ओर हम दोनों ने नँगे नँगे ही 7 फेरे ले लिए। हमने अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे को अपना जीवन साथी मान लिया। थोड़ा लाल सिंदूर मैंने उसकी चूत में लगा दिया। अब हमदोनो पति पत्नी बन चुके थे। शादी के बाद अपनी नई नई सुहागरात मनाने के लिए हम बिस्तर पर आ गए।
मैंने कमरे में चारों ओर गुलाब के फूल लगा दिए। कुछ गुब्बाड़े भी लगा दिए। पूरा कमरा अब महक रहा था। अब लग रहा था कि हम दोनों सुहागरात मनाने जा रहे है। मैंने नीलू को कहा कि वो दोनों हाथों में सुहाग की चूड़िया भरके पहन ले। जब नीलू लौटकर आयी तो बिलकुल नयी नवेली दुलहन लग रही थी। दोनों हाथों में 20 20 चूड़िया पहन रखी थी। नाक में उसने बड़ी वाली नाथ पहन रखी थी जो चैन से कान से जुडी थी। दोनों पैरों को अनेक घुंघरुओं वाली मोटी मोटी पायल पहन रखी थी।
पैरों की उँगलियों में उसने बिछुआ पहन रखा था। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। उसके रूप का कायल हो गया। नीलू अपनी शादी का लाल जोड़ा पहनकर आयी थी। वो किसी परी ने कम नही लग रही थी। हम दोनों ने एक गुजरे को गले से लगा लिया। मैंने बड़े प्यार ने उसे बेआभरू किया , नन्गा किया। हम दोनों बिस्तर पर आ गए। नीलू नँगी भले ही थी पर चूड़ियों, पायल और बिछुओं में लगता था कि यही इसकी सच्ची वेशभूसा है। मैंने उसे होंठों में भर लिया। मैंने उसके बदन पर इतना चुम्मा लिया की वो गोरी हो गयी। जब मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और चोदने लगा तो उसकी पायल, चूड़ियां खन खन करके आवाज करने लगी। लगा मैं सच में अपनी बीवी को ले रहा था।
मैंने नीलू की नीली बिंदिया को चूम लिया और धर्मपूर्वक उसे चोदने लगा। सच में दोस्ती मेरी खाली जिंदगी में आज तो ट्विस्ट आ गया। बिलकुल नँगी नीलू ने अपने दोनों हाथ मेरे कन्धों पर रख दिए। हमदोनो किसी हवाई जहाज की तरह उड़ने लगे। मैं उसे गचागच पेलने लगा। सट सट सट पट पट के शोर ने मेरा माला गूंज गया। कुछ मेरे पडोसी सोचने लगे की क्या हो रहा है। ये पट पट की आवाज कहाँ से आ रही है। उनको लगा कहीं कुछ जल तो नही रहा है।
मैंने नीलू को चोदते चोदते ही चिल्लकार कह दिया की सब ठीक है। कुछ नही जल रहा है। जबकि मेरा लण्ड नीलू की बुर को फाड़ फड़के जल रहा था। नीलू के दोनों मम्मे मेरे पावरफुल धक्कों से गचागच ऊपर नीचे उछल रहे थे। मैं और जादा चुदासा हो गया और नीलू को हुमक हुमक के चोदने लगा। उस रात नीलू को कोई 15 20 बार मैंने खाया होगा। जब सुबह हुई तो उसकी 2 3 चूड़ियां ही हाथों में दिख रही है। बाकी सब टूट चुकी थी। नीलू की पायल के घुंघरू भी टूट कर मेरे घर में बिखर गए थे। वाकई उस रात हम दोनों ने पलंग तोड़ धरती फाड़ चुदाई की थी।
Read online very hot and sexy hindi chudai ki kahani in hindi Vidhwa sex, hot sexy bidhwa ki chudai, mast chudai vidhwa woman ki hot sex katha