भैया की साली को चोदा भैया के ससुराल में
दोस्तों मेरा नाम कार्तिक है, आज से मैं ४ साल पहले की कहानी सूना रहा हु जो की बहुत ही हॉट है मेरे लाइफ का एक सुखद एहसास है जो मैं आज आप दोस्तों को शेयर कर रहा हु मेरी ये कहानी सच्ची है आज तक मैंने ये कहानी किसी से शेयर नहीं किया. मैं नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम का नियमति पाठक हु, लोगो की शेयर की हुई कहानियां से मुझे प्रेरणा मिली की मैं भी अपनी कहानी शेयर कर दू जो मेरे और मेरे भैया के साली के बीच में सेक्स सम्बन्ध बना था.
मेरे भैया के साले का सरकारी नौकरी थी वो रायपुर में रहते थे, मैं रायपुर गया था उनके घर में वो वाइफ हस्बैंड और उनकी छोटी बहन नीलम रहती थी, मैं उनलोगो से ज्यादा घुल मिला नहीं था इस वजह से ज्यादा बात चीत नहीं थी, मैं ऐसे भी थोड़ा शर्मीला टाइप का लड़का हु, मेरी उम्र उस समय १८ साल का था, मैं इण्टर का एग्जाम देके वह घूमने गया था. मैं वह दोपहर को ही पहुँच गया था, और खाना पीना खा कर सो गया जब मेरी नींद खुली तो देखा भाभी घर पर नहीं थी और भैया ड्यूटी पर गए हुए थे, मैं उठ कर मुह हाथ धोया गर्मी का दिन था, फिर मैं अपना चप्पल ढूंढने लगा, पर मिल नहीं रहा था मैं कभी इधर देख रहा था कभी उधर मैंने थोड़ा परेशान तो की मेरा चप्पल कहा गया, तभी मैंने देखा की नीलम मुस्कुरा रही थी, तभी मैं समझ गया की दाल में कुछ काल है.
मैंने पूछा नीलम आपने मेरी चप्पल छुपाई तो वो बोली मुझे क्या पता, मैंने कहा नहीं लग तो रहा है की ये काम आपका है, वो बैठ के सब्ज़ी काट रही थी, मैंने उनके पास जाके पूछा ये काम आपका है तो वो कुछ नही नहीं बोली और मुर्कुराने लगी, फिर जैसे मैंने उनके पीछे देखने की कोशिश की तो वो मेरा एक चापल अपने गोद में रख कर दबा दी, मैंने कहा दे दो प्लीज, मुझे जाना है घूमने, तब वो बोली चलो खुद ले लो, मैंने कहा मैं निकाल लूंगा वो बोली निकाल के दिखाओ अगर ताकत है आपने तो, फिर जब वो मेरा चापल दबा राखी थी गोद में तो उनकी दोनों चुचिया आधा बाहर निकल रहा था मुझे देख के बहुत अच्छा लग रहा था तभी मैंने सोचा की चलो मैंने निकाल ही लेता हु जैसे निकालने लगा वो और कस के दबा ली मैंने उनके पीछे से पकड़ा और हाथ हटाने लगा, पर वो भी जवान थी वो भी संघर्ष करने लगी और मैं भी मुझे तो मजा आ रहा था को की मुझे तो उनकी बड़ी बड़ी सुन्दर टाइट चुचिया छूने का मौक़ा पहली बार मिल रहा था, मैं पहली बार किसी लड़की के इतना करीब था मुझे उनकी पसीने की खुसबू क्यों की वो मुझे मदहोश कर रही थी और उनकी कजरारी आँखे जब मेरी तरफ देखती थी तो मेरे दिल के और लौड़े को तार तार कर रहा था.
फिर वो मुझसे हाथ छुड़ाकर भाग गयी और कमरे में चली गयी और पलंग के साइड में छुप गयीं मैंने भी उनके पीछे भागा और उनको फिर से पकड़ लिया तब भी वो मुझे चप्पल नहीं दे रही थी मैं भी यही सोच रहा था की चप्पल दे ही ना क्यों की मैंने नहीं चाहता था की ये कहानी यही खत्म हो, मैंने कहा नहीं दोगो चप्पल बोली नहीं फिर मैंने कहा देखो अच्छा नहीं होगा बोली क्या कर लोगे, मैंने कहा बताऊ बोली बताओ मैंने उनकी चूच को दबा दिया, चूच काफी टाइट था, मस्त गोल गोल बोली इससे क्या हुआ, मैंने फिर दबाया वो बोली कुछ भी नहीं हुआ मैंने फिर दबाया फिर वो बोली कुछ भी नहीं हुआ ये बोलते बोलते और उनकी आवाज़ और मेरी आवाज़ लड़खड़ाने लगी, वो ढीली पद गयी चप्पल हाथ से गिर गया, वो पसीना पसीना हो गयी.
मैंने पूछा भाभी कहा गयी, वो बोली वो रात को आएगी क्यों भैया के साथ सुनार के यहाँ शायद कुछ बनवाना है इसलिए, मैंने उनको चूच पे हाथ रखा वो कुछ भी नहीं बोली और अपना सर झुका ली मैंने कहा आपको बुरा तो नहीं लगा, बोली नहीं वो गीली मिटटी की तरह हो गयी थी मैं जैसा सोच रहा था वो वैसा ही हुए जा रही थी मैंने उनको अपने करीब लाया वो आ गयी गले लगाया वो गले लग गयी मैंने किश किया वो भी किश कर ली, मैंने उनको कस के गले से लगाया और जोर से किस करने लगा और चुचिया दबाने लगा फिर मैंने उनको पलंग पे लिटा दिया और nighty पहनी हुयी थी मैंने ऊपर कर दिया और ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया वो nighty को ऊपर से निाल दी, गोल गोल टाइट चुचिया बाहर गजब का सुन्दर लग रहा था आज तक मैंने कभी भी किसी जवान लड़की की चूची खोल के नहीं देखा था, मैंने दबाना सुरु कर दिया, वो अपने दांत से होठ को काट रही थी मैंने उनके गाल पे गर्दन पे चूच पे पेट पे किश किया और जीभ फिराने लगा, वो मदहोश हो गयी उनके चूची का निप्पल और चूची दोनों टाइट और तना हुआ हो गया, मैंने उनके जांघिये में हाथ डाला ओह्ह्ह म्य्य्य्य्य्य गोद्द्द्द्द्,
उनका चूत गरम हो चूका था मैंने ऊँगली डालने की कोशिश की वो हाथ पकड़ ली, मैंने उनके पेंटी को उतार दिया और चूत को चाटने लगा वो बदहवाश होने लगी मैं फिर वो बोली देर मत करो नहीं तो पागल हो जाउंगी, और मैंने अपना लंड निकाला आज इस हथियार को यूज़ करने का मौक़ा मिल गया, मैंने लंड को उनके चूत पे लगाया और धीरे धीरे घुसाने लगा वो दर्द से कराह रही थी, मैंने फिर से तरय किया और थोड़ा थूक लगा कर चूत के अंदर पूरा लंड दाल दिया, उनकी एक चीख आयी मर गयी मैं, दर्द काफी हो रहा था मेरे लंड में खून लग गया था, फिर मैंने धीरे धीरे चोदना शुरू किया फिर वो नार्मल हो गयी, और फिर मैंने काफी देर तक डिफ़्फरन्स पोजीशन में चुदाई की, चुदाई के बाद मेरे लंड में दर्द होने लगा था क्यों की आजतक मैंने कभी किसी की चुदाई नहीं की थी वो भी कुंवारी चूत में मज़ा आ गया था आज भी याद है और ये एक्सपीरियंस मेरे ज़िंदगी का सबसे अच्छा एक्सपीरियंस था. आपको कहानी कैसी लगी जरूर बताये, आपका दोस्त