मेरा नाम मनीष है और मेरी उम्र 24 साल है.. दोस्तों में पिछले कुछ समय से अपनी भी एक सच्ची घटना आप सभी को बताने की सोच रहा था,, लेकिन ना जाने क्यों डरता था और आज मैंने बहुत हिम्मत करके अपनी यह स्टोरी आप सभी के सामने रखी है और यह घटना मेरी मम्मी की चुदाई पर आधारित है,, जो कि एक विधवा औरत है और वो उम्र में करीब 39 साल की होगी,, लेकिन वो चेहरे से ऐसी बिल्कुल भी नहीं लगती कि वो बहुत जवान,, हॉट,, चुदाईी दिखती है और उन्हें एक बार देखकर हर कोई उनके बारे में सोचने पर मजबूर हो जाता है..
दोस्तों मेरे पापा की म्रत्यु तब ही हो गई थी जब में उम्र में बहुत छोटा था,, इसलिए उस समय मेरी मम्मी बहुत अकेली रहने लगी थी और अब उसको एक सहारे की ज़रूरत थी.. दोस्तों मेरी मम्मी का एक पुराना आशिक़ था,, जो कि मेरी मम्मी घर के पास ही मतलब कि मेरी नानी के घर के पास रहता था और उसके तो मेरी उम्र के दो लड़के भी थे.. मेरे पापा के गुज़र जाने के कुछ सालों बाद मेरी मम्मी की एक बहुत अच्छी सहेली ने उन्हें बताया कि एक कपड़े सिलाई का कोर्स है,, जिसकी वजह से वो घर पर बैठकर कुछ पैसे भी कमाने लगेगी और उनका काम में मन भी लगा रहेगा,, तब हम लोग मेरे नानी के पास रहने लगे थे..
फिर मैंने बहुत दिनों तक इस बात पर ध्यान दिया कि मेरी मम्मी बहुत बार छत पर जाया करती थी और उसके पास एक सेल फोन भी था,, जब मैंने देखा तो मैंने मेरे मामा को यह बात बताई.. फिर उन्होंने मम्मी से पूछा तो उसने बताया कि उसने वो फोन 500 रुपये में पुराना किसी अंजान आदमी से खरीदा था जो कि बस में सफ़र कर रहा था.. फिर यह पूरी बात सुनकर मामा ने मम्मी को बहुत डांटा कि यह सब ठीक नहीं.. फिर में जैसे जैसे बड़ा हुआ तो मैंने ध्यान दिया कि मम्मी का चेहरा कुछ अलग ही हो गया है और यह भी देखा कि मम्मी कुछ दवाईयाँ भी लेती थी,, शायद दर्द की दवाई लेती होगी और अब में बड़ा साल का हो गया था तो एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि वो अपनी दोस्त के पास जा रही है तो मुझे अब उनकी हर एक हरकतों पर शक होने लगा था और में उनके ऊपर पूरी पूरी नजर रखने लगा,, वो कहाँ कब और किससे मिलने जा रही है..
फिर मैंने उनका पीछा किया और फिर मुझे पता चला कि वो उस काले मोटे से आदमी के साथ उसकी गाड़ी पर बैठकर कहीं जा रही है और में लगातार उसका पीछा करता रहा और तब मैंने थोड़ा और आगे जाकर देखा कि वो लोग एक लवर्स पार्क के पास आकर रुके और वो अब एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए मज़े से घूमने फिरने लगे और यह सब कुछ देखकर मुझे बहुत दुख हुआ और फिर में कुछ देर बाद वहां से अपने घर पर आ गया.. फिर मम्मी कुछ घंटो बाद घर पर आ गई और मैंने उनसे कुछ भी नहीं पूछा,, लेकिन जब रात हुई और वो छत पर गई और में भी उसके पीछे पीछे ऊपर चला गया..
फिर मैंने बहुत ध्यान से उनकी बात को सुना और फिर में समझ गया कि वो छत पर अकेले में आकर उसी गेंडे से बातें कर रही थी.. तभी मैंने उसे पीछे से आवाज़ दी और पूछा कि यहाँ पर अकेले में आकर तुम किस से बात कर रही हो? तो वो मुझे वहां पर देखकर अचानक से चकित हो गई और उसका चेहरा पसीने से बिल्कुल गीला हो गया और अब डरते हुए उसने मुझसे कहा कि मेरी दोस्त है.. फिर मैंने उससे कहा कि लाओ में भी तुम्हारी इस दोस्त से थोड़ी बहुत बात कर लूँ? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गई और उसके चेहरे का रंग बिल्कुल उड़ गया और फिर उसने कॉल कट कर दिया और जब मैंने वो मोबाईल नंबर देखने की कोशिश की तो उसने वो नंबर भी अपने मोबाईल से डिलीट कर दिया.. फिर मैंने उससे कहा कि मैंने उन्हे उस दिन लवर्स पार्क में भी हाथों में हाथ डालकर घूमते हुए देखा था और अब वो मेरी पूरी बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी..
फिर मैंने उन्हे बहुत कुछ कहा और अब में उनसे बात ही नहीं कर रहा था तो उसने अपना वो फोन छत से नीचे जमीन पर फेंक दिया और अब वो उसे काम में भी नहीं ले रही थी और कुछ महीनो तक ऐसे ही चलता रहा,, क्योंकि वो मुझसे बहुत प्यार करती थी और इसलिए उन्हें अब मेरी उस बात का बहुत दुःख हो रहा था.. फिर एक दिन मैंने ऑनलाइन एक फेक आईडी बनाकर कुछ लड़कियों से इस बारे में उनकी सलाह ली तो उन्होंने मुझे बताया कि तुम उसे मत रोको,, वो अगर अपनी पहली शादीशुदा जिन्दगी भुलाकर अपनी दूसरी जिन्दगी में खुश रहना चाहती है तो उसे वैसे ही रहने दो वर्ना वो अकेले कैसे जियेगी? फिर कुछ दिनों के बाद मैंने मम्मी को मनाया और उससे कहा कि वो फोन पर बात करे,, मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है और फिर मैंने उनसे कहा कि आप अगर उनसे बात करना चाहती है तो आप कर सकती है..
दोस्तों अब वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और फिर उन्होंने अपनी बातचीत को एक बार फिर से शुरू कर दिया और एक दिन हमारे घर के सब लोग कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर गये थे.. फिर मैंने अपनी मम्मी को चकित करने के लिए उसे अपने घर पर बुला लिया और मम्मी यह सब देखकर बिल्कुल हैरान हो गई और में भी उनकी उस ख़ुशी को देखकर बहुत खुश हुआ और फिर मैंने उन्हें कुछ ना कहते हुए उन दोनों को बिल्कुल अकेला छोड़ दिया,, वो लोग कुछ देर बैठे रहे और बातें करते रहे और में उठकर वहाँ से चला गया..
फिर मम्मी ने मुझे बुलाया और कहा कि तुम कहाँ जा रहे हो? तो मैंने उनसे कहा कि आप दोनों अकेले रहो और कुछ पल बिताओ तो उसने मुझे हग किया और फिर वो अपने रूम में चली गयी,, लेकिन मैंने देखा कि उस कमरे की एक खिड़की खुली हुई थी और में उन्हें कमरे पास उस खिड़की में से देखने लगा.. मैंने देखा कि वो दोनों बहुत खुश थे और कुछ देर बाद मेरी मम्मी उस गेंडे की गोद में बैठ गई और वो उसके चूचियों दबा रहा है और वो उसे किस भी कर रहा है और फिर उसने ब्लाउज से दोनों चूचियों को बाहर निकाल लिया और फिर वो दोनों चूचियों को सकिंग करने लगा और अब वो बेड पर लेट गए और उस गेंडे ने अपने कपड़े खोल दिए और मेरी मम्मी की साड़ी को भी उतार दिया और वो मम्मी की चूत को चाटने लगा और कहने लगा कि तेरा बेटा भी अब हमारी तरफ हो गया है अब तो हम बिल्कुल फ्री होकर हर दिन बहुत मज़े किया करेंगे..
मम्मी उसकी यह बात सुनकर ज़ोर से हंसने लगी और तब मम्मी ने उसका काला लौड़ा अपने दोनों हाथों में पकड़कर अपने मुहं में ले लिया और अब धीरे धीरे उसे चूसने लगी और अपने मुहं के अंदर बाहर करने लगी.. उन्हें वो लौड़ा चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो उनके चेहरे से मुझे पता चल रहा था.. फिर कुछ देर लौड़ा चुसवाने के बाद उसने मम्मी की साड़ी को पूरा उतार दिया और अब मम्मी के दोनों पैरों को फैलाकर अपना लौड़ा मम्मी की चूत के मुहं पर रख दिया.. फिर मम्मी ने उसको किस किया और अब उसने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लौड़ा मम्मी की चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा,, करीब दस मिनट की लगातार चुदाई के बाद उसने मम्मी की चूत में ही अपना वीर्य डाल दिया और उठकर अपने लौड़ा को मम्मी के मुहं में दे दिया और वो फिर से उसे चूसने लगी जैसे वो कोई भूखी कुतिया हो.. मम्मी ने अपनी जीभ से चाट चाटकर उसका पूरा लौड़ा साफ कर दिया और वो उसका पूरा वीर्य गटक गई..
फिर वो मम्मी के चूचियों दबा रहा था और उन्हें ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और फिर कुछ देर बाद उसका लौड़ा एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया तो उसने मम्मी के मुहं में अपना लौड़ा डाल दिया.. उसने चोद चोदकर मम्मी के मुहं में ही अपना वीर्य डाल दिया और जब वो दोनों शांत हो गए तो उन लोगों ने मस्त प्यार किया.. दोस्तों मुझे अब बहुत बुरा और अच्छा भी लग रहा था और तभी कुछ घंटो के बाद मैंने देखा कि वो दोनों कमरे से बाहर आ गए और मम्मी बहुत खुश लग रही थी और जब वो हमारे घर से जा रहा था तो उसने जाते वक़्त मम्मी को किस किया और हग किया और फिर उसने मम्मी के सामने ही मुझको अपने गले से लगाकर 2000 रूपये दे दिये और अब वो चला गया.. फिर उसके जाने के बाद मम्मी ने मुझसे मुस्कुराते हुए पूछा कि क्यों कैसे है तुम्हारे नये पापा? तो मैंने कहा कि हाँ वो बहुत अच्छे है.. दोस्तों में तो पैसे देखकर खुश हो गया,, तभी मम्मी ने भी मुझे अपने गले से लगाकर मुझसे धन्यवाद कहा और बोली कि मेरा बेटा अब बहुत बड़ा हो गया है..
फिर मैंने मम्मी से पूछा कि आप लोग इतनी देर तक अंदर क्या कर रहे थे? तो उसने मुझे बताया कि कुछ नहीं और जब मैंने उस बात पर दबाव लगाया तो उसने मुझे बताया कि बस ऐसे ही हम लेटे हुए थे,, लेकिन बस हमने प्यार किया,, इसके अलावा और कुछ नहीं किया.. फिर मैंने कहा कि मैंने उस खिड़की से सब कुछ देख लिया था और अब वो मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गई और मुझसे कहने लगी कि तुम पैसे लेकर बहुत मस्ती करना..
फिर उसके कुछ दिनों के बाद उस मोटे ने मुझसे कहा कि वो मेरी मम्मी को मिलना चाहता है.. फिर मैंने प्लान बनाया कि कॉलेज में समारोह के बहाने में उनको कहीं बाहर ले जाता हूँ.. मैंने उसे अपना प्लान बता दिया और वो बहुत खुश था.. फिर उसके दूसरे दिन वो घर के दरवाजे पर अपनी कार लेकर हमारा इंतजार कर रहा था तो हम वहाँ पर गये और फिर मम्मी ने मुझे भी ज़बरदस्ती अंदर बुला लिया,, वो जगह जहाँ पर हम जा रहे थे,, वो उस मोटे का कुछ तबेला था और वो शहर के बाहर था.. फिर कुछ देर बाद हम वहाँ पर पहुंच गये और फिर मैंने देखा कि वहाँ पर एक बिना दरवाजे का रूम था,, जिसकी छत भी नहीं थी तो मम्मी ने मुझसे कहा कि तुम दरवाजे के पास खड़े रहकर निगरानी करो.. फिर मैंने भी वहीं किया.. जब मैंने अंदर झाँककर देखा तो वो मोटा और मेरी मम्मी दोनों ही पूरे नंगे थे और वो मम्मी की गांड चाट रहा है..
तब कुछ ही सेकंड यह सब देखकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मम्मी ने भी मुझे देख लिया,, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और वो मोटा भी कुछ नहीं बोला.. फिर मम्मी ने मुझसे कहा कि वहाँ पर एक और चार पाई है तुम उसे लाकर उस पर बैठ जाओ.. फिर मैंने वैसा ही किया और ठीक उनके सामने बैठकर पूरी चुदाई देखी.. मुझे ऐसा करने में कितना मज़ा आ रहा था? जब वो मेरी मम्मी को रंडी कहकर चोद रहा था और मम्मी उसका लौड़ा कितने मज़े से चूसे जा रही थी और में तो यह सब देखकर ही दो बार झड़ गया..
फिर कुछ देर बाद वो दोनों बिल्कुल शांत हो गए और अपने अपने कपड़े पहनकर बाहर आ रहे थे.. तभी मोटे ने मुझे 5000 रुपए दिए और फिर हम घर पर पहुँच गये,, जब हम घर पर पहुँचे.. मेरा और मम्मी का रूम एक ही है और हम दोनों वहीं पर मोटे और मम्मी के चुदाई के बारे में बातें कर रहे थे.. फिर मैंने मम्मी से पूछा कि क्यों बहुत मज़ा आता है ना? तो उसने कहा कि हाँ और तभी मैंने मम्मी से कहा कि मुझे चूचियों पीना है तो मम्मी ने झट से अपना ब्लाउज खोलकर मुझे अपनी तरफ बुलाया और फिर कहा कि यह लो पी लो.. फिर में ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी के चूचियों को पीने लगा और फिर मैंने मम्मी को किस किया और मम्मी के सारे कपड़े खोलकर मम्मी की चूत चाटने लगा तो मम्मी ने मेरा लौड़ा पेंट से बाहर निकाला और वो मेरा लौड़ा देखकर एकदम हैरान हो गई और उसे चूसने लगी और कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद मैंने मम्मी को उस रात में दो बार चोदा और अब तो मम्मी हर रोज़ सुबह उठकर मेरा लौड़ा चूसकर मेरा वीर्य पीती है और फिर अपने काम करती है और उस मोटे के साथ भी मम्मी बहुत खुश है और में भी खुश हूँ,, क्योंकि मुझे पैसे और चुदाई दोनों ही समय समय पर मिल जाते है..
दोस्तों अब तो मोटा अपने दोस्तों को भी लाकर मेरी मम्मी को चुदवाता है और मैंने तो उससे कह दिया है कि एक आदमी का 2000 रुपये.. अब तो अपना खर्चा फुल चालू और अब मेरी मम्मी भी खुश और में भी खुश वो अपनी चुदाई के हमेशा व्यस्त रहती है और में अपनी जिन्दगी में.. दोस्तों यह थी मेरी मम्मी की एकदम सच्ची चुदाई की स्टोरी जिसमें उसने अपनी मर्जी से बहुत बार अपनी चूत,, गांड और मुहं की चुदाई करवाई और मैंने भी बहुत मजे लिए,, अब हम सभी बहुत खुश है..